धर्मांतरण घोटाले का बड़ा खुलासा: ED ने छांगुर और नसरीन के 32 खातों का किया खुलासा, 18 खातों का लेनदेन 68 करोड़ रुपये
लखनऊ, अमृत विचार। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर बाबा और उसके करीबी नीतू उर्फ नसरीन के 32 बैंक खातों की डिटेल मिली है। इसमें आठ खातों में हुए एक-एक रुपये के लेनदेन का हिसाब भी मिला है। टीम अन्य खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है। सूत्रों के मुताबिक गिरोह के प्रमुख सदस्यों के नाम से 50 से अधिक बैंक खाते हैं। इनमें सौ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन की टीम ने छांगुर, नीतू उर्फ नसरीन व गिरोह के मुख्य सदस्यों के खातों का ब्योरा जुटा रही...

धर्मांतरण घोटाले का बड़ा खुलासा: ED ने छांगुर और नसरीन के 32 खातों का किया खुलासा, 18 खातों का लेनदेन 68 करोड़ रुपये
लखनऊ, अमृत विचार। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में धर्मांतरण गिरोह के प्रमुख छांगुर बाबा और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के 32 बैंक खातों की जानकारी हासिल की है। इन खातों में से 18 में तीन महीने के भीतर 68 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह खुलासा धार्मिक-सामाजिक मामलों में गहराई से दखल देने वाले इस मामले की नई परतें खोलता है।
ईडी की जांच प्रारंभ हुई जब सुरक्षा एजेंसियों ने छांगुर बाबा की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया। यह गिरोह कथित तौर पर अवैध धर्मांतरण के जरिए लोगों को प्रभावित कर रहा था। जांच में 32 खातों के बीच से आठ खातों पर एक-एक रुपये के लेनदेन का भी विस्तृत रिकॉर्ड प्राप्त हुआ है।
बैंक खातों में भारी लेनदेन
ईडी द्वारा प्रकट किए गए आंकड़े अत्यधिक चौंकाने वाले हैं। केवल 18 बैंक खातों में 68 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, जो कि सिर्फ तीन महीने की अवधि में संपन्न हुआ है। इनमें से लगभग 7 करोड़ रुपये विदेश से हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे संदेह बढ़ता है कि यह धनforeign funding network के माध्यम से आया है। यह पैसा कथित रूप से संपत्ति खरीदने और धर्मांतरण के कार्यों में लगाया गया है, विशेषकर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर क्षेत्र में।
संपत्ति और आयकर की गहन जांच
ईडी की टीम छांगुर बाबा के बैंकिंग लेनदेन के साथ-साथ उनकी संपत्तियों, आयकर रिटर्न और अन्य प्राथमिक दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, छांगुर ने विदेशी फंडिंग का उपयोग कर अचल संपत्तियों में भारी निवेश किया है। ऐसे संदिग्ध लेनदेन भी जांच के दायरे में आए हैं। ईडी के प्रयासों के साथ-साथ, इनकम टैक्स विभाग और खुफिया एजेंसियों ने भी इस मामले में कदम उठाने प्रारंभ कर दिए हैं।
ईडी की टीम बिना किसी रुकावट के छांगुर और उनके गिरोह के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों के बैंक खातों की गहन छानबीन कर रही है। यह जांच यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि ये बिजनेस और एनजीओ के नाम पर किस प्रकार की गुप्त गतिविधियों को संचालित कर रहे थे।
धार्मिक-सामाजिक संदर्भ
यह मामला सिर्फ वित्तीय लेन-देन का न होकर, सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा को लेकर भी अत्यधिक संवेदनशील है। धर्मांतरण की राजनीति पर उठने वाली आवाजें एक बार फिर से इस मामले की गंभीरता को उजागर कर रही हैं। धार्मिक समुदायों में उठनी वाली चिंताओं के मद्देनजर, यह गतिविधियाँ अब जांच के दायरे में आ गई हैं, जो लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता और संवेदनशीलता के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर देती हैं।
जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ता है, उम्मीद है कि ईडी जल्द ही इस पर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यह केस न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि समग्र भारत में धार्मिक सुरक्षा और कानूनी मानदंडों पर विचार करने का एक बड़ा कारण बन सकता है।
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यह खबर हमें टीम नेटानागरी द्वारा प्रस्तुत की गई है।
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