ईद और नवरात्रि एक साथ, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम? SSP ने दी अहम जानकारी
Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है तो ईद का त्योहार 31 मार्च या 1 अप्रैल को मनाया जा सकता है. इसको लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि किसी तरह की गड़बड़ी ना हो और शांतिपूर्ण तरीके से दोनों ही त्योहार मनाए जा सकें. रामबन के एसएसपी कुलबीर सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ''कल नवरात्रि का पहला दिन है. 31 मार्च या फिर 1 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जा सकता है. मुसलमान भाइयों ने एक महीने से रोजे रखे हैं और उनका त्योहार आ रहा है. हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय को मुबारकबाद दे रहा हूं. लोगों से अपील है कि एक दूसरी की भावनाओं को समझें और उस हिसाब से त्योहार मनाएं.'' #WATCH रामबन, जम्मू-कश्मीर: ईद-उल-फितर और नवरात्रि त्यौहार के लिए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर SSP कुलबीर सिंह ने कहा, "कल से नवरात्रि का त्यौहार शुरू हो रहा है और ईद का त्यौहार भी मनाया जाएगा...सभी अच्छी तरह से दोनों त्यौहार मनाएं...हमने सुरक्षा के अच्छे इंतजाम किए हैं और हम यह… pic.twitter.com/vxhZKurjYL — ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2025 शांति बनाए रखने के लिए किए गए इंतजाम- एसएसपी एसएसपी ने कहा कि रामबन में ऐसी कोई घटना नहीं होती है फिर भी चाहता हूं कि शांति बनी रही और त्योहार मनाए जाएंगे. जहां तक सुरक्षा मुहैया कराने की बात है हमने माकूल इंतजाम किए हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि दोनों त्योहार मनाने में लोगों को किसी तरह की दिक्कत ना आए. जुमे पर कश्मीर में रोजेदारों ने निकाला मार्च उधर, ईद से पहले रमजान के आखिरी जुमे पर विशेष नमाज अदा की गई लेकिन श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमा-तुल-विदा की नमाज पर अधिकारियों ने रोक लगा दी, जबकि मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया. जम्मू-कश्मीर में नमाज समाप्त होने के तुरंत बाद रोजेदारों ने फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली. सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बडगाम में हुआ. कश्मीर घाटी के कई इलाकों में इजराइल के विरोध में मार्च निकाले गए.

ईद और नवरात्रि एक साथ, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम? SSP ने दी अहम जानकारी
जम्मू-कश्मीर में इस साल ईद और नवरात्रि एक साथ मनाई जा रही है, जिससे सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। प्रमुख सुरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने इस विषय पर जानकारी साझा की, जिसमें सुरक्षा के ठोस इंतजाम की बात की गई। यह रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में त्योहारों का महत्व
जम्मू-कश्मीर की संस्कृती में त्योहारों का विशेष महत्व है। यहां ईद और नवरात्रि दोनों ही धार्मिक पर्व हैं, जो विविधता में एकता का प्रतीक हैं। इस साल ये दोनों त्योहार एक ही समय पर आने से आयोजनों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इसलिए, सुरक्षा का ध्यान रखना ओर भी ज़रूरी हो गया है।
SSP की सुरक्षा जानकारी
SSP ने बताया कि, "हमने जम्मू-कश्मीर की विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की योजना बनाई है। पूरे इलाके में नाके और पेट्रोलिंग टीमों की संख्या में वृद्धि की गई है।" उन्होंने यह भी कहा कि सभी स्थानीय पुलिस स्टेशनों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान, विशेष एंट्री पॉइंट्स पर सुरक्षा जांच की जाएगी।
सुरक्षा के लिए विशेष कदम
SSP ने सुरक्षा के लिए कई विशेष कदम उठाने की बात की है। इनमें ड्रोन निगरानी, कैमरों की संख्या में वृद्धि, और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखना शामिल है। इसके अलावा, प्रशासन ने स्थानीय समुदायों से भी सहयोग मांगा है ताकि किसी भी प्रकार की अशांति को समय पर रोका जा सके।
निष्कर्ष
इस वर्ष ईद और नवरात्रि का एक साथ होना जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई चुनौती लेकर आया है, लेकिन SSP के अनुसार, प्रशासन ने सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए हैं। ईद और नवरात्रि का पर्व हमें एकजुट होकर मनाने की प्रेरणा देता है, और सुरक्षा के इंतजाम इस एकता को बनाए रखने में मदद करेंगे।
हर किसी से अनुरोध है कि वे अपने त्योहारों को खुशी और भाईचारे के साथ मनाएं। ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ सहयोग करें।
कम शब्दों में कहें तो, जम्मू-कश्मीर में ईद और नवरात्रि के दौरान सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
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