'नफरत नहीं, भारत जोड़ो', दिल्ली में पहलगाम हमले के शहीदों को कांग्रेस की श्रद्धांजलि
Pahalgam Terror Attack: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ा कैंडल मार्च निकाला. यह मार्च जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए था. "नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो" के नारे के साथ कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वो देश को बांटने की कोशिशों को कामयाब नहीं होने देगी. मार्च दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आयोजित किया. कार्यकर्ता कांग्रेस हेडक्वॉर्टर 24 अकबर रोड पर जमा हुए और वहां से कैंडल जलाकर 30 जनवरी मार्ग होते हुए महात्मा गांधी स्मृति तक गए. इस कैंडल मार्च में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के बड़े चेहरे नजर आए. सबने मिलकर शहीदों को याद किया और आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की. राहुल गांधी ने घायलों से की अस्पताल में मुलाकात दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, पहलगाम का ये कायराना हमला देश को धर्म के नाम पर तोड़ने की साजिश है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे. आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है, ये सिर्फ डर फैलाता है. इसे जड़ से खत्म करना जरूरी है. उन्होंने ये भी बताया कि राहुल गांधी अनंतनाग के GMC अस्पताल गए और वहां घायलों से मिले. यादव ने मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई. देवेंद्र यादव ने सरकार से कुछ सख्त सवाल पूछे. उनका कहना था, जब इंटेलिजेंस को पहले से पता था कि खतरा है और सीमा पार से धमकियां आ रही थीं, तो सरकार ने इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया? लाखों टूरिस्ट कश्मीर गए थे, उनकी सुरक्षा का जिम्मा केंद्र का था. पहलगाम में त्रिस्तरीय सुरक्षा थी, फिर भी ये हमला कैसे हो गया? जम्मू-कश्मीर तो गृह मंत्रालय के अधीन है, फिर ये चूक किसकी है?" उन्होंने मांग की कि इसकी गहरी जांच हो और जिम्मेदारों को सजा मिले. आतंकवाद की वजह से हमने दो-दो पीएम खोए हैं - देवेंद्र यादव देवेंद्र यादव ने कहा, आतंकवाद की वजह से हमने दो-दो पीएम (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) खोए हैं. इस दर्द को हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता. इस मुश्किल वक्त में हम देश के साथ हैं, लेकिन सरकार की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए. उन्होंने ये भी जोड़ा कि कश्मीर में टूरिज्म से लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलती है. सरकार को उनकी आजीविका की भी फिक्र करनी चाहिए. अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है, जिसमें लाखों लोग आते हैं. उनकी सुरक्षा के लिए अभी से ठोस कदम उठाने होंगे. उन्होंने BJP पर निशाना साधते हुए कहा, "पहलगाम हमले जैसे दुख को बीजेपी सोशल मीडिया पर नफरत और बंटवारे के लिए इस्तेमाल कर रही है. जब देश को एकजुट होने की जरूरत है, वो उल्टा वैमनस्य फैला रही है." उनका कहना था कि कांग्रेस देश को जोड़ने की कोशिश कर रही है, न कि तोड़ने की. दिल्ली से उठा सवाल: अब क्या करेगी सरकार? यह कैंडल मार्च सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि एक मैसेज भी था. कांग्रेस ने दिखाया कि वो आतंकवाद के खिलाफ है और देश को एक रखना चाहती है. राहुल गांधी और बाकी नेताओं ने साफ कर दिया कि नफरत और डर से नहीं, बल्कि प्यार और एकता से देश आगे बढ़ेगा. अब सवाल यह है कि सरकार इस हमले का जवाब कैसे देती है और कश्मीर में हालात कब तक सुधरते हैं. दिल्ली की सड़कों से उठी ये आवाज शायद उस जवाब की राह खोले.

नफरत नहीं, भारत जोड़ो: दिल्ली में पहलगाम हमले के शहीदों को कांग्रेस की श्रद्धांजलि
Netaa Nagari द्वारा साक्षरित, यह खास रिपोर्ट उन बहादुर शहीदों को समर्पित की गई है, जिन्होंने पहलगाम हमले में जान दी। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां पर नेताओं ने शहीदों की शहादत को याद किया और नफरत के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने इस मौके पर कहा, “हमारे देश की एकता और अखंडता हम सबकी जिम्मेदारी है। नफरत नहीं, भारत जोड़ो का सन्देश हर भारतीय के दिल में होना चाहिए।” उन्होंने पहलगाम हमले को एक काला दिन बताते हुए शहीदों के बलिदान को न भुलाने का संकल्प लिया।
शहीदों की शहादत को किया गया याद
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों ने भी भाग लिया। राहुल गांधी ने उनके साथ संवाद किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी। इस अवसर पर नेताओं ने यह भी कहा कि यह समय नफरत से छुटकारा पाकर एक नए अध्याय की शुरुआत करने का है।
कांग्रेस का संदेश
कांग्रेस पार्टी ने शांति और एकता का संदेश फैलाने हेतु कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “हमें शहादत की अहमियत को समझना होगा और हमारे देश के लिए एक नई सोच की शुरुआत करनी होगी।” पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि नफरत को बढ़ावा देने वाले विचारों का सामना करना अनिवार्य है।
समापन विचार
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने हमें यह सिखाया कि हमें कभी भी नफरत के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यह केवल एक समारोह नहीं था, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता का संकेत भी था। सभी नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदान को हमेशा याद रखने का संकल्प लिया। हम सब मिलकर नफरत के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे और भारत को जोड़ने के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
इस कार्यक्रम ने न केवल एक राजनीतिक संदेश दिया, बल्कि यह एक अवसर था जब हमें एकजुट होकर अपने देश के लिए नई दिशा की ओर बढ़ने का संकल्प करना चाहिए। यह समझना जरूरी है कि एकजुटता में ही हमारी ताकत है।
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