उत्तराखंड: पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता का निलम्बन, मुख्यमंत्री धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरकारी दायित्वों के निर्वहन में कार्मिकों द्वारा किये जा रहे कदाचार के प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है,इसी क्रम में अध्यक्ष उत्तराखण्ड पेयजल निगम शैलष बगोली द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन पर सुजीत कुमार विकास प्रभारी मुख्य अभियंता (कु.)मूल पद अधीक्षण अभियंता उत्तराखण्ड़ पेयजल निगम हल्द्वानी […] The post UTTARAKHAND:-कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन पर उत्तराखण्ड पेयजल निगम हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता को किया गया निलम्बित,सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर की जा रही कार्यवाही appeared first on संवाद जान्हवी.

उत्तराखंड: पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता का निलम्बन, मुख्यमंत्री धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कठोर कदम उठाए हैं। इसी क्रम में, उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार विकास को कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोप में निलम्बित किया गया है। यह निर्णय अध्यक्ष शैलष बगोली के आदेश पर लिया गया है।
कदाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री धामी ने सरकारी कार्यों में कदाचार की घटनाओं पर ध्यान देते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया है। इसी के तहत, सुजीत कुमार विकास को तत्काल निलम्बित कर दिया गया है। उन पर संजय कुमार नामक व्यक्ति से कथित रूप से भ्रष्टाचार करने का आरोप है, जो कि एक गंभीर मामला है।
आरोपों की जांच
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, संजय कुमार की ओर से शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया है कि 2022 में सुजीत कुमार ने उनके द्वारा संचालित एक फर्म को उत्तराखंड पेयजल निगम में पंजीकरण कराने का आश्वासन दिया। इसके बदले, संजय कुमार ने अपने बैंक खाते से 10 लाख रुपये दो अन्य फर्म के खातों में स्थानांतरित किए, जिसमें से एक फर्म की पार्टनर सुजीत कुमार की पत्नी थीं। यह तथ्य जांच में सामने आया है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।
सुजीत कुमार का निलम्बन और आगे की कार्रवाई
अध्यक्ष शैलष बगोली ने स्पष्ट किया है कि सुजीत कुमार का कार्य स्पष्ट रूप से निगम के आचरण नियमावली का उल्लंघन करता है। उन्हें निलम्बित करने के बाद भी, उन्हें अपने कार्यों का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने न कोई उत्तर दिया जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हुई।
इस बीच, निलम्बन की अवधि में, सुजीत कुमार विकास को कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखंड पेयजल निगम, रूडकी में रखा जाएगा। मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि विभाग के अन्य कर्मियों में अनुशासन बना रहे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इस प्रकार के ठोस कदम विभाग में कर्मचारियों में एक सकारात्मक बदलाव लाएंगे। इससे न केवल उनके कार्यों में सुधार होगा बल्कि वे जनता की सेवा के प्रति भी और अधिक गंभीर होंगे।
इस सख्त कार्रवाई का मतलब यह है कि सरकार पारदर्शिता और जिम्मेदारी को गंभीरता से ले रही है। उम्मीद है कि इस निलम्बन से अन्य अधिकारियों को एक सबक मिलेगा और वे सही दिशा में कार्य करेंगे।
इन समस्त मामलों की जांच के बाद, यह देखना दिलचस्प रहेगा कि राज्य की न्याय प्रणाली और प्रशासन इस दिशा में और क्या कदम उठाते हैं।
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टीम नेटाअगारी, राधिका
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