लखनऊ में कर्ज के दबाव में गैस एजेंसी के डिलीवरीमैन ने जहर खाकर दी जान
मोहनलालगंज में पत्नी से झगड़े के बाद मजदूर ने फंदा लगाकर की आत्महत्या
लखनऊ में कर्ज के दबाव में गैस एजेंसी के डिलीवरीमैन ने जहर खाकर दी जान
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लेखिका: साक्षी शर्मा, राधिका वर्मा, टीम नेटआनागरी
परिचय
लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र में एक बेहद दुखद घटना में, एक गैस एजेंसी के डिलीवरीमैन ने कर्ज के तनाव के कारण जहर खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है, जो आर्थिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दर्शाती है।
घटनास्थल और विवरण
हनुमान पुरी गली नंबर-2 निवासी प्रेम यादव (48) ने बुधवार सुबह करीब 9 बजे घर से बाहर निकलकर सिलेंडर वितरण का कार्य शुरू किया। उसके बाद, वह राजकीय सैनिक स्कूल के पास अपनी साइकिल पाकर पैदल चलने लगा। अचानक उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसने फोन कर अपने परिचित राहुल और परिवार के सदस्यों को सूचित किया। आनन-फानन में, परिजन प्रेम को सरोजनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे लोकबंधु अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आर्थिक तनाव का सामना
स्थानीय पुलिस इंस्पेक्टर राजदेव राम प्रजापति ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि प्रेम यादव ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था, जिससे वह अत्यधिक परेशान था। परिवार में उसकी पत्नी किरन, और दो बेटे आदित्य उर्फ आकाश और शिवांशु उर्फ बाबू हैं। कर्ज और पारिवारिक तनाव ने प्रेम को इतना परेशान कर दिया कि उसने इस गंभीर कदम उठाने का फैसला किया।
एक और आत्महत्या की घटना
इसी दिन मोहनलालगंज के गौरा मजरा शंकरखेड़ा गांव में एक और आत्महत्या की घटना घटी, जहां 35 वर्षीय मजदूर महेश रावत ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी मां सुशीला ने बताया कि महेश ने बुधवार देर रात घर लौटकर बिना कुछ कहे सीधे कमरे में चला गया। सुबह उसकी लाश फंदे पर लटकी हुई मिली। महेश के इस कदम का कारण उसकी पत्नी से हुआ झगड़ा बताया जा रहा है, जिसके बाद उसकी पत्नी घर छोड़कर चली गई थी।
समाज में चिंता का विषय
ये दोनों घटनाएं समाज में आर्थिक और मानसिक तनाव के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती हैं। कर्ज का दबाव और पारिवारिक समस्याएं न केवल व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनके परिवार को भी गंभीर संकट में डाल देती हैं।
निष्कर्ष
इन घटनाओं ने यह दर्शा दिया है कि हमें कर्ज, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए। समाज को इन समस्याओं के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। जो व्यक्ति आर्थिक तनाव का सामना कर रहे हैं, उन्हें मदद और समर्थन की आवश्यकता है। हम समाज के हर सदस्य की जिम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे का साथ दें और इस तनावपूर्ण दौर में उनसे जुड़ें।
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