UTTARAKHAND:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया कुमाऊँ विश्वविद्यालय की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन

राज्यपाल,कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि)ने राजभवन नैनीताल में वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो.अतुल जोशी द्वारा लिखित “कुमाऊँ विश्वविद्यालय-इतिहास एवं विकास” तथा इतिहास विभाग की प्रो.सावित्री कैड़ा जंतवाल द्वारा लिखित “स्वातंत्र्योत्तर उत्तराखण्ड में महिलाओं की भूमिका (उत्तराखण्ड आंदोलन के विशेष संदर्भ में)”पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दीवान एस.रावत भी उपस्थित रहे। राज्यपाल […] The post UTTARAKHAND:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया कुमाऊँ विश्वविद्यालय की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन appeared first on संवाद जान्हवी.

Jun 29, 2025 - 18:37
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UTTARAKHAND:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया कुमाऊँ विश्वविद्यालय की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन
UTTARAKHAND:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया कुमाऊँ विश्वविद्यालय की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन

UTTARAKHAND:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया कुमाऊँ विश्वविद्यालय की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन

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राज्यपाल, कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन नैनीताल में वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी द्वारा लिखित “कुमाऊँ विश्वविद्यालय-इतिहास एवं विकास” तथा इतिहास विभाग की प्रो. सावित्री कैड़ा जंतवाल द्वारा लिखित “स्वातंत्र्योत्तर उत्तराखण्ड में महिलाओं की भूमिका (उत्तराखण्ड आंदोलन के विशेष संदर्भ में)” पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत भी उपस्थित रहे।

पुस्तकों का महत्व और विमोचन समारोह

राज्यपाल ने इस विमोचन समारोह में कहा कि पुस्तकें किसी भी संस्था की आत्मा होती हैं। वे केवल घटनाओं का संकलन नहीं, बल्कि विचारों, मूल्यों और भावनाओं की जीवंत ऊर्जा होती हैं। ये न केवल वर्तमान को दिशा देती हैं बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रकाशपुंज का कार्य करती हैं। कुमाऊँ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक यात्रा, संघर्षों एवं उपलब्धियों से भरी हुई है, जो आज इन दोनों पुस्तकों के माध्यम से अकादमिक रूप से संरक्षित की गई है। यह एक सराहनीय प्रयास है।

महिला नेतृत्व पर प्रो. सावित्री का योगदान

राज्यपाल ने इतिहास विभाग की प्रो. सावित्री कैड़ा जंतवाल द्वारा उत्तराखण्ड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर लिखी गई पुस्तक को सराहते हुए कहा कि यह ग्रंथ न केवल महिला चेतना का दस्तावेज है, बल्कि यह उस दृष्टिकोण को भी उजागर करता है, जिसमें महिलाएं केवल आंदोलन की सहभागी नहीं रहीं, बल्कि वह परिवर्तन की वाहक बनकर उभरीं। यह पुस्तक आज की युवा पीढ़ी को महिला नेतृत्व, संघर्ष और समर्पण का सशक्त उदाहरण देगी।

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के इतिहास की गहराई

लेखक प्रो. अतुल जोशी ने राज्यपाल को बताया कि यह पुस्तक तीन खंडों में विभक्त है—कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना की पृष्ठभूमि एवं आंदोलन का इतिहास, स्थापना एवं विकास तथा वर्तमान एवं भविष्य। इसके अतिरिक्त परिशिष्ट में महत्वपूर्ण शासनादेश, मानचित्र, ऐतिहासिक चित्रावली, समाचार पत्रों की सुर्खियाँ, कुलपतियों के कार्यकाल की उपलब्धियाँ, डीएसबी कॉलेज तथा अल्मोड़ा कॉलेज के प्राचार्यों का योगदान, 184 कार्यपरिषद की बैठकों के निर्णय और 19 दीक्षांत समारोहों का वर्णन किया गया है। यह 371 पृष्ठों की पुस्तक विश्वविद्यालय की अकादमिक विरासत का गहन दस्तावेज है।

समाजशास्त्रीय एवं ऐतिहासिक विश्लेषण

प्रो. सावित्री कैड़ा जंतवाल द्वारा लिखित पुस्तक में उत्तराखण्ड आंदोलन के विशेष संदर्भ में राज्य की महिलाओं की भूमिका का गंभीर समाजशास्त्रीय एवं ऐतिहासिक विश्लेषण किया गया है। स्वतंत्रता के बाद के सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तनों में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता को रेखांकित करते हुए यह पुस्तक आंदोलन के भीतर महिला शक्ति की स्वरूपगत एवं सरोकारी छवियों को उजागर करती है। यह शोधपरक ग्रंथ उत्तराखण्ड की महिला चेतना के सशक्त दस्तावेज के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करता है।

निष्कर्ष

कुमाऊँ विश्वविद्यालय की ये दो महत्वपूर्ण पुस्तकें न केवल अकादमिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे समाज में महिलाओं की भूमिका और योगदान को भी उजागर करती हैं। इस विमोचन ने एक नई दिशा दिखाई है, जिसमें अनुसंधान, शिक्षा और समाज में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। इन रचनाओं के माध्यम से हम अपने अतीत को समझ सकते हैं और भविष्य के लिए प्रेरणा ले सकते हैं।

इस विमोचन समारोह ने एक बार फिर स्थापित किया है कि ज्ञान का प्रसार, विचारों का आदान-प्रदान और महिला जागरूकता का महत्व कितना अधिक है। हम उम्मीद करते हैं कि ये पुस्तकें आने वाली पीढ़ी को मार्गदर्शन करेंगी और उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी।

लेखक: सविता शर्मा, राधिका मेहरा, और दीक्षा त्यागी
टीम netaanagari

Keywords:

Uttarakhand, Governor Gurmeet Singh, Kumaon University, books release, women's role, Atul Joshi, Savitri Kedia Jantwal, historical analysis, academic heritage, Uttarakhand movement

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