BBAU करेगा चूहों, खरगोश और अन्य जीवों पर वैज्ञानिक प्रयोग, फार्मास्युटिकल रिसर्च के लिए मिली राष्ट्रीय मान्यता
लखनऊ, अमृत विचार: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को फार्मास्युटिकल शोध की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। बीबीएयू में अब प्रयोगशाला पशुओं पर शोध और प्रयोग को मान्यता हासिल हो गई है। विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार से एनिमल हाउस के लिए राष्ट्रीय मान्यता मिली है। इसी के साथ औपचारिक रूप से अपनी संस्थानिक पशु नैतिकता समिति का भी गठन कर लिया गया है। जो फार्मास्युटिकल रिसर्च में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुओं पर प्रयोगों की निगरानी और नियंत्रण समिति से अपने एनिमल हाउस...

BBAU करेगा चूहों, खरगोश और अन्य जीवों पर वैज्ञानिक प्रयोग, फार्मास्युटिकल रिसर्च के लिए मिली राष्ट्रीय मान्यता
लखनऊ, अमृत विचार: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को फार्मास्युटिकल शोध की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। बीबीएयू में अब प्रयोगशाला पशुओं पर शोध और प्रयोग को मान्यता हासिल हो गई है। विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार से एनिमल हाउस के लिए राष्ट्रीय मान्यता मिली है। इसी के साथ औपचारिक रूप से अपनी संस्थानिक पशु नैतिकता समिति का भी गठन कर लिया गया है। यह उपलब्धि फार्मास्युटिकल रिसर्च में महत्वपूर्ण होगी और इससे कई नए आविष्कारों और दवाओं के विकास की उम्मीद जताई जा रही है।
वैज्ञानिक प्रयोगों में नवाचार
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुओं पर प्रयोगों की निगरानी और नियंत्रण समिति से अपने एनिमल हाउस के लिए पंजीकरण प्राप्त हो गया है। यह उपलब्धि आईएईसी के अध्यक्ष व फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीएस रजनीकांत, डॉ. विकास मिश्रा, सदस्य सचिव और समिति के अन्य सदस्यों प्रो. आभा मिश्रा और प्रो. वी. लांगोवन के प्रयासों से हासिल हुई है।
पंजीकरण की विशेषताएँ
इस पंजीकरण के साथ, बीबीएयू को अब प्रयोगशाला पशुओं, मुख्य रूप से चूहों पर राष्ट्रीय नैतिक दिशानिर्देशों के अनुरूप वैज्ञानिक प्रयोग करने की अनुमति मिल गई है। यह न केवल फार्मास्युटिकल साइंसेज में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि जीवन विज्ञान के अन्य क्षेत्रों को भी लाभान्वित करेगा। शोधकर्ता प्रीक्लिनिकल स्टडीज, दवा विकास परीक्षण और विभिन्न जैव चिकित्सकीय प्रयोग कर सकेंगे। इस प्रकार के प्रयोग न केवल दवाओं के विकास में सहायक होंगे, बल्कि इससे चिकित्सीय अनुसंधान में भी नई दिशाएं खुलेंगी।
उद्योग सहयोग का लाभ
यह उपलब्धि विशेष रूप से प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स के क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को भी आकर्षित करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। इसके माध्यम से BBAU विभिन्न फार्मास्युटिकल कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग कर सकता है, जिससे नए उत्पादों और उपचारों का विकास संभव होगा। यह स्वास्थ सेवा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है, साथ ही नए रोजगार के अवसरों का सृजन भी कर सकता है।
समाप्ति में
बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि न केवल अकादमिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा देगी। यह हमारे देश के वैज्ञानिक अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हम भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। फार्मास्युटिकल शोध की इस नई उपलब्धि का स्वागत किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सभी अनुसंधान क्षेत्रों में ज्ञान और नवाचार के आदान-प्रदान का एक नया चरण है।
बीबीएयू का यह कदम न केवल देश में शोध को प्रोत्साहित करता है, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अवसरों का एक नया द्वार खोलता है।
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समाचार टीम द्वारा, साक्षी वर्मा, प्रिया कुमारी और दीक्षा चौधरी के सहयोग से, टीम netaanagari।
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