Jodhpur: पैर में प्लास्टर बांधे आसाराम ने जोधपुर की सेंट्रेल जेल में किया सरेंडर, कल HC में सुनवाई
Asaram surrender in Jail News: यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने आज (1 अप्रैल) को जोधपुर की सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया. यह सरेंडर उनके द्वारा गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat HC) से मिली 3 माह की अंतरिम जमानत के समाप्त होने के बाद हुआ है. बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने आसाराम की जमानत को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था, जिसके बाद राजस्थान के जोधपुर में भी उनकी जमानत को बढ़ाए जाने की उम्मीद जताई जा रही थी. राजस्थान हाई कोर्ट में बुधवार को होगी सुनवाईआसाराम की ओर से अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता की बेंच में याचिका प्रस्तुत की गई. अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि आसाराम को पैर की अंगुली में चोट लगी हुई है, जिसके कारण वह चलने की स्थिति में नहीं हैं. हालांकि, कोर्ट ने इस पर बुधवार (2 अप्रैल) को सुनवाई का निर्देश दिया. गुजरात से मिली थी जमानत, राजस्थान में भी उम्मीदआसाराम ने यह विश्वास जताया कि गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को बढ़ाया था, तो राजस्थान से भी उन्हें राहत मिल सकती है. इसलिए उन्होंने कोर्ट में चल रहे मामलों के बीच में ही जोधपुर की सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया. आसाराम का कहना था कि वह अपनी जमानत को लेकर सकारात्मक हैं और इस उम्मीद में उन्होंने सरेंडर किया कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा. आसाराम को इलाज के नाम पर गुजरात के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी, जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने भी उसे मंजूरी दी थी. हालांकि, 31 मार्च तक ही उन्हें जमानत मिली थी, और अब जमानत की अवधि समाप्त हो चुकी है. इसके बाद, राजस्थान हाई कोर्ट में कल उनकी जमानत पर सुनवाई होगी, जिसके बाद ही यह साफ होगा कि उन्हें आगे कोई राहत मिलती है या नहीं. सरेंडर के बाद, अब आसाराम की उम्मीदें राजस्थान हाई कोर्ट पर टिकी हैं, जो उनके भविष्य के फैसले का मार्गदर्शन करेगा.

जोछपुर: पैर में प्लास्टर बांधे आसाराम ने जोधपुर की सेंट्रेल जेल में किया सरेंडर, कल HC में सुनवाई
Netaa Nagari
लेखिका: सुनीता शर्मा, टीम नेतानगरी
परिचय
जोधपुर की सेंट्रल जेल में आसाराम बापू का आत्मसमर्पण एक महत्वपूर्ण घटना है। उनके समर्पण से पहले यह बहस का विषय रहा है कि 82 साल के आसाराम, जिनके पैर में प्लास्टर भी बंधा हुआ है, क्या सच में न्याय का सामना कर सकेंगे या नहीं। इस लेख में हम इस घटना के सभी पहलुओं का विवरण देंगे और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।
आसाराम का सरेंडर
पैर में प्लास्टर बांधे आसाराम ने जोधपुर की सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। वे जिस समय जेल पहुंचे, वहां आस-पास उनके समर्थक भी मौजूद थे। आसाराम ने यह सरेंडर उस समय किया जब उनकी जमानत याचिका उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए तैयार की जा रही थी। यह भी ध्यान देने योग्य है कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति पिछले कुछ समय से चिंताजनक रही है।
उच्च न्यायालय में सुनवाई
आसाराम की जमानत याचिका की सुनवाई आगामी कल होने वाली है। इस मामले में कई महत्वपूर्ण सुनवाईयों का प्रभाव पड़ेगा, जो कि आसाराम के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। न्यायालय में उनके वकील ने कहा है कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उन्हें राहत दी जानी चाहिए। हालांकि उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी हैं, जिन पर न्यायालय को विचार करना है।
आसाराम का विवादास्पद पृष्ठभूमि
आसाराम बापू भारत के एक प्रमुख साधु हैं लेकिन उनके खिलाफ कई गंभीर मामलों के चलते उन्हें विवादों में भी रखा गया है। यौन उत्पीड़न से लेकर थोक में धन मनिपुलेशन जैसे कई आरोप उन पर लगे हैं। इस मामले के चलते उनके अनुयायी और विरोधी दोनों ही उनके प्रति कई संवेदनाओं को जाहिर कर रहे हैं। उनके सर्मथकों की संख्या आज भी काफी बड़ी है, जो उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
संभावित परिणाम
अगर उच्च न्यायालय आसाराम की जमानत याचिका को स्वीकार करता है, तो यह उनके अनुयायियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। वहीं, अगर न्यायालय उनके खिलाफ फैसला सुनाता है, तो यह न केवल आसाराम, बल्कि उनके अनुयायियों के लिए भी एक बड़ा झटका होगा।
निष्कर्ष
जोधपुर की सेंट्रल जेल में आसाराम का सरेंडर निश्चित रूप से एक बड़ा घटनाक्रम है। उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई उनकी जमानत के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। इस विषय पर आगे की जानकारी के लिए, हमारे साथ बने रहें। अधिक अपडेट्स के लिए, नेटानगरी.com पर जाएं।
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