UTTARAKHAND:-‘विकसित उत्तराखण्ड@2047 सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ’कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी कहा-राष्ट्र-प्रहरी के साथ पर्यावरण प्रहरी भी बने भूतपूर्व सैनिक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जबरन धर्मान्तरण व डेमोग्राफ़िक चेंज पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग एवं कानूनी रूप से शिकायत हेतु जन जागरूकता भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून लागू करने के साथ,भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्यवाही व यूसीसी जैसा […] The post UTTARAKHAND:-‘विकसित उत्तराखण्ड@2047 सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ’कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी कहा-राष्ट्र-प्रहरी के साथ पर्यावरण प्रहरी भी बने भूतपूर्व सैनिक appeared first on संवाद जान्हवी.

UTTARAKHAND:-‘विकसित उत्तराखण्ड@2047 सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ’कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी कहा-राष्ट्र-प्रहरी के साथ पर्यावरण प्रहरी भी बने भूतपूर्व सैनिक
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में गढ़ी कैंट, देहरादून में ‘विकसित उत्तराखण्ड@2047 सामूहिक संवाद-पूर्व सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों से बातचीत की और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर सुझाव देने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबरन धर्मान्तरण और डेमोग्राफिक चेंज जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून तथा भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयारियां की हैं।
सैनिकों की भूमिका
धामी ने भूतपूर्व सैनिकों को राष्ट्र-प्रहरी और पर्यावरण प्रहरी बनने का आह्वान किया। उन्होंने वन विभाग को हर डिवीजन में 1000 पेड़ लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “आप सभी जो सैनिक हैं, आप पर्यावरण के रक्षक भी हैं। आपके द्वारा लगाए गए पेड़ फलेंगे-फूलेंगे, क्योंकि आप उनका ख्याल रखेंगे।”
राज्य विकास का रास्ता
मुख्यमंत्री ने आगे जानकारी दी कि पिछले दो महीनों में राज्य में 38 लाख से अधिक पर्यटक आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से शीतकालीन यात्रा और आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बेरोजगारी दर 4.2% से कम हो गई, जो राष्ट्रीय औसत से कम है।
सैन्य परिवारों के उत्थान के लिए प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के उत्थान के लिए प्रयासरत है। इस संबंध में, उन्होंने अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि का उल्लेख किया। धामी ने कहा कि, “एक सैनिक पुत्र होने के नाते, मैंने खुद अपने परिवार के लिए समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा है। यही कारण है कि हम इन प्रयासों को गति दे रहे हैं।”
समापन विचार
इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, ले. जनरल (से नि) ए के सिंह, मे. जनरल (से नि) के एस राणा, और कई भूतपूर्व सैनिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी भूतपूर्व सैनिकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि वे वीरता, शौर्य और समर्पण के प्रतीक हैं। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि राज्य देवभूमि और वीरभूमि दोनों है, क्योंकि यहां के हर परिवार का सेना से कोई न कोई संबंध रहा है।
सभी भूतपूर्व सैनिकों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह कार्यक्रम न केवल सैनिकों के अधिकारों को जागरूक करने का एक मंच था, बल्कि राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को और मजबूत करने का एक प्रयास भी था।
कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम उत्तराखंड के विकास में भूतपूर्व सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है और उन्हें पर्यावरण संरक्षण में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है।
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