'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल

उन्होंने कहा, ‘‘समाज का परिवर्तन समाचार पत्रों और मीडिया सहित सभी की जिम्मेदारी है। अच्छी चीजों को समाज के सामने लाया जाना चाहिए, साथ ही जो गलत है उसके बारे में जागरूकता भी होनी चाहिए।’’

Mar 24, 2025 - 00:37
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'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल
'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल

गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया, नितिन गडकरी के बेबाक बोल

नेता नागरी के तहत, इस बार हम चर्चा कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हालिया बयानों पर। उनके इस बेबाकी से भरे भाषण ने मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

नितिन गडकरी का बयान

हालही में, नितिन गडकरी ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उनके मंत्रालय की कोई गलती हो, तो मीडिया को उसे उजागर करने से संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने बयानों में कहा कि पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और अगर कुछ गलत है, तो उसे समय पर बताया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा, "यदि मेरा मंत्रालय किसी भी प्रकार की गलती करेगा, तो मीडिया को उसे साफ-साफ बताना चाहिए।" ये शब्द दर्शाते हैं उनकी ईमानदारी और जिम्मेदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता।

मीडिया की भूमिका

गडकरी के इस बयान की पृष्ठभूमि में यह प्रश्न भी है कि क्या मीडिया वास्तव में अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है? कई बार, सूचना के गलत या एकतरफा होने के मामले सामने आते हैं। गडकरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पत्रकारिता की भूमिका निरपेक्ष होनी चाहिए, और उन्हें हमेशा सच को सामने लाना चाहिए।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

गडकरी के इस बयान को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ नेताओं ने उनके इस दृष्टिकोण की सराहना की है जबकि अन्य ने इसे केवल एक राजनीतिक बयान माना है। विपक्षी दलों का आरोप है कि गडकरी केवल अपनी छवि सुधारने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।

समाज पर प्रभाव

निश्चित तौर पर, नितिन गडकरी का यह स्पष्ट और ठोस बयान समाज में जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहेगा। मीडिया को उसका असली कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने वाला यह बयान एक सशक्त संदेश है। जनता को सही जानकारी देना, एक पत्रकारिता का मूल उद्देश्य होना चाहिए।

निष्कर्ष

गडकरी का यह बयान केवल उनके मंत्रालय के लिए नहीं, बल्कि सभी नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है। सच की खोज में किसी भी स्तर की गलती को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस संवेदनशीलता के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि मीडिया अपनी भूमिका को निभाएगा।

कुल मिलाकर, नितिन गडकरी का यह बयान हमें सही और पारदर्शी पत्रकारिता की आवश्यकता की याद दिलाता है। यह उन सभी राजनीतिक नेताओं के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए जो अपनी गलतियों से मुंह मोड़ते हैं।

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