महिला के वो 48 घंटे, बेटी के साथ डिजिटल अरेस्ट, वीडियो कॉल पर कॉल, लाखों की ठगी

Delhi Cyber Crime: दिल्ली में उत्तर जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन सभी पर आरोप है कि ये फर्जी बैंक खातों के जरिए लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे. गिरोह ने एक महिला को वीडियो कॉल के जरिए 48 घंटे तक 'डिजिटल आरेस्ट' कर उससे 8.10 लाख रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने आरोपियों से पांच मोबाइल फोन और एक महिंद्रा थार कार भी बरामद की है. CBI-ED का नाम लेकर धमकी दिल्ली के लाहौरी गेट निवासी शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और फर्जी सिम इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल्स आने लगे, जिनमें कॉल करने वाले खुद को सीबीआई और ईडी अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी की धमकी देने लगे.  आरोप है कि फर्जी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों के दस्तावेज़ दिखाकर महिला को डराया गया और उसे, उसकी बेटी और पिता को 48 घंटे तक वीडियो कॉल पर नज़रबंद रखा गया. इसी दौरान आरोपियों ने उनसे कुल 8.10 लाख रुपये की ठगी की. साइबर पुलिस ने ठगी गिरोह के 4 सदस्यों को पकड़ा शिकायत के बाद साइबर थाना उत्तर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. टीम ने तकनीकी जांच और कॉल डिटेल्स के जरिए आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की. ग्रेटर कैलाश, कालकाजी और आर.के. पुरम में छापेमारी कर चार आरोपियों राजा मंडल, तुषार थापा, सौरभ तिवारी और अनुप कुमार तिवारी  को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि सौरभ और तुषार इलाके में रहने वाले लोगों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाते थे और हर लेन-देन पर कमीशन देते थे. खाते के जरिए ठगी की रकम ट्रांसफर कराई जाती थी, जिसे बाद में नकद निकाला जाता था. पुलिस ने पीछा करते हुए पकड़ी थार कार जब पुलिस ने आर.के. पुरम में छापा मारा तो दो आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन अपनी महिंद्रा थार कार छोड़ गए जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया.  पुलिस की छानबीन जारी दिल्ली पुलिस ने मामले में और धाराएं जोड़ते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है. मामले में फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो देशभर में कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है.

Apr 8, 2025 - 17:37
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महिला के वो 48 घंटे, बेटी के साथ डिजिटल अरेस्ट, वीडियो कॉल पर कॉल, लाखों की ठगी
महिला के वो 48 घंटे, बेटी के साथ डिजिटल अरेस्ट, वीडियो कॉल पर कॉल, लाखों की ठगी

महिला के वो 48 घंटे, बेटी के साथ डिजिटल अरेस्ट, वीडियो कॉल पर कॉल, लाखों की ठगी

Netaa Nagari - आज की दुनिया में डिजिटल ठगी आम होती जा रही है। एक महिला ने हाल ही में ऐसा अनुभव किया जो उसे और उसकी बेटी को आधी रात में ऑनलाइन ठगी के शिकार बना दिया। यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक है जो ऑनलाइन लेन-देन करते हैं।

घटना का प्रारंभ

उत्तर भारत की एक महिला, राधिका, ने सोचा कि वह अपनी बेटी के साथ ऑनलाइन शॉपिंग कर रही है। उन्होंने एक लोकप्रिय ई-कॉमर्स वेबसाइट पर एक उत्पाद देखा जो उन्हें बहुत पसंद आया। राधिका ने अपनी बेटी के साथ उस प्रोडक्ट के लिए ऑर्डर देने का फैसला किया। यही से उनके जीवन के सबसे डरावने 48 घंटे की शुरुआत हुई।

वीडियो कॉल पर ठगी का तरीका

राधिका ने ऑडर प्लेस किया और सवेरा होते ही उन्हें एक वीडियो कॉल आई। कॉल पर एक व्यक्ति ने बताया कि उनके ऑर्डर में कुछ समस्या है और उन्हें एक लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी अपडेट करनी होगी। राधिका ने विश्वास करके उस लिंक को खोला और अब उसके खाते से लाखों रुपए निकल गए। उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ।

डिजिटल अरेस्ट: रहस्य का पर्दाफाश

48 घंटे बीतने के बाद जब राधिका को एहसास हुआ कि वह ठगी की शिकार हो चुकी है, तब उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम बनाई और जांच शुरू कर दी। राधिका के खाते से पैसे निकालने वाले व्यक्ति की पहचान करना चुनौतीपूर्ण था।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तेजी से जांच करते हुए पाया कि ठगों की एक बड़ी साजिश थी। उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए कई महिलाओं को ठगी का शिकार बनाया था। पुलिस ने इस मामले में कम्प्यूटर क्राइम एक्सपर्ट्स की मदद ली और अंततः ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया।

सीखने वाली बातें

इस घटना के बाद राधिका ने न केवल अपने पैसे खो दिए, बल्कि उसे डिजिटल सुरक्षा के महत्व का भी एहसास हुआ। उसने यह समझा कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय बेहद सतर्क रहना चाहिए। यदि कोई भी अज्ञात व्यक्ति आपसे किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है, तो उस पर नजर डालें और सावधानी बरतें।

निष्कर्ष

राधिका की कहानी न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक संदेश है। डिजिटल ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं और हमें इसके खिलाफ सजग रहना होगा। परिवारों को चाहिए कि वे अपने प्रियजनों को जागरूक करें और उन्हें ऑनलाइन ठगी से बचने के तरीकों के बारे में बताएं।

इस घटना से सबक लेकर, अगर आप भी डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत रिपोर्ट करें। नेटानगरी टीम

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