UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल,हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों तथा इन हालातों से निपटने के लिए हिमाचल में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखने तथा उनका अध्ययन करने के लिए जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को […] The post UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल,हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल appeared first on संवाद जान्हवी.

Jul 9, 2025 - 18:37
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UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल,हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल
UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल,हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल

UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल

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उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों और इन हालातों से निपटने के लिए हिमाचल में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करने के लिए जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को इसके निर्देश दिए हैं।

विशेषज्ञ दल का उद्देश्य

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश न सिर्फ पड़ोसी राज्य हैं, बल्कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियां भी एक जैसी हैं। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इसलिए इन स्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश में की गई कोशिशों का अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण है।

आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रयास

मुख्य सचिव ने बताया कि ये अध्ययन उत्तराखण्ड में भी समान परिस्थितियों में विपक्षी रणनीतियों को लागू करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि हिमाचल के अनुभवों का उपयोग कर उत्तराखण्ड में एक प्रभावी रणनीति बनाई जा सकती है। इस अध्ययन के दौरान, विशेषज्ञ दल देखेगा कि शासन-प्रशासन ने किस प्रकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य किए हैं और किस तरह की प्रतिक्रिया दी गई है।

संभावित खतरों का पूर्वानुमान

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में कहा कि प्रदेश में मौसम विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया जा चुका है। आने वाले दिनों में येलो अलर्ट भी जारी होगा। जून में सामान्य से कम बारिश के बावजूद, जुलाई में सामान्य से अधिक मात्रा में वर्षा का अनुमान है। ऐसे में, प्रदेशवासी अधिक सावधानी बरतें और अलर्ट जारी करें।

पुनर्वास की आवश्यकताएँ

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 258 ग्रामों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। उन परिवारों को सहायता पहुँचाना सबसे आवश्यक है ताकि वे जल्द से जल्द सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।

सचेत ऐप का महत्व

मुख्य सचिव ने बताया कि सचेत ऐप आपदाओं से बचाव में मददगार साबित हो सकता है। यह ऐप न सिर्फ मौसम संबंधी चेतावनियाँ प्रदान करता है, बल्कि आपदाओं से बचने के तरीकों की जानकारी भी देता है। राज्य के सभी नागरिकों से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील की गई है।

निष्कर्ष

आसानी से समझने योग्य भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उपयुक्त दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन केंद्र की अपनी एसओपी बनाने के निर्देश भी दिए ताकि हर कार्य सही से हो सके। इस कदम से न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि उत्तराखण्ड में भी आपदा प्रबंधन के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा सकेगा।

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लेखिका: पूजा शर्मा, नेहा जैन, टीम netaanagari

Keywords:

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