एकनाथ शिंदे पर CM देवेंद्र फडणवीस के फैसले हुए हावी? इस बात से शिवसेना के मंत्री हुए नाराज
Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम पद से लेकर मंत्रिमंडल में भागीदारी तक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की पार्टी शुरू से ही महायुति में नाराज बताई जा रही है. सीएम देवेंद्र फडणवीस को लेकर शिंदे बार बार नाराज होते हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ दिन पहले शिंदे रायगढ़ के पालकमंत्री पद को लेकर नाराज चल रहे थे अब शिवसेना के नाराज होने की नई कहानी सामने आई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के मंत्रियों की महत्वपूर्ण फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में अटकी पड़ी हैं, जिससे आदेश जारी नहीं हो रहे हैं. इस स्थिति को लेकर शिवसेना के मंत्री काफी नाराज हैं. शिवसेना मंत्रियों के निजी सहायकों (PA) और विशेष कार्यकारी अधिकारियों (OSD) की नियुक्ति की फाइलें कई दिनों से CMO में लंबित हैं. इस वजह से मंत्रियों को बिना इन अधिकारियों के ही अपना कामकाज संभालना पड़ रहा है, जिससे प्रशासनिक कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. बावजूद इसके, कई अनुरोधों के बावजूद फाइलों को मंजूरी नहीं मिल रही, जिससे शिवसेना के मंत्री असंतोष व्यक्त कर रहे हैं. आखिर मामला क्या है ? शिवसेना के सबसे शीर्ष मंत्री उदय सामंत, संजय राठौड़, गुलाबराव पाटील, दादा भुसे, शंभुराज देसाई और प्रकाश आबिटकर को कोई अधिकारी नहीं दिया गया है. असल में जो नाम शिवसेना मंत्रियों की तरफ से दिए गए हैं वे नाम सीएमओ ऑफिस से मंजूर नहीं हो रहे हैं. कहीं पीएस और ओएसडी 2014 से कही विभागों में काम कर रहे हैं. इन अधिकारोंयों को फिर ये मौका ना देने का फैसला सीएमओ से लिया गया है ऐसी जानकारी है. कैबिनेट में शिवसेना के मंत्री उठाएंगे आवाज इस सप्ताह होने वाली कैबिनेट की बैठक में शिवसेना के मंत्री सीएम फडणवीस के सामने यह मुद्दा उठाने वाले हैं. शिंदे के सभी मंत्री पहले प्री-कैबिनेट की बैठक करेंगे और उसके बाद कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर आवाज उठाएंगे. फडणवीस ने बनाए कड़क कानून राज्य में नई सरकार बनने के बाद बीजेपी ने निजी सहायकों और OSD की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया था. इसके तहत अब प्रत्येक मंत्री के लिए नियुक्त किए जाने वाले अधिकारियों की पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है. इस प्रक्रिया के कारण शिंदे गुट के मंत्रियों के PAs और OSDs की नियुक्ति लंबित है. जिन मंत्रियों को अभी तक ये अधिकारी नहीं मिले हैं. उद्योग मंत्री उदय सामंत भी नाराज उद्योग मंत्री उदय सामंत ने भी सरकार के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपने ही उद्योग विभाग के प्रधान सचिव और CEO को पत्र लिखकर गहरी असहमति जताई है. सामंत ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (MIDC) और उद्योग विभाग में कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले प्रशासनिक स्तर पर लिए जा रहे हैं, लेकिन मंत्रियों को विश्वास में नहीं लिया जा रहा. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि नीतिगत निर्णयों और महत्वपूर्ण कामकाज को लेकर सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित रूप से मंत्रियों को जानकारी देनी होगी. उनका कहना है कि अधिकारियों द्वारा स्वतंत्र रूप से फैसले लेना और मंत्रियों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है. ये भी पढ़ें- राज ठाकरे से मुलाकात पर आया CM देवेंद्र फडणवीस का बयान, बोले- 'मेरे करीबी दोस्त...'

एकनाथ शिंदे पर CM देवेंद्र फडणवीस के फैसले हुए हावी? इस बात से शिवसेना के मंत्री हुए नाराज
Netaa Nagari - इस लेख में हम देखेंगे कि कैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले एकनाथ शिंदे पर हावी हो रहे हैं। साथ ही, ये फैसले शिवसेना के मंत्रियों को कैसे नाराज कर रहे हैं। लेख को श्रीमती अंजलि शर्मा और श्रीमती कुमुदिनी चोपड़ा ने मिलकर लिखा है।
परिचय
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हलचल मची हुई है। सीएम देवेंद्र फडणवीस के हालिया फैसलों ने न केवल राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया है, बल्कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह के भीतर भी असंतोष की लहर पैदा कर दी है। ये घटनाक्रम उस समय हो रहा है जब राज्य में आगामी चुनावों की तैयारी जोरों पर है।
फडणवीस के फैसले और उसकी पृष्ठभूमि
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा असर राज्य की राजनीति पर पड़ रहा है। इन फैसलों में जो शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में कई बदलाव शामिल हैं। उन्होंने जिस तरह से ये मुद्दे उठाए हैं, वह यह संकेत देता है कि फडणवीस अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।
एकनाथ शिंदे पर दबाव
हालांकि, इन निर्णयों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना के मंत्रियों को नाराज कर दिया है। उनका मानना है कि फडणवीस उनकी वरिष्ठता और निर्णय लेने की क्षमता का सम्मान नहीं कर रहे हैं। इससे उनके नेताओं के बीच असंतोष बढ़ता जा रहा है, जिससे पार्टी की एकता को खतरा पैदा हो सकता है।
शिवसेना के मंत्री क्यों नाराज हैं?
शिवसेना के मंत्रियों का कहना है कि फडणवीस ने कुछ फैसले बिना उनकी राय लिए लिए हैं। इससे न केवल उनके राजनीतिक करियर पर असर पड़ सकता है, बल्कि उन्हें अपने कार्यकर्ताओं के सामने भी एक कमजोर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। यह असंतोष अपने आप में एक महत्वपूर्ण संकेत है कि एकनाथ शिंदे की स्थिति राजनीति में लगातार कमजोर हो रही है।
राजनीतिक भविष्य की संभावनाएं
कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि फडणवीस के हालिया निर्णयों से महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन बदल सकता है। ऐसे में एकनाथ शिंदे को अपने मंत्रियों के साथ मिलकर नया लक्ष्य निर्धारित करना होगा। यदि वे सफल नहीं होते हैं, तो उनके लिए खुद को इस राजनीतिक भंवर से निकाल पाना मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, सीएम देवेंद्र फडणवीस के फैसले एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। राजनीतिक पार्टियों के बीच संभावित टकराव में यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। हमें देखना होगा कि शिवसेना अपने मंत्रियों के नाराजगी के मुद्दे को कैसे संभालती है और क्या एकनाथ शिंदे अपने प्रभाव को बनाए रख पाएंगे या नहीं।
फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीतिक साड़ी में अनेक रंग नज़र आ रहे हैं। इस पर निगरानी रखे और अन्य समाचार अपडेट के लिए, Netaa Nagari पर जाएं।
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