छत्तीसगढ़ आईआईटी रायपुर में बड़ा विवाद, छात्र ने 36 छात्राओं की तस्वीरों से बनाया अश्लील सामग्री, सीएम ने लिया सख्त संज्ञान
डिजिटल डेस्क- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT रायपुर) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स… The post छत्तीसगढ़ के IIIT रायपुर में बड़ा खुलासा, छात्र ने 36 छात्राओं की तस्वीरों से बनाया अश्लील कंटेंट, सीएम ने लिया संज्ञान appeared first on .

छत्तीसगढ़ आईआईटी रायपुर में बड़ा विवाद, छात्र ने 36 छात्राओं की तस्वीरों से बनाया अश्लील सामग्री, सीएम ने लिया सख्त संज्ञान
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कम शब्दों में कहें तो, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT रायपुर) से एक अत्यंत संवेदनशील मामला सामने आया है। इस घटना में एक छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग करके 36 छात्राओं की तस्वीरों से अश्लील सामग्री बनाई है। यह घटना न केवल छात्रों के सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि डिजिटल नैतिकता के मानकों को भी चुनौती देती है।
क्या हुआ?
रायपुर के IIIT में अध्ययनरत एक छात्र ने AI तकनीक का अनुपयोग करते हुए 36 छात्राओं की तस्वीरों को असंगत तरीके से संसाधित किया और इससे अश्लील सामग्री तैयार की। यह मामला तेजी से तूल पकड़ गया और इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। घटना के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय पुलिस दोनों सक्रिय हो गई हैं।
सीएम का संज्ञान
राज्य के मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्यवाही के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस तरह के व्यवहार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी युवक को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया गया है।
छात्राओं की सुरक्षा का मुद्दा
इस घटना ने छात्राओं की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी उजागर किया है। आईआईटी पर्यावरण में अध्ययन करने वाली छात्राओं ने अपने सुरक्षात्मक उपायों को फिर से सोचने की आवश्यकता महसूस की है। इस प्रकरण के बाद, छात्रों में भय और चिंता की लहर दौड़ गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा समीक्षाएं और जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है।
डिजिटल नैतिकता का प्रश्न
भले ही हम तकनीकी विकास की बात करें, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल नैतिकता के संदर्भ में एक मजबूत आचार संहिता की जरूरत है। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे छात्रों को AI और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग सही तरीके से करने के लिए प्रशिक्षित करें।
समाज पर प्रभाव
इस तरह की घटनाएँ केवल विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहतीं; ये समाज के लिए भी खुली चुनौती हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि नैतिकता और तकनीकी विकास दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर हम तकनीक को नैतिक दायरे में नहीं रखते हैं, तो समाज में अराजकता उत्पन्न हो सकती है।
आगे की राह
इस मामले के पश्चात, सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपने पेपर प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों को सुधारने की आवश्यकता है। बच्चों को सही और गलत का ज्ञान देना न केवल शिक्षा का मूलभूत हिस्सा है, बल्कि समाज के लिए जरूरी है।
निष्कर्ष
इस प्रकरण ने हमें यह याद दिलाया है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान देने तक सीमित नहीं होनी चाहिए; बल्कि यह नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी आह्वान करती है। हम सभी को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है कि आगे से ऐसी घटनाएँ पुनरावृत्त न हों।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट Netaa Nagari पर जाएं।
Team Netaa Nagari - सिमा शर्मा
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