धानेपुर में महिला किसानों की संघर्ष: बारिश के बावजूद यूरिया खाद के लिए घंटों कतार में खड़ी रहीं

धानेपुर, अमृत विचार :  जिले में यूरिया खाद की किल्लत अब किसानों की मजबूरी बन चुकी है। हालत यह है कि साधन सहकारी समितियों पर खाद के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। मंगलवार को धानेपुर साधन सहकारी समिति पर खाद लेने पहुंची सैकड़ों महिलाएं तेज बारिश में भी घंटों लाइन में खड़ी रहीं। पुरुष किसान तोगए लेकिन महिलाएं डटी रहीं। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े हो गए हैं।    किसान परेशान, खाद के लिए जद्दोजहद जारी : मुजेहना क्षेत्र में यूरिया की किल्लत लगातार बनी हुई है। समितियों पर खाद तो...

Aug 19, 2025 - 18:37
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धानेपुर में महिला किसानों की संघर्ष: बारिश के बावजूद यूरिया खाद के लिए घंटों कतार में खड़ी रहीं

धानेपुर, अमृत विचार: यूरिया खाद की कमी ने अब किसानों को बहुत बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। साधन सहकारी समितियों पर खाद के लिए बढ़ती लंबी कतारें अब आम बात हो गई हैं। मंगलवार को धानेपुर सहकारी समिति पर यूरिया खाद हासिल करने पहुंची सैकड़ों महिलाएं तेज बारिश में भी घंटों खड़ी रहीं। जहाँ पुरुष किसान बारिश के डर से कतार छोड़कर चले गए, वहीं महिलाएं अपने अधिकारों के लिए डटी रहीं। उनकी दृढ़ता और जुझारूपन की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं, जिसके बाद प्रशासन की अव्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

किसानों की अनदेखी: खाद की कठिनाइयाँ

मुजेहना क्षेत्र में यूरिया की कमी बेहद राहतकारी स्थिति में है। समिति पर खाद तो आ रहा है, लेकिन बिचौलियों के कारण असली किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। महिलाओं को इस परिस्थिति का सामना करते हुए खुद से घर से निकलकर घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। यह उनके संघर्ष और परिवार की आजीविका के प्रति उनकी समर्पण भावना को दर्शाता है।

बारिश में भीगे महिलाएं, खाद का इंतजार

खाद वितरण की सूचना सुनते ही, मंगलवार को सैकड़ों महिलाएं धानेपुर समिति पर पहुंच गईं। हालांकि, वितरण में देरी के चलते वे दोपहर तक लाइन में खड़ी रहीं, और इस दरमियान तेज बारिश शुरू हो गई। पुरुष किसान जहां हिम्मत हार कर चले गए, वहीं महिलाएं बारिश में भीगते हुए भी अपनी जगह पर डटी रहीं। यह दृश्य अब एक नई सामाजिक बहस का विषय बन गया है, जहां महिलाओं की मजबूती को एक नई पहचान मिली है।

पुलिस की उपस्थिति में शुरू हुआ वितरण

दोपहर बाद जब पुलिस फोर्स पहुंची, तब खाद का वितरण शुरू हो सका। सहकारी समिति के सचिव दिवाकर तिवारी ने कहा कि “अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बल को बुलाया गया था, तभी जाकर वितरण किया गया।” इन तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग प्रशासन की अनदेखी पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। क्या शासन-प्रशासन को पहले से तैयार नहीं रहना चाहिए था?

समाज में बदलाव की आवश्यकता

यह घटना समाज की मौलिक समस्याओं को उजागर करती है। महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। हमें सभी को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने होंगे। जब तक महिलाएं इस प्रकार के संघर्षों का सामना करती रहेंगी, तब तक समाज में असमानता बनी रहेगी।

निष्कर्ष

धानेपुर की यह घटना केवल किसानों की खाद की कमी का उदाहरण नहीं है, बल्कि यह बताती है कि हमारी समाज में महिलाएं कितनी मजबूत और साहसी हैं। जब वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हैं, तो हमें भी उनकी सहायता करनी चाहिए। दोष केवल प्रशासन पर नहीं, बल्कि हम सभी पर है कि हम इन समस्याओं की ओर ध्यान दें। भविष्य की दिशा क्या होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि आगामी दिनों में इस मुद्दे पर सकारात्मक बदलाव आएगा।

कम शब्दों में कहें तो, धानेपुर में महिला किसानों का संघर्ष हमें यह दर्शाता है कि असली परिवर्तन की आवश्यकता है।

अधिक जानकारी के लिए, हमारे साथ जुड़े रहें और हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ते रहें।

धन्यवाद,

टीम नेटानगरी

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