डोनाल्ड ट्रंप का चौंकाने वाला बयान, कहा-"रूस को G-7 से बाहर करना थी बड़ी गलती"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म कराने के प्रयासों के बीच एक बड़ा बयान देकर सबको हैरत में डाला दिया है। उन्होंने जी 7 में रूस की वापसी की इच्छा जाहिर की है। ट्रंप का कहना है कि जी 7 से रूस को बाहर करना एक गलती थी।

डोनाल्ड ट्रंप का चौंकाने वाला बयान, कहा-"रूस को G-7 से बाहर करना थी बड़ी गलती"
Netaa Nagari
लेखिका: सारा शर्मा, टीम नेता नागरी
परिचय
हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादास्पद बयान दिया है जिसमें उन्होंने जी-7 समूह से रूस को बाहर करने को एक बड़ी गलती बताया है। यह बयान तब आया जब दुनिया भर में रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते वैश्विक आर्थिक संदर्भ में नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
विज्ञान और वैश्विक राजनीति का जाल
ट्रंप ने अपनी वीडियो पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "रूस की भागीदारी दुनिया के लिए आवश्यक है। अगर हमें सही तरीके से वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजना है, तो हमें रूस को बातचीत में शामिल करना चाहिए।" उन्होंने अपनी टिप्पणी में यह भी बताया कि जी-7 की अन्य शक्तियों को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
क्या है G-7?
जी-7 समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था, नीति और प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए जाना जाता है। ट्रंप का यह बयान इस समूह की पंचम प्रतिस्थापना पर सवाल उठाता है और दुनिया में विभिन्न शक्तियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
समर्थन और आलोचना
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान का कुछ राजनीतिक नेताओं ने समर्थन किया है, जबकि अन्य ने इसे गंभीरता से आलोचना की है। कुछ समर्थक मानते हैं कि रूस की भागीदारी से वैश्विक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, वहीं आलोचकों का तर्क है कि रूस की कार्रवाई विवादास्पद है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
रूस और जी-7 का भविष्य
हालांकि रूस ने जी-7 से बाहर होने के बाद अपनी खुद की राजनीतिक अंतरिक्ष में कदम रखा है, लेकिन ट्रंप का यह बयान महत्वपूर्ण हो सकता है। क्या जी-7 फिर से रूस को शामिल करेगा? यह भविष्य में देखने लायक होगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में यथास्थिति बनाए रखना आवश्यक है, जबकि अन्य मानते हैं कि ग्रह पर होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग जरूरी है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, डोनाल्ड ट्रंप का बयान एक नया मोड़ दे सकता है वैश्विक राजनीतिक समीकरणों में। रूस की जी-7 में संभावित वापसी महत्वपूर्ण हो सकती है, फिर चाहे वो संवाद में हो या सहयोग में। पर्यवेक्षकों का ध्यान अब जी-7 की आगामी बैठकों की ओर है, जहां यह निर्णय लिया जा सकता है कि भविष्य में रूस को कैसे और कब पुनः शामिल किया जाए।
फिर से कहें तो, डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान कई प्रश्न उठाता है, और वैश्विक राजनीति में इसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा।
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