निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर भड़के संदीप देशपांडे, कहा – ‘कोई दुबे, छुबे और पौबे यहां का…’

KNEWS DESK – महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच आज (8 जुलाई) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का बहुचर्चित प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। प्रदर्शन के समापन पर MNS नेता…

Jul 8, 2025 - 18:37
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निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर भड़के संदीप देशपांडे, कहा – ‘कोई दुबे, छुबे और पौबे यहां का…’
निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर भड़के संदीप देशपांडे, कहा – ‘कोई दुबे, छुबे और पौबे यहां का…’

निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटककर मारेंगे’ वाले बयान पर भड़के संदीप देशपांडे, कहा – ‘कोई दुबे, छुबे और पौबे यहां का…’

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KNEWS DESK – महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच आज (8 जुलाई) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का बहुचर्चित प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। प्रदर्शन के समापन पर MNS नेता संदीप देशपांडे ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक निशिकांत दुबे के विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

निशिकांत दुबे का बयान

हाल ही में, विधायक निशिकांत दुबे ने एक वक्तव्य दिया था जिसमें उन्होंने कहा था, "हम पटक-पटककर मारेंगे।" यह बयान पर टिप्पणी करते हुए संदीप देशपांडे ने कहा कि ऐसे बयान केवल नफरत फैलाते हैं और समाज में अशांति की लहर लाते हैं। उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि "कोई दुबे, छुबे और पौबे यहां का…" यह बेहद भड़काऊ है और अस्वीकार्य है।

एमएनएस का प्रदर्शन और उसका महत्व

MNS ने आज सुबह अपने प्रदर्शन की शुरुआत की, जो कि महाराष्ट्र में भाषाई पहचान और समानता के अधिकार को लेकर किया गया था। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य राज्य की राजनीति में बढ़ते तनाव को कम करना और संवाद को बढ़ावा देना था। संदीप देशपांडे ने इस मामले में कहा कि ऐसे प्रदर्शनों से समाज में एकजुटता और सामंजस्य की भावना को बढ़ावा मिलता है।

भाषा विवाद का बड़ा मुद्दा

पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर कई राजनीतिक दलों के बीच टकराव देखने को मिला है। भाषाई पहचान ने न केवल व्यक्तिगत पहचान बल्कि राजनीतिक अस्थिरता का कारण भी बन गई है। ऐसे में विधायक दुबे का बयान पूरी तरह से प्रतिक्रिया का विषय बना है। संदीप देशपांडे ने इस पर कहा कि एक सच्चे नेता को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए, जिससे समाज में विघटन उत्पन्न हो।

संदीप देशपांडे की अपील

देशपांडे ने सभी नेताओं से अपील की कि वे अपनी जबान पर नियंत्रण रखें और किसी भी प्रकार की भड़काऊ बातें न करें। उन्होंने कहा कि अगर हम सभी मिलकर एक सकारात्मक संवाद की दिशा में बढ़ें तो समाज में सामान्य स्थिति को बहाल किया जा सकता है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी नेता एकजुट होकर स्थिति को सामान्य कर पाएंगे।

निष्कर्ष

निशिकांत दुबे के द्वारा दिया गया विवादास्पद बयान और उसके बाद संदीप देशपांडे की प्रतिक्रिया ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति में बोलने से पहले एक बार सोचना आवश्यक है। हमें चाहिए कि हम सब मिलकर सकारात्मक संवाद का रास्ता चुनें। यह न केवल समाज की भलाई के लिए जरूरी है, बल्कि एक विकसित और समृद्ध भारत की दिशा में एक कदम और बढ़ने का माध्यम भी है।

इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट को देखें। हम समाज के हर पहलू की गहराई से जांच करने का प्रयास करते हैं।

लेख का यह समापन संदीप देशपांडे और उनके विचारों पर आधारित है।

टीम netaanagari

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Nishikant Dubey, Sandeep Deshpande, Maharashtra Navnirman Sena, language controversy, political statements, peaceful protest, Maharashtra politics, societal harmony, political unity

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