कोटा में एक और सुसाइड, पढ़ाई के तनाव में 11वीं की बच्ची ने मौत को लगाया गले, डॉक्टर बनने का था सपना
Kota Suicide Case Latest: राजस्थान के कोटा जिले से छात्र और छात्राओं द्वारा आत्महत्या करने की घटना नई नहीं है. अधिकांश मामलों में इसकी वजह पढ़ाई का तनाव ही उभरकर सामने आता है. ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. राजस्थान पुलिस ने कहा कि कक्षा 11 की एक छात्रा ने पढ़ाई के तनाव के कारण शनिवार (5 अप्रैल) को छत के पंखे से लटक कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. कोटा पुलिस के मुताबिक उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. फिलहाल, कोटा पुलिस की इस घटना की जांच में पुलिस जुटी है. घटना के समय मां गई थी बाजार कोटा पुलिस के अनुसार प्रगति विहार की रहने वाली 17 साल की छात्रा ने आगे की पढ़ाई के लिए साइंस स्ट्रीम ली थी और वह कक्षा 11 में पढ़ती थी. पुलिस ने कहा कि लड़की ने कथित तौर पर अपने घर में सुबह करीब 11.30 बजे आत्महत्या कर ली. घटना के समय लड़की की उसकी मां बाजार गई थी और बहन लाइब्रेरी में थी. मेडिकल की तैयारी कर रही थी छात्रा पीड़ित छात्रा की मां जब बाजार से घर वापस लौटी तो उन्होंने लड़की को छत के पंखे से लटका पाया. परिवार के सदस्यों के अनुसार लड़की का लक्ष्य मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रवेश परीक्षा देना था. हालांकि, उसने तैयारी के लिए किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं लिया और स्कूल जाने के अलावा सेल्फ स्टडी भी कर रही थी. पढ़ाई के कारण तनाव में थी लड़की- थाना पुलिस बोरखेड़ा सर्कल इंस्पेक्टर देवेश भारद्वाज ने कहा कि लड़की कथित तौर पर पढ़ाई के कारण अवसाद और तनाव में थी. हालांकि, आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. उन्होंने बताया कि लड़की के पिता रेलवे ट्रेनिंग स्कूल में शिक्षक हैं और मध्य प्रदेश के कटनी में तैनात हैं. शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया. अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.

कोटा में एक और सुसाइड, पढ़ाई के तनाव में 11वीं की बच्ची ने मौत को लगाया गले, डॉक्टर बनने का था सपना
Netaa Nagari
लेखिका: प्रिया शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
राजस्थान के कोटा में अपनी पढ़ाई के तनाव से जूझती एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यह घटना न केवल छात्रा के परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चिंताजनक संकेत भी है। पढ़ाई का दबाव और प्रतियोगिता के होड़ में खोए हुए सपनों की यह कहानी कई छात्रों की पहचान बन चुकी है।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, यह घटना कोटा में पिछले सप्ताह हुई। छात्रा, जिसे डॉक्टर बनने का सपना था, ने परीक्षा की तैयारी के चलते बढ़ते मानसिक तनाव के कारण जीवन समाप्त करने का कदम उठाया। इस घटना ने स्थानीय निवासियों में चिंता और रोष पैदा कर दिया है। सहपाठियों और शिक्षकों के अनुसार, छात्रा हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता देती थी और अक्सर खुद को अकेला महसूस करती थी।
पढ़ाई का तनाव और युवा मानसिकता
कोटा अपने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन यहाँ पढ़ाई का दबाव कई बार युवाओं की मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना और उनका समाधान करना आवश्यक है। छात्रों के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित करना और तनाव प्रबंधन की तकनीकों का प्रशिक्षण देना बेहद महत्वपूर्ण है।
समाज और परिवार की भूमिका
इस दर्दनाक घटना ने परिवार और समाज दोनों की जिम्मेदारी की याद दिलाई है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की मानसिक सेहत का ध्यान रखने के साथ ही उन्हें पढ़ाई के दबाव से निकालने में मदद करें। कट्टर प्रतिस्पर्धा के इस युग में, विद्यार्थियों को प्रेरित करना और उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना आवश्यक है।
निष्कर्ष
कोटा में हुई यह घटना सिर्फ एक और संख्या नहीं है, बल्कि यह एक गहरी जिम्मेदारी की ओर इशारा करती है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आत्महत्या की दुखद घटनाओं से बचने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा। पढ़ाई का यह दबाव किसी भी सूरत में किसी की जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकता।
यदि आप या आपके परिचित किसी तनाव का सामना कर रहे हैं, तो समर्थन साधनों का उपयोग करें और विशेषज्ञ मदद लें।
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