गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए आपदा संभावित क्षेत्रों में साल भर पहल – डॉ0 मनोज कुमार शर्मा

देहरादून: सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ0 मनोज कुमार शर्मा द्वारा राष्टीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जनपदस्तरीय भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य के अंतर्गत संस्थागत प्रसव, ए.एन.सी. चैकअप, टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, मातृ एवं शिशु मृत्युदर, शिशु एवं बाल स्वास्थ्य, गैर संचारी रोगों, संचारी रोगों, डेंगू अभियान, टीबी […] Source Link: आपदा संभावित क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को वर्षाकाल से पहले प्रसव केंद्रों में किया जाएगा भर्ती – डॉ0 मनोज कुमार शर्मा

Jun 24, 2025 - 09:37
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गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए आपदा संभावित क्षेत्रों में साल भर पहल – डॉ0 मनोज कुमार शर्मा
आपदा संभावित क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को वर्षाकाल से पहले प्रसव केंद्रों में किया जाएगा भर्ती – डॉ0 मनोज कुमार शर्मा

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए आपदा संभावित क्षेत्रों में साल भर पहल – डॉ0 मनोज कुमार शर्मा

देहरादून: सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून, डॉ0 मनोज कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में स्वास्थ्य के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे संस्थागत प्रसव, ए.एन.सी. चैकअप, टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर, और शिशु एवं बाल स्वास्थ्य के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अलावा, गैर संचारी और संचारी रोगों, डेंगू अभियान, एवं टीबी मुक्त भारत जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना

बैठक के दौरान, डॉ0 मनोज कुमार शर्मा ने जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और ब्लॉक चिकित्सा इकाई के चिकित्सा अधीक्षकों से कहा कि वे ऐसे गर्भवती महिलाओं की पहचान करें जिनकी प्रसव तिथि मानसून के दौरान हो सकती है। उन्होंने निर्देश दिया कि इन महिलाओं को उनकी संभावित प्रसव तिथि से एक सप्ताह पहले नजदीकी चिकित्सा केंद्र में भर्ती किया जाए ताकि उनका सुरक्षित संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जा सके।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना

डॉ0 शर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को शत प्रतिशत पूरा करने की आवश्यकता है। उन्होंने ए.एन.सी. चैकअप और संस्थागत प्रसव पर जोर दिया ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके। उन्होंने मां एवं बच्चे के तेज टीकाकरण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता व्यक्त की। इसके अलावा, स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर संभावित लक्षणों वाले मरीजों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रेफर करने और उनकी निगरानी को भी महत्त्व दिया गया।

संचारी रोगों की रोकथाम के उपाय

संचारी रोगों के नियंत्रण पर चर्चा करते हुए, डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविड और डेंगू के मामलों को सही तरीके से सामान्य नहीं किया जाना चाहिए। सभी चिकित्सा इकाइयों को निर्देश दिया गया है कि वे पॉजिटिव केसों को सही रूप से सत्यापित कर पोर्टल पर दर्ज करें। खासकर मानसून के दौरान, डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि इसकी संभावित लहर को रोक सके।

निष्कर्ष

बैठक के अंत में, डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए और इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी योजनाएं समय पर और प्रभावी रूप से लागू की जाएं। गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले सभी कदमों का क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है।

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लेखक: कविता रानी, प्रिया वंशिका, टीम नेटआनागरी

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