आज से महंगी हो गईं 1000 से ज्यादा दवाइयां, कहीं आपकी दवा भी तो लिस्ट में नहीं है
NPPA ने एक बयान में कहा, "कैलेंडर ईयर 2023 की तुलना में साल 2024 के दौरान डब्ल्यूपीआई में (+) 1.74028% का बदलाव दर्ज किया गया। दवा निर्माता इस डब्ल्यूपीआई के आधार पर अनुसूचित फॉर्मूलेशन के अधिकतम खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी कर सकते हैं और इस संबंध में सरकार की पूर्व स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी।"

आज से महंगी हो गईं 1000 से ज्यादा दवाइयां, कहीं आपकी दवा भी तो लिस्ट में नहीं है
लेखिका: सुषमा शर्मा, टीम नेतानगरी
भारतीय चिकित्सा प्रणाली में आज एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सरकार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, 1000 से ज्यादा दवाइयों के मूल्य बढ़ा दिए गए हैं। यह फ़ैसला प्रत्येक भारतीय नागरिक को प्रभावित करेगा, खासकर उन लोगों को जो नियमित तौर पर इन दवाइयों का सेवन करते हैं। आईए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
महंगी दवाइयों की लिस्ट में कौन-कौन सी दवाइयां शामिल हैं?
नवीनतम आदेश के तहत, बहुत सी सामान्य और आवश्यक दवाइयों की कीमत में वृद्धि की गई है। इनमें से कुछ प्रचलित दवाइयां जैसे कि एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक, और उच्च रक्तचाप की दवाइयां शामिल हैं। इसके अलावा, कई जटिल बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त दवाइयों की कीमत भी बढ़ाई गई है।
इसका प्रभाव क्या होगा?
दवाइयों की कीमतों में वृद्धि से अधिकांश आम जनता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। विशेष रूप से, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को हर महीने अपने स्वास्थ्य बजट को दोबारा व्यवस्थित करना पड़ सकता है। मरीजों को या तो प्राथमिक चिकित्सा के लिए कम विकल्प मिलेंगे या फिर उन्हें महंगी दवाइयों को खरीदने के लिए ऋण पर विचार करना पड़ेगा।
क्या किया जाए?
इस स्थिति में, डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि मरीजों को अपनी दवाइयों की लिस्ट देखनी चाहिए और जो दवाइयाँ महंगी हुई हैं, उनके विकल्प खोजने चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग पर भी दबाव डालना आवश्यक है ताकि वे आम जनता की समस्याओं का समाधान करें।
निष्कर्ष
इस बदलाव के बाद, भारतीय जनता को सजग और जागरूक रहना होगा। दवाइयों के चुनाव में सतर्कता बनाए रखना ही बेहतर स्वास्थ्य का मूलाधार है। लोग अपने डॉक्टर से परामर्श करके उचित विकल्पों का चयन कर सकते हैं। इस समाचार से जुड़े अधिक अपडेट के लिए हमारी वेबसाइट नेटानगरी पर जरूर जाएं।
कम शब्दों में कहें तो, आज से दवाइयों की कीमतें बढ़ गई हैं, जो आम जनता को प्रभावित करेंगी।
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