Waqf Law 2025: पार्टी में रहेंगे या नहीं? मिला ये जवाब, इदारा-ए-शरिया की बैठक के बाद तेवर में दिखे बलियावी

Idar-e-Sharia Meeting: जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने वक्फ कानून का पुरजोर विरोध किया. इदारा-ए-शरिया की बैठक में शामिल होने आए मौलानाओं और इस संगठन से जुड़े वैसे लोग जो जेडीयू नेता हैं, उन लोगें ने वक्फ कानून का विरोध करते हुए कहा कि नीतीश ने इस कानून का समर्थन कर गलती कर दी. मुस्लिम नाराज हैं.  गुलाम रसूल बलियावी की अध्यक्षता में हुई बैठक वक्फ कानून को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव व इदारा-ए-शरिया धार्मिक मुस्लिम संगठन के अध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलियावी की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में बिहार झारखंड बंगाल उड़ीसा समेत कई राज्यों के इस संगठन से जुड़े मौलाना एवं वैसे जेडीयू नेता पहुंचे, जो इस संगठन से जुड़े हैं.  बैठक के बाद बलियावी ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ हमारा संगठन सुप्रीम कोर्ट जाएगा. वक्फ कानून में कई खामियां हैं. जिससे सिर्फ मुस्लिम समाज ही नहीं बल्कि संविधान भी आहत हुआ है. वक्फ सेल का गठन हमने कर दिया है, जो सुप्रीम कोर्ट इस कानून के खिलाफ में जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे. बलियावी ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री तक अपनी बात हमलोग पहुंचाएंगे. वक्फ कानून के जरिए हमारी जो धार्मिक स्वतंत्रता है छीनी जा रही है. वक्फ कानून आने के बाद मंदिर मठ चर्च गुरुद्वारे वाले भी डरे हुए हैं कि अगली बारी उनकी है. यह पॉलिटिकल बैठक नहीं थी. उसके लिए अलग मंच है. पार्टी में रहेंगे या नहीं इस पर आगे बातचीत होगी. यह एदारा-ए-शरिया की बैठक थी. छह महीने का समय मिला है. मस्जिद दरगाह खानकाह इत्यादि की जो सम्पत्तियां हैं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं उन सबको वक्फ बोर्ड से रजिस्टर्ड कराना है. क्या नीतीश ने केंद्र में इस कानून का समर्थन कर गलती की.  इस पर उन्होंने कहा कि पर हम इस पर बाद में बात करेंगे. क्या आगामी चुनाव में जेडीयू को नुकसान हो जाएगा? इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव में अभी समय है. संघर्ष इस कानून के खिलाफ में हम लोग करेंगे.  हमारे सारे विकल्प खुले हुए हैं. वक्फ कानून पर जेडीयू के समर्थन पर पार्टी में घमासान बता दें पटना के पटना के सुल्तानगंज में इस संगठन के दफ्तर में यह बैठक हुई है. वक्फ कानून का जिस तरह जेडीयू ने समर्थन किया उसको लेकर पार्टी में घमासान मचा हुआ है. कई मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दिया है. कई बड़े चेहरे विरोध कर रहे हैं. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव बलियावी ने भी विरोध कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की. ये भी पढ़ें: युवा नेताओं के जरिए बिहार में कांग्रेस की हुंकार, पटना में कन्हैया कुमार की पदयात्रा में पहुंचेंगे सचिन पायलट

Apr 10, 2025 - 19:37
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Waqf Law 2025: पार्टी में रहेंगे या नहीं? मिला ये जवाब, इदारा-ए-शरिया की बैठक के बाद तेवर में दिखे बलियावी
Waqf Law 2025: पार्टी में रहेंगे या नहीं? मिला ये जवाब, इदारा-ए-शरिया की बैठक के बाद तेवर में दिखे बलियावी

Waqf Law 2025: पार्टी में रहेंगे या नहीं? मिला ये जवाब, इदारा-ए-शरिया की बैठक के बाद तेवर में दिखे बलियावी

Netaa Nagari

लेखक: सिमा शर्मा, टीम नेतानगरी

परिचय

हाल ही में, इदारा-ए-शरिया की एक महत्वपूर्ण बैठक में Waqf Law 2025 पर चर्चा की गई, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विचार किया गया, जिसमें यह सवाल भी उठाया गया कि क्या पार्टी में रहना सही होगा या नहीं। इस संदर्भ में, बलियावी ने अपने तेवर के साथ जवाब दिया, जो आने वाले समय में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है।

Waqf Law 2025 का महत्व

Waqf Law 2025 मुस्लिम समाज के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधानों की बातें करता है। इसमें संपत्तियों के प्रबंधन, उनके उपयोग और धर्मार्थ गतिविधियों के लिए नियम शामिल हैं। यह कानून इस्लामिक समुदाय के अंदर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार किया गया है, ताकि सभी धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का ध्यान रखा जा सके।

बलियावी का तेवर

बैठक के दौरान, इदारा-ए-शरिया के सदस्य बलियावी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह कानून सिर्फ एक कागजी कार्रवाई नहीं है, बल्कि समाज के भले के लिए आवश्यक है। बलियावी के शब्दों में, "हम इस मुद्दे पर एकजुट हैं और किसी भी प्रकार की राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगे।" उनके इस कथन ने स्थानीय राजनीतिक घटनाक्रम में और भी तेवर पैदा कर दिए हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस बैठक के बाद, अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस कानून के बारे में अपनी चिंताओं को साझा किया। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह कानून कई मुद्दों पर प्रभावित करता है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अगले कदम

चूंकि Waqf Law 2025 का मसला तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में बलियावी और अन्य सदस्यों का अगला कदम क्या होगा, यह देखने योग्य होगा। इस मामले पर आगे की रणनीतियों को लेकर इदारा-ए-शरिया की अगली बैठक बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।

निष्कर्ष

अंत में, Waqf Law 2025 पर चल रही चर्चा और इदारा-ए-शरिया की बैठक ने निश्चित रूप से राजनीतिक सरगर्मियों को नया आयाम दिया है। बलियावी का बयान और उनकी तैयारियां इस मसले को और गहरा कर सकती हैं। हमें भविष्य में इस मुद्दे पर और भी अपडेट्स की उम्मीद है। इसके लिए, netaanagari.com पर अधिक अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए।

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