‘आपरेशन सिंदूर’ एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश

पहलगाम आतंकी हमले में सुहागनों के सिन्दूर को उजाड़ने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए ‘आपरेशन सिंदूर’ की सफलतम कार्रवाई हर भारतीय के सीने को गर्व से भरने वाली है। बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की कई सटीक, संयमित एवं नपी-तूली कार्रवाई पाकिस्तान को करारा सबक एवं सख्त संदेश है। निश्चित ही अब भारत की आत्मा पर होने वाले हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ‘आपरेशन सिंदूर’ में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान में मौजूद 90 आतंकी मारे गए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारत भीतर घूस कर मारता है, इस बार भी उसने बिना पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किये, आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने का कार्य किया, जो बहुत सराहनीय कदम है, गौरवान्वित करने और जोश से भर देनेवाली साहसिक एवं अनूठी घटना है।‘आपरेशन सिंदूर’ से आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक पहल हुई है। शांति का आश्वासन, उजाले का भरोसा भारत से ही क्यों किया जाता है, कब तक हम अपनी मानवीयता एवं संवेदनशीलता को दर्शाते रहेंगे? इस बार समूचा देश एकजुट हुआ, उन्हें तो आतंक का माकूल जबाव चाहिए था, पाकिस्तान में पोषित हो रहे आतंकवाद के लिये कठोर कार्रवाई चाहिए थी। वायुसेना की इस कार्रवाई से न केवल भारत को बल्कि समूची दुनिया को राहत की सांसें मिली हैं। इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को बेहद सख्त और निर्णायक संदेश दिया है कि अब आतंकवाद नहीं चलेगा। भारत ने किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम बरता है। नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइलों से हवाई हमला किया गया। ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया था, पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद, यह जवाब भारतीय बहनों एवं सुहागिनों के लिए एक उचित प्रतिशोध है, जिन्होंने बर्बर आतंकी हमले में अपने पतियों को खो दिया।इसे भी पढ़ें: सिंदूर के ठीक पूर्व जाति जनगणना- नीलकंठाय संघवे अमृतेषाय सर्वायभारत के बदले की कार्रवाई का समय भी महत्वपूर्ण है। एयर स्ट्राइक एक हिंदू परिवार में मौत के बाद शोक के 13 दिन (तेरहवीं) के बाद हुई और हमारी बहनों एवं पीड़ितों को उचित न्याय मिला है। भारतीय वायु सेना द्वारा अपनी सीमा के भीतर से दागी गई सटीक मिसाइलों के माध्यम से मुजफ्फराबाद, कोटली, गुलपुर, भिमबर, सियालकोट, चक अमरू, मुरीदके और बहावलपुर में केवल ज्ञात और पहचाने गए आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत ने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के कुख्यात आतंकी मुख्यालय को नष्ट कर स्पष्ट संदेश दिया है। जैश-ए-मोहम्मद चीफ हाफिज सैयद द्वारा बनाया गया यह स्थान आतंक का केंद्र, प्रयोगशाली एवं नर्सरी बन गया था। आगे भी भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं। भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की बहानेबाजी एवं आतंकवाद को लगातार प्रोत्साहन एवं पल्लवन देने की स्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि उसे न केवल सबक सिखाया जाए, बल्कि यह संदेश भी दिया जाए कि भारत अब उसकी चालबाजी में आने वाला नहीं है।यदि भारत ने पाकिस्तान और वहां पल-पल पनप रहे आतंकवाद को सबक नहीं सिखाया तो वे पुलवामा, उरी, पहलगाम जैसी दुखद घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सच्चे राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्रनायक की भांति आतंकवाद की अनिर्णायक स्थिति में निष्पक्षता एवं कठोरता का पार्ट अदा किया हैैं। अब तक हमने सदैव ”क्षमा करो और भूल जाओ“ को वरीयता दी है। यही कारण है कि आतंकवाद बढ़ता गया, आतंकवादी पनपते गये, निर्दोष लाशें बिछती रही। अब यह वक्त बताएगा कि पाकिस्तान कोई सही सबक सीखता है या नहीं, लेकिन इसमें दोराय नहीं कि एयर स्ट्राइक से बिना उसकी सीमा में घुसे बड़े आतंकी अड्डे पर हमला करके यह बता दिया कि भारत के सहने की एक सीमा है, उसके धैर्य का बांध टूट गया है। पाकिस्तानी सेना की उन्मादी मानसिकता एवं विकृत सोच को हम जानते हैं कि वह अपनी गंदी चालों से बाज नहीं आयेगा। लेकिन भारतीय सैन्य बल के सामने वह टिक नहीं पाएंगे। इस बार भारत पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीयों ने भी मोदी सरकार के नेतृत्व के पीछे अभूतपूर्व एकता दिखाई है। जाहिर है कि पाकिस्तान बड़े-बड़े दावे करेगा और दुनिया के सामने विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश करेगा। लेकिन पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश मिल गया है भारत के साथ खिलवाड़ न करें। फिलहाल पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय मिल गया है। पाकिस्तान से आतंक की जड़ों को मिटाने का यह स्पष्ट और सार्थक कदम है।पाकिस्तान ने संयम एवं इंसानियत को छोड़ दिया है, उसने मर्यादा और सिद्धान्तों के कपड़े उतार कर नंगापन को ओढ़ लिया है। पूर्वाग्रह एवं आतंकवादी अहंकार के कारण वह विवेक शून्य हो गया है। उसको एवं उसके द्वारा पोषित आतंकवाद को परास्त करना जरूरी हो गया था, उसको परास्त करने का अर्थ उसे काबू में कर सही रास्ते पर लाना नहीं बल्कि आतंकवाद नेस्तनाबूद करना है। अब भी यदि वह सबक नहीं सिखता है तो उसका संकट बढ़ सकता है। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान युद्ध की मानसिकता से ग्रस्त है। उसे यह भी समझ आना चाहिए कि परमाणु बम के इस्तेमाल की उसकी धमकियां अब काम आने वाली नहीं। हर आतंकवादी घटना मानवीयता को घायल करती है और हर ऐसी जलने वाली लाश का धुआं मानवता पर कालिख पोत देता है। लेकिन आतंकवाद के शमन का रास्ता खोल कर भारत ने दुनिया को भी आश्वस्त किया है कि अब आतंकवाद की दिन लद गये है। भारत की कार्

