हिंदी: आत्मविश्वास की भाषा, एकेटीयू की सिल्वर जुबली पर ब्रजेश पाठक का महत्वपूर्ण बयान
लखनऊ, अमृत विचार: हिंदी समाहित करती है, इसका शब्दकोश लगातार बढ़ रहा है। भारत जिस तरह से दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ रहा है उससे हिंदी अब आत्मविश्वास की भाषा बन गई है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एकेटीयू के स्थापना दिवस पर कही। डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शनिवार को सिल्वर जुबली वर्ष एवं 25वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। कार्यक्रम में सिल्वर जुबली लोगो काॅम्प्टीशन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालय के गोद लिये गये पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों को प्रशस्ति पत्र दिया...

हिंदी: आत्मविश्वास की भाषा, एकेटीयू की सिल्वर जुबली पर ब्रजेश पाठक का महत्वपूर्ण बयान
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लखनऊ, अमृत विचार: भारत के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि हिंदी अब आत्मविश्वास की भाषा बन गई है। इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हिंदी का शब्दकोश लगातार समृद्ध हो रहा है और यह भाषा अब वैश्विक पहचान बनाई है। कार्यक्रम में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और उसके महत्व को बढ़ावा देने वाली कई गतिविधियों का आयोजन किया गया।
हिंदी का बढ़ता महत्व
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि "हिंदी का शब्दकोश निरंतर बढ़ रहा है जो इस बात का प्रमाण है कि हिंदी अब सिर्फ एक माध्यम नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुकी है।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने दुनिया के मंच पर अपनी सफलताओं के झंडे गाड़े हैं, जिससे हिंदी को नई पहचान मिली है। इस दिन का महत्व इस संदर्भ में और भी बढ़ जाता है।
एकेटीयू का सिल्वर जुबली समारोह
एकेटीयू ने अपने 25 वर्षों की ओर बढ़ते सफर का जश्न मनाने के लिए धूमधाम से समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम में 'सिल्वर जुबली लोगो' प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और विश्वविद्यालय ने गोद लिए गए पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। साथ ही, शिक्षण संस्थान के छात्रों को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया।
समारोह में पुरस्कार और सामाजिक सहभागिता
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक योगेश शुक्ला ने कहा, "यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहा है, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।" उन्होंने ग्रामीण स्कूलों के बच्चों को भी इस समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया, जिससे वे भी इस शैक्षणिक यात्रा का अनुभव कर सकें।
विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियां
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के पिछले 25 वर्षों की यात्रा एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से नैक से प्राप्त ए ग्रेड के महत्व को साझा किया, जो विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण है। डिजिटलाइजेशन और अन्य आधुनिक तकनीकी पहलुओं की भी सराहना की गई।
सामाजिक जिम्मेदारी की चर्चा
कार्यक्रम में कार्यवाहक कुलसचिव केशव सिंह ने विश्वविद्यालय की गत 25 वर्षों की प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, जिसमें एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी शामिल थी, जो विश्वविद्यालय की यात्रा को दर्शाती है।
अंत में, एकेटीयू का यह 25वां स्थापना दिवस न केवल हिंदी के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मविश्वास और सामाजिक उत्तरदायित्व को भी उजागर करता है।
कम शब्दों में कहें तो, हिंदी अब आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुकी है, और इसका महत्व हर क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। इसके माध्यम से भारत ने अपनी पहचान को और भी मजबूत करने का कार्य किया है।
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सधन्यवाद,
टीम नेटा नगरी
- सिया शर्मा
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