किशोरी गृहों में बेटियों से संवाद, आत्मनिर्भरता पर जोर : जिला जज और डीएम ने कर निरीक्षण सुविधाओं को और बेहतर बनाने का दिया निर्देश

बाराबंकी, अमृत विचार  : महिला कल्याण विभाग संचालित राजकीय सम्प्रेषण गृह (किशोरी) और राजकीय विशेष गृह (किशोरी) का बुधवार को जिला न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने किशोरियों से सीधे संवाद कर उनकी जरूरतें और सुझाव सुने, साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दिया। निरीक्षण में अधिकारियों ने रसोईघर, शौचालय, आवासीय कक्ष और प्रशिक्षण कक्ष देखे। स्वच्छता और संसाधनों पर संतोष जताते हुए उन्होंने सुविधाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने कहा कि किशोरियों की...

Aug 27, 2025 - 18:37
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किशोरी गृहों में बेटियों से संवाद, आत्मनिर्भरता पर जोर : जिला जज और डीएम ने कर निरीक्षण सुविधाओं को और बेहतर बनाने का दिया निर्देश

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बारा बैंक, अमृत विचार : महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय सम्प्रेषण गृह (किशोरी) एवं राजकीय विशेष गृह (किशोरी) का बुधवार को जिला न्यायाधीश प्रतिमा श्रीवास्तव, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने किशोरियों से सीधे संवाद कर उनकी जरूरतें और सुझाव सुने। साथ ही, अधिकारियों ने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दिया।

लड़कियों से संवाद और उनकी आवश्यकताएं

निरीक्षण के दौरान, जिला जज और जिलाधिकारी ने किशोरियों के साथ खुलकर बातचीत की और उनके सुझावों को गंभीरता से सुना। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि बेटियों की सभी जायज मांगों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि किशोरियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और भोजन तथा आवासीय सुविधाओं में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वच्छता और संसाधन जाँच

निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों ने रसोईघर, शौचालय, आवासीय कक्ष और प्रशिक्षण कक्ष की स्थिति का गहनता से अवलोकन किया। उन्होंने स्वच्छता और मौजूदा संसाधनों पर संतोष व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि सुविधाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। जिले के विकास के लिए यह आवश्यक है कि किशोरियों को उपयुक्त पर्यावरण मिल सके ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर

अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम किशोरियों को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा और उन्हें रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध कराएगा। इस पहल का उद्देश्य किशोरियों में आत्मविश्वास और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है।

नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था

डीएम और जिला जज ने स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। यह आवश्यक है कि किशोरियों का स्वास्थ्य सही रहे और उन्हें किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े।

किशोरी गृहों में की गई इस पहल ने ये दर्शाया है कि प्रशासन बेटियों के उत्थान के प्रति कितनी गंभीरता से कार्य कर रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि बेटियों को सुरक्षा और शिक्षा के साथ साथ उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए।

कुल मिलाकर, यह निरीक्षण एक सकारात्मक दिशा में एक कदम है, जहां जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बेटियों की भलाई और विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।

एसीसी की यह पहल समाज में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजती है कि हर लड़की को आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है। हमें उम्मीद है कि प्रशासनिक निर्णयों से किशोरियों का जीवन बेहतर बनेगा।

हम सभी को बेटियों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा का समर्थन करना चाहिए। प्रशासन से यह अपेक्षा है कि वे किशोरियों के सुझावों को और गंभीरता से लेकर उनकी जीवन स्थितियों को सुधारने के लिए तेजी से कार्य करें।

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