अमरोहा में फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर गिरफ्तार, बीड़ी कारोबारी से 25 लाख रुपये वसूलने था पहुंचा
UP News: अमरोहा के नौगांवा सादात कस्बे में रहने बीड़ी कारोबारी से वसूली करने पहुंचे उत्तराखंड निवासी फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर को पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ लिया. जबकि, उसके तीन साथी भाग निकले. शातिर पिछले पांच दिन से कारोबारी को फोन करके कारखाने और घर पर छापा मारने की धमकी दे रहे थे. कार्रवाई से बचने के लिए कारोबारी से 25 लाख रुपये की मांग की जा रही थी. पुलिस पकड़े गए फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर से पूछताछ कर रही है और मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. नौगांवा सादात कस्बे के रहने वाले मोहम्मद आरिफ बीड़ी कारोबारी हैं. उनका मोहल्ला नई बस्ती में कारखाना है. आरोप है कि कारोबारी मोहम्मद आरिफ के मोबाइल पर पिछले पांच दिन से कुछ अननोन नंबरों से कॉल आ रही थी. फोन करने वाले लोग खुद को दिल्ली सीबीआई दफ्तर से बता रहे थे. पीड़ित का कहना था कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उनके पास कारखाना और घर पर छापा मारने का आदेश मिला है. इसके अलावा भी उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं, लगातार पांच दिनों से फोन आ रहा था. सीबीआई दफ्तर से फोन आने के बाद कारोबारी मोहम्मद आरिफ परेशान थे. लगातार फोन आने के कारण उन्होंने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया. मंगलवार की शाम उन्होंने अपना मोबाइल खोला तो फिर से कॉल आनी शुरू हो गईं. जिससे कारोबारी परेशान होकर घबराने लगा. और एक दिन फोन करने वाले लोगों ने बताया कि बुधवार सुबह सीबीआई के इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह रावत नौगांवा सादात पहुंच रहे हैं और उनके पास शिकायतों की फाइल है. यदि कार्रवाई नहीं चाहते तो 25 लाख रुपये देकर मामला रफादफा कर लेना. फर्जी पत्र पर था बीड़ी कारखाने पर छापा मारने का आदेश जब बुधवार दोपहर एक व्यक्ति उनके कारखाने पर पहुंचा और उसने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर भूपेंद्र रावत बताया. उसने दिल्लीसीबीआई के सीओ के नाम वाला एक फर्जी पत्र भी दिखाया. जिस पर बीड़ी कारखाने पर छापा मारने का आदेश दर्ज था. भूपेंद्र ने बीड़ी कारोबारी मोहम्मद आरिफ से 25 लाख रुपये की मांग की. शक होने पर कारोबारी ने पुलिस को दी सूचना कारोबारी ने रकम का इंतजाम नहीं होने की बात कही तो फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर ने कहा जितने पैसे इस समय उपलब्ध हैं वो दे दो बाकी रुपये बाद में देने की बात कही. व्यपारी को पैसे व कुछ चीजों से शक होने लगा. बीड़ी कारोबारी शक हुआ तो उन्होंने दूसरे कमरे में जाकर डायल 112 पुलिस को बुला लिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर को पकड़ लिया और थाने ले आई. क्या बोले एसपी अमरोहा इस पूरे मामले पर अमित कुमार आनंद एसपी अमरोहा जानकारी देते हुए कहा की पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम भूपेंद्र रावत निवासी गांव बैलोड़ी थाना सतवुली जिला पौढ़ी गढ़वाल उत्तराखंड बताया. जबकि मौके से भागने वाले साथी का नाम संतोष कुमार निवासी गांव देवराड़ी थाना सतवुली जिला पौढ़ी गढ़वाल बताया. इसके साथ ही दो आरोपी कस्बा नौगांवा सादात के शामिल बताए जा रहे हैं. कारोबारी की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज की FIR एसपी अमरोहा ने कहा चारों का उद्देश्य बीड़ी कारोबारी को डरा कर रुपये वसूलना था. बीड़ी कारोबारी से वसूली करने पहुंचे उत्तराखंड के व्यक्ति को पकड़ा है, उसके तीन साथी भाग गए हैं. कारोबारी की तहरीर पर फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पकड़े गए फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर से पूछताछ की जा रही है, उसके अन्य साथियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. (अमरोहा से मोहम्मद हारिस की रिपोर्ट) रामनवमी से पहले अयोध्या में तैयारियों का जायजा लेंगे सीएम योगी, कई कार्यक्रमों में होंगे शामिल

अमरोहा में फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर गिरफ्तार, बीड़ी कारोबारी से 25 लाख रुपये वसूलने था पहुंचा
टैगलाइन: नेता Nagari
लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेता नागरी
परिचय
अमरोहा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां एक व्यक्ति को फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर के रूप में गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने एक बीड़ी कारोबारी से 25 लाख रुपये वसूलने की योजना बनाई थी। यह मामला न केवल स्थानीय समुदाय में उत्सुकता का विषय बना हुआ है, बल्कि यह कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाता है।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने अपने आपको सीबीआई इंस्पेक्टर बताकर बीड़ी कारोबारी को परेशान करना शुरू किया था। उसने कारोबारी को धमकी दी कि यदि वह 25 लाख रुपये नहीं देता, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कारोबारी की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपित के कब्जे से कई दस्तावेज और एक फर्जी पहचान पत्र भी बरामद किया है जो उसकी जालसाजी को दर्शाता है।
पुलिस की कार्रवाई
अमरोहा पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद उसकी गहन पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी कई अन्य लोगों को भी अपनी जालसाजी का शिकार बना चुका है। यह भी पता चला है कि आरोपी ने पहले भी ऐसे ही मामलों में फंसने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार उसके युक्तियों का पर्दाफाश हो गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय लोगों को चौंका दिया है। कई लोगों ने इस तरह की जालसाजी की कड़ी निंदा की है और पुलिस से अपील की है कि वे ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। स्थानीय बाजार में व्यापारी संगठनों ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की है।
निष्कर्ष
फर्जी सीबीआई इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि कैसे कुछ लोग कानून का उल्लंघन करके दूसरों को डराने का प्रयास करते हैं। इस मामले से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में हमें सतर्क रहना चाहिए और जालसाजों के बारे में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना आवश्यक है।
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