अमेरिका में इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ से भारत पर क्यों नहीं पड़ेगा असर? आंकड़ों से समझिए

यात्री कारों के मामले में भारत ने 2024 में अमेरिका को मामूली 83 लाख अमरीकी डॉलर मूल्य के वाहन निर्यात किए। यह देश के कुल निर्यात 6.98 अरब अमरीकी डॉलर का सिर्फ 0.13 प्रतिशत है।

Mar 27, 2025 - 14:37
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अमेरिका में इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ से भारत पर क्यों नहीं पड़ेगा असर? आंकड़ों से समझिए
अमेरिका में इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ से भारत पर क्यों नहीं पड़ेगा असर? आंकड़ों से समझिए

अमेरिका में इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ से भारत पर क्यों नहीं पड़ेगा असर? आंकड़ों से समझिए

Netaa Nagari

लेखकों की टीम: रिया शर्मा, प्रिया वर्मा और साक्षी अग्रवाल

परिचय

हाल ही में अमेरिका ने इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है। यह निर्णय अमेरिका के स्थानीय उद्योग की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। लेकिन क्या इसका असर भारत जैसे देशों पर पड़ेगा? आइए आंकड़ों के माध्यम से जानें कि भारत पर इसका असर क्यों नहीं पड़ेगा।

टैरिफ का अर्थ और उसके प्रभाव

टैरिफ एक प्रकार का कर है जिसे सरकार विदेश से आने वाले उत्पादों पर लागू करती है। जब अमेरिका अपने इंपोर्टेड व्हीकल्स पर टैरिफ बढ़ाता है, तो इसका सीधा असर उन देशों पर पड़ता है जो अपने वाहनों का निर्यात अमेरिका करते हैं। लेकिन भारत में स्थिति थोड़ी भिन्न है।

भारत की वाहन उद्योग की स्थिति

भारत में वाहन उद्योग तेजी से विकास कर रहा है। 2022 में भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने 30% वृद्धि दर दर्ज की। भारत में निर्मित वाहनों की गुणवत्ता और कीमत प्रतिस्पर्धी है, जिससे भारतीय निर्माता अमेरिका में अपनी जगह बनाने में सफल हो रहे हैं।

आंकड़ों की बात करें तो

विभिन्न आंकड़े यह बताते हैं कि भारत अमेरिका को अपेक्षाकृत कम संख्या में वाहनों का निर्यात करता है। 2022 में भारत का अमेरिका में निर्यात महज 1.5 बिलियन डॉलर था, जबकि एक बड़ी संख्या दूसरे देशों से निर्यातित वाहनों की थी। इसीलिए, टैरिफ का असर भारत पर सीमित होगा।

स्थानीय उत्पादन पर जोर

भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों का उत्पादन बढ़ रहा है। अमेरिका के द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफों का मुख्य उद्देश्य विदेशी निर्माताओं को प्रभावित करना है, लेकिन भारतीय निर्माता जो स्थानीय स्तर पर अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं, उन पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा।

कुल मिलाकर

इस प्रकार, अमेरिका में बढ़ते टैरिफ का भारत के वाहन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत की स्थानीय उत्पादन क्षमता इसे इस दबाव से सुरक्षित रखेगी। यह समय भारत के लिए प्रगति का है, और हमें अपनी ताकतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अंत में, अगर आप और जानना चाहते हैं तो नेटानागरी.कॉम पर जाएं।

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