उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, 17 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, 37 जिले हुए प्रभावित, IMD ने दी ये चेतावनी

लखनऊ, अमृत वितारः उत्तर प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी में बने नए मौसमी सिस्टम के कारण तराई और दक्षिणी क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। सहारनपुर में सबसे अधिक 140 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि गोरखपुर में 75.2 मिमी और बलिया में 73.3 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग का अलर्ट अमौसी के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के...

Aug 12, 2025 - 09:37
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उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, 17 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, 37 जिले हुए प्रभावित, IMD ने दी ये चेतावनी
उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, 17 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, 37 जिले हुए प्रभावित, IMD ने दी ये चेतावनी

उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही, 17 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, 37 जिले हुए प्रभावित, IMD ने दी ये चेतावनी

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कम शब्दों में कहें तो उत्तर प्रदेश में हाल ही में बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है। मौसम विभाग ने 17 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, और प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ की गंभीर स्थिति सामने आ रही है।

लखनऊ, अमृत वितारः उत्तर प्रदेश में मॉनसून का प्रकोप फिर से बढ़ गया है। सोमवार को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले तीन-चार दिनों के लिए मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है। यह स्थिति विशेष रूप से बंगाल की खाड़ी में बने नए मौसमी सिस्टम के कारण उत्पन्न हुई है। सहारनपुर में सर्वाधिक 140 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि गोरखपुर में 75.2 मिमी और बलिया में 73.3 मिमी बारिश हुई।

मौसम विभाग का अलर्ट

अमौसी के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मौसमी सिस्टम और ट्रफ लाइन की मजबूती से प्रदेश में नमी से भरी पूर्वी हवाएँ सक्रिय हो गई हैं। इसके चलते अगले कुछ दिन पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, महाराजगंज, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, बिजनौर एवं आस-पास के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है।

बाढ़ से प्रभावित 37 जिले

बरसाती पानी के चलते प्रदेश के 37 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इनमें अयोध्या, भदोही, श्रावस्ती, उन्नाव, बहराइच, बाराबंकी, बस्ती, कासगंज, हरदोई, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शाहजहाँपुर, फर्रुखाबाद, मेरठ, हापुड़, गोरखपुर, गोंडा, बिजनौर, बदायूं, मीरजापुर, संत कबीर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं। इन जिलों की 95 तहसीलों और 1929 गांवों में बाढ़ का असर देखा जा रहा है।

राहत और बचाव कार्य तेज

मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेजी से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने जानकारी दी है कि लगभग 6,95,362 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिन्हें सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, 84,777 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। बाढ़ से 574 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से 472 परिवारों को धनराशि प्रदान की जा चुकी है। इस आपदा में 65,202 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ चुका है। राहत सामग्री पहुँचाने के लिए 2,622 नावें और मोटरबोट्स का उपयोग हो रहा है।

सरकार के प्रयास

मुख्यमन्त्री के दिशा-निर्देशों के तहत मंत्री और अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवा रहे हैं। सरकार ने त्वरित राहत और पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास किया है ताकि प्रभावित लोगों को जल्द ही सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिल सके।

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सरकार ने बाढ़ के दौरान नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमों की तैनाती की गई है ताकि जरूरतमंद नागरिकों को चिकित्सा सहायता प्राप्त हो सके। इस संकट के समय में एकजुटता और आपसी सहयोग का ये प्रयास निश्चित रूप से प्रशंसा के योग्य है।

इन विपरीत परिस्थितियों में हम सबको एकजुट होकर एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। यह समय है कि हम अपनी सामर्थ्य का उपयोग करें, जिससे हम अपने साथियों की मदद कर सकें।

इस बाढ़ के संकट का सामना करते हुए हम सभी को सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक संवेदनशीलता के साथ एक-दूसरे के सहयोग में जुट जाना चाहिए। आगे आकर हमें बाढ़ के नकारात्मक प्रभावों का सामना करना होगा।

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राधिका शर्मा, टीम नेटaa नगरी

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