औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग पर यूपी के मौलाना बोले- पहले लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार तोड़ो, बताई वजह

UP News: उत्तर प्रदेश में होली के मौके पर कई शहरों में मस्जिदों को तिरपाल ढके जाने की खबरों के बीच मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा मस्जिद को कवर किया गया ताकि कोई रंग न डाल सके ,लेकिन अफसोजनक बात है ,आप बीस साल पहले चले जाइये पहले नहीं होता था. उन्होंने शिवसेना सांसद पर कहा ये बयान बिल्कुल मूर्खतापूर्ण और अज्ञानता पर आधारित है, ये भारत सबका है और भारत में किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी को इजाज़त नहीं है, भारत ने मिलीजुली तहज़ीब और संस्कृतियों के साथ काम किया है, वो ऐसे ही चलता रहेगा. मौलाना ने कहा कि औरंगज़ेब बादशाह के रिश्ते से एमपी साहब जो बातें कह रहे हैं वो बकवास है. इतनी घिनौनी और नफ़रत फैलाने वाली बात क्या है. ये कैसे संभव है? सभी मुग़ल शासकों की इमारतें, उनकी इमारतें, उनकी कब्रें और उनके द्वारा बनाए गए स्मारक तोड़ दिए जाने चाहिए. उन्हें खुद सोचना चाहिए कि सरकार उनके द्वारा बनाए गए भवनों से करोड़ों रुपए कमा रही है और पैसे कमा रही है. 'पहले लाल किला, ताज महल कुतुब मीनार गिराओ'मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा, "अगर औरंगज़ेब आलमगीर बादशाह की कब्र तोड़ने की बात है तो सबसे पहले ताजमहल को तोड़ो, लाल किला तोड़ो, कुतुब मीनार को गिराओ. ये सब मुस्लिम बादशाहों ने बनवाया था. आप यहां गिर नहीं सकते या आपमें इसे गिराने की हिम्मत नहीं है, इसलिए इससे कोई आय मत लीजिए और उसकी आय गरीब मुसलमानों की शिक्षा पर खर्च कीजिए, महाराष्ट्र में उनका पहला शासन था और आज भी वे सत्ता में हैं. आपने हिम्मत क्यों नहीं जुटाई? आपने बुलडोजर क्यों नहीं चलाया? इसलिए यहां कानून कानून की ताकत है. कानून काम करता है. आपकी दान-पुण्यता काम नहीं करेगी. यहां भारत में जो भी कानून के दायरे में है, वह कानून के दायरे में ही रहेगा. कानून की ताकत है. गौरतलब है कि शिवसेना के एक सांसद ने महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को नष्ट किये जाने की बुधवार (12 मार्च) को लोकसभा में मांग की थी. शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा था कि औरंगजेब जैसे क्रूर शख्स की कब्र को संरक्षित करने की कोई जरूरत नहीं है. ये भी पढ़ें: संभल की शाही जामा मस्जिद में होली से पहले पहुंची ASI टीम, फीते से की जा रही नपाई

Mar 13, 2025 - 12:37
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औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग पर यूपी के मौलाना बोले- पहले लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार तोड़ो, बताई वजह
औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग पर यूपी के मौलाना बोले- पहले लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार तोड़ो, बताई वजह

औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग पर यूपी के मौलाना बोले- पहले लाल किला, ताजमहल, कुतुब मीनार तोड़ो, बताई वजह

Netaa Nagari

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मौलाना ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि पहले लाल किला, ताजमहल और कुतुब मीनार को तोड़ा जाए। इस बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो सामाजिक ताने-बाने और ऐतिहासिक धरोहर पर सवाल उठाता है।

मौलाना का बयान और उसकी पृष्ठभूमि

मौलाना का कहना है कि अगर हम औरंगजेब की कब्र को तोड़ने की बात कर रहे हैं, तो फिर हमें देश के ऐतिहासिक स्मारकों पर भी सवाल उठाना चाहिए। उनका मानना है कि इन स्मारकों के पीछे की कहानी को समझने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ताजमहल और लाल किला जैसे धरोहर केवल एक शासक के नाम पर नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास का प्रतीक हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ

औरंगजेब मुग़ल साम्राज्य का एक विवादास्पद शासक रहा है, जिसके शासन काल में कई धार्मिक और सांस्कृतिक विवाद उठे थे। उनके बारे में कई कहानियाँ और निष्कर्ष हैं, लेकिन क्या हमें सिर्फ उसके नाम के आधार पर उसकी विरासत को खत्म कर देना चाहिए? मौलाना का सवाल इस बात पर गहराई से सोचने का है।

मौलाना की टिप्पणी पर प्रतिक्रियाएं

कुछ लोगों ने मौलाना के इस विचार का समर्थन किया है। उनके अनुसार, ऐतिहासिक स्मारकों को तोड़ने की बात करने से पहले, हमें उन स्थलों की ऐतिहासिकता को समझना चाहिए। वहीं कुछ लोगों ने मौलाना की टिप्पणी पर विरोध भी किया है। सोशल मीडिया पर इस पर लगातार चर्चा हो रही है, जहां लोग अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।

समाज में उपजा विवाद

इस तरह के बयानों से समाज में एक नई बहस को जन्म मिलता है, जो इतिहास के प्रति हमारी समझ को चुनौती देती है। क्या हमें अपने अतीत को भुला देना चाहिए, या हमें अपने इतिहास से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए? यह सवाल आज के समाज के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

इस विषय पर मौलाना का बयान न केवल एक राजनीतिक बयान है, बल्कि यह हमारे सामूहिक स्मरण और धरोहर के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। हमें अपने इतिहास को समझने और संरक्षण करने की आवश्यकता है, ताकि हम एक समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ सकें।

Netaa Nagari टीम

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