May 8, 2025 - 18:37
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‘आपरेशन सिंदूर’ एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश
‘आपरेशन सिंदूर’ एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश

‘आपरेशन सिंदूर’ एक सार्थक पहल और सख्त सन्देश

Netaa Nagari द्वारा : राधिका शर्मा

परिचय

‘आपरेशन सिंदूर’ एक अहम सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को मजबूत करना है। इस अभियान का नारा है, “एक महिला की सुरक्षा, पूरे समाज की सुरक्षा।” यह पहल केवल एक सख्त संदेश नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के प्रति समर्पण और उनकी गरिमा को भी बढ़ाती है।

‘आपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि

इस पहल की शुरुआत महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में हुई, जिसमें सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग शामिल है। इसे विभिन्न शहरों में लागू किया जा रहा है, जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अभियान का लक्ष्य लड़कियों और महिलाओं को और अधिक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है।

मुख्य उद्देश्य और प्रक्रियाएँ

‘आपरेशन सिंदूर’ का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। इसके तहत कई गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीकों का प्रशिक्षण
  • सुरक्षा सेवाओं का सुदृढ़ीकरण
  • समाज में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाना
  • महिला हेल्पलाइन और पुलिस सेवाओं का सुधार

महिलाओं की सशक्तिकरण के दिशा में प्रभाव

इस पहल के जरिए, महिलाओं को न केवल सुरक्षा का आश्वासन दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों से भी अवगत कराया जा रहा है। इससे एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत हो रही है, जहाँ महिलाएँ अपने विचार व्यक्त करने में सक्षम हैं।

निष्कर्ष

‘आपरेशन सिंदूर’ एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल महिलाओं के लिए एक संजीवनी के रूप में कार्य कर रही है, बल्कि पूरे समाज को जागरूक कर रही है। यह एक सख्त सन्देश है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज का मुख्य दायित्व है। हमें इस पहल को समर्थन देने की जरूरत है, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।

इस पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया netaanagari.com पर जाएँ।

Keywords

Operation Sindoor, women empowerment, women's safety campaign, self-defense training, social awareness, Netaa Nagari, women rights, security services.

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