कागजों में लिपटे एनएमसी के मानक आज उतरेंगे केजीएमयू परिसर में, रेड कॉरपेट पर निरीक्षण करेंगी नैक टीम
लखनऊ, अमृत विचार। अगले तीन दिन केजीएमयू में मरीज ही नहीं, मेडिकोज को वह अनुभव मिलेगा, जिसकी उन्होंने संस्थान में कदम रखने के पहले सोचा तो होगा, मगर कभी न देखा होगा और न महसूस किया होगा। यह अनुभव अच्छा होने के साथ कुछ के लिए कष्टकारी भी हो सकता है। क्योंकि मरीजों व छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 31 जुलाई गुरुवार से अगले तीन परिसर में रहेगी। नैक की टीम के लिए रेड कॉरपेट की व्यवस्था में केजीएमयू प्रशासन द्वारा मरीजों व तीमारदारों की सुविधाओं पर...
कागजों में लिपटे एनएमसी के मानक आज उतरेंगे केजीएमयू परिसर में, रेड कॉरपेट पर निरीक्षण करेंगी नैक टीम
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लखनऊ, अमृत विचार। अगले तीन दिन केजीएमयू में मरीज ही नहीं, मेडिकोज को वह अनुभव मिलेगा, जिसकी उन्होंने संस्थान में कदम रखने के पहले सोचा तो होगा, मगर कभी न देखा होगा और न महसूस किया होगा। यह अनुभव अच्छा होने के साथ कुछ के लिए कष्टकारी भी हो सकता है। क्योंकि मरीजों व छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की टीम 31 जुलाई गुरुवार से अगले तीन दिन केजीएमयू परिसर में रहेगी।
नैक टीम का अनोखा निरीक्षण
नैक टीम के लिए रेड कॉरपेट की व्यवस्था में केजीएमयू प्रशासन द्वारा मरीजों व तीमारदारों की सुविधाओं पर कुछ बंदिशें लगा दी गई हैं। केजीएमयू में मरीजों को अतिविशिष्ट और गुणवत्ता युक्त चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध होती हैं, लेकिन नैक टीम की मौजूदगी के दौरान कुछ मरीजों खास कर ओपीडी के मरीज व तीमारदारों को अपनी सुविधाओं का त्याग करना पड़ सकता है। जरा की व्यवहारिक गलती करने पर तीमारदारों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
प्रवेश द्वारों में बदलाव
केजीएमयू के चीफ प्राक्टर प्रो. आर ए एस कुशवाहा द्वारा जारी आदेशानुसार, गुरुवार से परिसर में मुख्य तीन प्रवेश द्वारों में एक नंबर और 24 नंबर द्वार बंद रहेंगे। मात्र द्वार नंबर दो ही प्रवेश के लिए उपलब्ध होगा, जिससे कॉलेज में रोजाना आने वाली हजारों की भीड़ का दबाव एक ही प्रवेश द्वारा पर होगा। ऐसे में पैदल चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों एवं तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
इस संबन्ध में केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि 24 नंबर प्रवेश द्वारा गेस्ट हाऊस में आने वाले अतिथियों के लिए है, मरीजों के लिए नहीं, इसलिए बंद रहेगा। इसके अलावा, एक नंबर गेट भी वैकल्पिक व्यवस्था है, जिसके कारण मरीजों एवं तीमारदारों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
बदला रहेगा नजारा
नैक टीम निरीक्षण के दौरान केजीएमयू में ओपीडी से लेकर वार्डो का नजारा अद्भुत रहेगा। पान की पीक एवं गंदगी से भरे रहने वाले दिवारों के कोनों के साथ ही वार्डो में हर बेड के आस-पास साफ सफाई का ध्यान रखा जाएगा। तीन रंग के डस्टविन में कर्मचारी खुद मरीजों से मेडिकल वेस्ट लेकर फेकेंगे। इतना ही नहीं, सभी डॉक्टर्स व नर्स के अलावा कर्मचारी भी अपनी निर्धारित ड्रेस में रहेंगे। वार्डो में भर्ती मरीजों के पास डॉक्टर व नर्स खुद के बिना बुलाए स्थिति का जायजा लेने पहुंचेंगे।
नैक की प्रभावी भूमिका
नैक भारत में चिकित्सा संस्थानों का मानकीकरण करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसकी उपस्थिति से केजीएमयू और अन्य चिकित्सा संस्थानों की गुणवत्ता की एक नई छवि उभरकर आएगी। यह निरीक्षण सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। छात्रों और मरीजों को मिलने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित करने के लिए नैक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सातत्य के साथ, इस निरीक्षण के दौरान केजीएमयू को मिले फीडबैक से न केवल संस्थान की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
तो, तैयार रहें, केजीएमयू परिसर में एक नई शुरूआत के लिए।
बॉक्स ऑफिस बंद करने के संबंध में कोई भी जानकारी या मदद के लिए, कृपया विश्वविद्यालय के कार्यालय से संपर्क करें।
ताजगी के साथ, इस मानकीकरण प्रक्रिया से मरीजों, छात्रों तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों को बेहतरीन अनुभव की उम्मीद है।
अंत में, हम आशा करते हैं कि इस निरीक्षण से केजीएमयू की सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा और यह संस्थान देश के मेडिकल क्षेत्र में एक नई ऊंचाई छूएगा।
लेखन: सुषमा शर्मा, प्रिया वर्मा, टीम नेटअनागरी
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