बदायूं: साल 2017 में बनने के बाद अब आठ साल बाद शुरू हुई लाइब्रेरी
बदायूं, अमृत विचार। शहर के मोहल्ला सोथा के भंडार कुंआ में शहीदें-ए-बगदाद हजरत शेख के नाम से बनी लाइब्रेरी का मुख्य अतिथि जिला काजी हजरत अतीफ मियां कादरी और विशिष्ठ अतिथि पूर्व मंत्री आबिद रजा ने उद्घाटन किया। लाइब्रेरी बनाने का काम पूर्व मंत्री ने अपने विधायक के कार्यकाल में शुरू कराया था। 25 अगस्त 2015 को जिला काजी मरहूम हजरत सालिम मियां और पूर्व मंत्री ने लाइब्रेरी की बुनियाद रखी थी। साल 2017 में लाइब्रेरी बन चुकी थी लेकिन शुरूआत नहीं हो सकी थी। फात्मा रजा के नगर पालिका का चेयरमैन बनने के बाद अब आठ साल पुरानी लाइब्रेरी...
बदायूं: साल 2017 में बनने के बाद अब आठ साल बाद शुरू हुई लाइब्रेरी
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बदायूं, अमृत विचार। शहर के मोहल्ला सोथा के भंडार कुंआ में शहीदें-ए-बगदाद हजरत शेख के नाम से बनी लाइब्रेरी का मुख्य अतिथि जिला काजी हजरत अतीफ मियां कादरी और विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री आबिद रजा ने उद्घाटन किया। लाइब्रेरी बनाने का काम पूर्व मंत्री ने अपने विधायक के कार्यकाल में शुरू कराया था।
लाइब्रेरी का उद्घाटन
25 अगस्त 2015 को जिला काजी मरहूम हजरत सालिम मियां और पूर्व मंत्री ने लाइब्रेरी की बुनियाद रखी थी। साल 2017 में लाइब्रेरी बन चुकी थी लेकिन इसके उद्घाटन का इंतजार था। अब, नगरपालिका के चेयरमैन फात्मा रजा के प्रयासों से, इस आठ साल पुरानी लाइब्रेरी का कार्य正式 शुरू हुआ है।
ज्ञान का महत्व
मुख्य अतिथि जिला काजी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इल्म इंसान की जिंदगी में बहुत अहम है। इल्म की वजह से इंसान सर्वोच्च रचना है। उन्होंने लाइब्रेरी बनाने के लिए पूर्व मंत्री और पालिका चेयरमैन को धन्यवाद दिया। विशिष्ट अतिथि ने इस अवसर पर कहा कि शहीदें ए बगदाद हजरत शेख को किताबों से बहुत प्यार था, और उनकी याद में बनाई गई लाइब्रेरी सभी मजहब के लोगों के लिए शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगी।
कम्युनिटी की भागीदारी
लाइब्रेरी की स्थापना केवल एक जरूरी कदम नहीं है, बल्कि यह शहर के बुद्धिजीवियों और युवाओं का एक दायित्व भी है। सभी शहरवासियों से अपील की गई कि वह लाइब्रेरी का ध्यान रखें और इसे जीवित रखें। मशहूर बदायूंनी लेखक जकी और अन्य स्थानीय लेखकों ने अपनी किताबें इस लाइब्रेरी को भेंट की।
कार्यक्रम का संचालन
कार्यक्रम का संचालन सुहेल सिद्दीकी और फरहत अली ने किया। इस समारोह में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें कारी अब्दुल रसूल, सैय्यद फारूक पीर जी, सभासद नईम एवं कई अन्य शामिल थे। यह अवसर शैक्षणिक उन्नति से संबंधित एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
निष्कर्ष
बदायूं की यह लाइब्रेरी शहर के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह न केवल शिक्षा का एक केंद्र बनेगी, बल्कि सामुदायिक एकता को भी बढ़ावा देगी। स्थानीय जन जागरूकता और शिक्षा के लिए यह एक नई राह का खुलासा करती है।
हम सभी को चाहिए कि इस लाइब्रेरी को सफल बनाने में अपना हाथ बटाएं और ज्ञान के इस केंद्र को और भी आकर्षक बनाएं। अधिक अपडेट के लिए, विजिट करें: https://netaanagari.com
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