बदायूं: महिला की संदिग्ध मौत, ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या का आरोप
सहसवान, अमृत विचार। सहसवान क्षेत्र निवासी एक महिला की राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। सूचना पर महिला का मायका पक्ष पहुंचा। ससुरालीजनों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मौत के बाद परिजनों में चीत्कार मचा है। गांव भवानीपुर खल्ली निवासी मोहम्मद हारुन की बेटी आयशा फातिमा (22) की शादी तकरीबन डेढ़ साल पहले सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गांव नदायल निवासी जफर अली पुत्र मुनासिर के साथ हुई थी। आयशा के दादा सरफराज का आरोप ह कि शादी के बाद से ही ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज में...
बदायूं: महिला की संदिग्ध मौत, ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या का आरोप
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सहसवान, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के सहसवान क्षेत्र में एक महिला की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। आयशा फातिमा नामक 22 वर्षीय महिला की मौत के बाद उसके मायके पक्ष ने आरोप लगाया है कि ससुराल वालों ने जहर देकर उसकी हत्या की है। यह मामला दहेज प्रथा के चलते हो रहे अत्याचारों को एक बार फिर उजागर करता है।
घटना का विवरण और महिला की स्थिति
गांव भवानीपुर खल्ली निवासी मोहम्मद हारुन की बेटी आयशा फातिमा की शादी सहसवान कोतवाली क्षेत्र के गांव नदायल निवासी जफर अली से करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। शादी के बाद से ही ससुरालीजनों ने आयशा पर अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर अत्याचार करना शुरू कर दिया था। आयशा के दादा, सरफराज ने आरोप लगाया है कि ससुराल वाले लगातार उनसे 4 लाख रुपये और एक कार की मांग कर रहे थे।
आयशा की परेशानियाँ और अस्पताल में इलाज
परिवार के अनुसार, दहेज के लिए लगातार प्रताड़ना के कारण आयशा मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशान थी। इस बीच, शुक्रवार शाम को जफर ने आयशा के मायका पक्ष को सूचित किया कि उसने विषाक्त पदार्थ खा लिया है और उसे सहसवान के अस्पताल ले जाया जा रहा है। हालाँकि, डॉक्टर्स ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया और तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहाँ दुर्भाग्य से आयशा की मृत्यु हो गई।
परिवार का गुस्सा और पुलिस कार्रवाई
आयशा की संदिग्ध मौत के बाद उसके परिजनों का कहना है कि ससुरालीजन शव को छोड़कर भाग गए। मायका पक्ष ने चित्कार करते हुए कहा कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार की तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दहेज प्रथा के प्रति जागरूकता
यह घटना एक बार फिर दहेज प्रथा के अभिशाप को उजागर करती है। इस प्रथा के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। लोगों को दहेज के नाम पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। परिवार और समाज को इस गंभीर मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए।
समापन भाव
यह मामला केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में दहेज प्रथा और महिलाओं पर हो रहे अन्याय का एक ठोस उदाहरण है। इसके खिलाफ संगठित होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। यह एक मौका है जब हम एकजुट होकर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हो सकते हैं।
इस घटना से हमें यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि हर जीवन की अहमियत होती है, और इसके संरक्षण के लिए सकारात्मक परिवर्तनों की आवश्यकता है।
टीम नेटानागरी
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