तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर आया कन्हैया कुमार का बयान, कहा- ‘यह BJP की सोची-समझी चाल’

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के जरिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कन्हैया इन दिनों बिहार में बेरोजगारी पर पदयात्रा कर रहे हैं।

Apr 10, 2025 - 21:37
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तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर आया कन्हैया कुमार का बयान, कहा- ‘यह BJP की सोची-समझी चाल’
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर आया कन्हैया कुमार का बयान, कहा- ‘यह BJP की सोची-समझी चाल’

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर आया कन्हैया कुमार का बयान, कहा- ‘यह BJP की सोची-समझी चाल’

Netaa Nagari

लेखिका: दीपिका शर्मा, टीम नेता नगरी

परिचय

हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर नेता कन्हैया कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे भाजपा की सोची समझी चाल बताते हुए इस बात पर जोर दिया है कि सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। चलिए जानते हैं इस मामले की गहराइयों के बारे में।

कन्हैया कुमार का बयान

कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “भाजपा सरकार लगातार मुद्दों को अपनी राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रही है। तहव्वुर राणा का मामला भी इसी क्रम में आता है। सरकार इस मुद्दे को लेकर देश में एक डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं कि विदेशों से प्रत्यर्पित अपराधियों के मामलों में सच्चाई हमेशा के लिए साथ आती है।

तहव्वुर राणा का मामला

तहव्वुर राणा, जो कि एक खूंखार आतंकी है, को अमेरिका द्वारा भारत के हवाले किया गया है। उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जो भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। राणा का लिंक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में गंभीरता से काम कर रही हैं।

राजनीतिक बयानबाजी

कन्हैया कुमार ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर मुद्दों को भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा सच में आतंकवाद के खिलाफ है, तो उन्हें अपने शासनकाल की उन नीतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं।”

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा

कन्हैया कुमार का यह बयान उनके राजनीतिक विरोधियों को भी चुनौती देता है। उनका मानना है कि सरकार को पहले अपनी नीतियों का मूल्यांकन करना चाहिए। इसके माध्यम से वे समाज में एक स्थायी बदलाव ला सकते हैं।

निष्कर्ष

कन्हैया कुमार के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति में आतंकवाद पर बातचीत किस तरह से राजनीतिक चिंतन का हिस्सा बन चुकी है। भाजपा के विरोधी उनके इस कदम पर नजर बनाए हुए हैं और राजनीतिक माहौल को गहराई से समझने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में अधिक जानकारियों के लिए, netaanagari.com पर जाएं।

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