सूबे के नर्सिंग कॉलेजों में पूर्व की भांति रहेगी प्रवेश प्रक्रिया
विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय देहरादून: चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेशभर के राजकीय एवं निजी नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया इस बार भी पूर्व की भांति आयोजित की जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। […] Source Link: सूबे के नर्सिंग कॉलेजों में पूर्व की भांति रहेगी प्रवेश प्रक्रिया

सूबे के नर्सिंग कॉलेजों में पूर्व की भांति रहेगी प्रवेश प्रक्रिया
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विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय
देहरादून: चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेशभर के राजकीय एवं निजी नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया इस बार भी पूर्व की भांति आयोजित की जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिये प्रवेश प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इस निर्णय से छात्रों और उनके अभिभावकों में संतोष और राहत की भावना है।
बैठक का उद्देश्य और निर्णय
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज दून मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रशासन, निजी नर्सिंग कॉलेज एसोशिएशन के पदाधिकारियों व विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया को समय पर शुरू करना था, ताकि किसी भी तरह की देरी न हो सके।
प्रवेश प्रक्रिया को लेकर मुख्य बातें
बैठक में मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि नर्सिंग पाठ्यक्रमों में अभी तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू न करने पर उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और शासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि छात्रों के भविष्य के साथ कोई खेल नहीं होना चाहिए।
नर्सिंग कॉलेज के एसोशिएशन के पदाधिकारियों ने दावा किया कि विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रवेश परीक्षा के तहत निजी कॉलेजों की 50 फीसदी सीटेंभर पाना संभव नहीं है। उन्होंने पूर्व की भांति 50 फीसदी सीटें निजी संस्थान संचालकों को भरने की अनुमति देने की मांग की। इस पर डॉ. ओकांर सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि प्रवेश परीक्षा के उपरांत यदि सीटें रिक्त रह जाएं तो निजी संस्थान अर्हता अनुसार उन्हें भर सकते हैं।
भविष्य की योजना
बैठक में यह भी तय किया गया कि अगले शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया जाएगा। इसके लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें दो सदस्य निजी नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन से भी होंगे। इस समिति की रिपोर्ट और आईएनसी की गाइडलाइन के आधार पर शासन नई गाइडलाइन जारी करेगा।
इस निर्णय के साथ ही सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे समय सीमा का ध्यान रखते हुए प्रवेश प्रक्रिया को निर्धारित समय पर पूरा करें।
नरसिंह कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर यह सभी बातें आने वाले छात्रों के लिए अहम हैं। छात्रों को यह जानकर राहत मिली होगी कि उन्हें पूर्व की भांति ही नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए कोई अतिरिक्त बाधा नहीं झेलनी पड़ेगी।
हमारा निष्कर्ष: नर्सिंग कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया का यह स्पष्ट और पारदर्शी दृष्टिकोण छात्रों के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे नर्सिंग के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार संभव हो सकता है। हमें उम्मीद है कि इस प्रवेश प्रक्रिया से छात्रों को उनके लक्ष्य तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
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