BBAU को फार्मास्युटिकल रिसर्च हेतु राष्ट्रीय मान्यता, वैज्ञानिक प्रयोगों में होगा नवाचार

लखनऊ, अमृत विचार: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) को फार्मास्युटिकल शोध की दिशा में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। बीबीएयू में अब प्रयोगशाला पशुओं पर शोध और प्रयोग को मान्यता हासिल हो गई है। विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार से एनिमल हाउस के लिए राष्ट्रीय मान्यता मिली है। इसी के साथ औपचारिक रूप से अपनी संस्थानिक पशु नैतिकता समिति का भी गठन कर लिया गया है। जो फार्मास्युटिकल रिसर्च में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुओं पर प्रयोगों की निगरानी और नियंत्रण समिति से अपने एनिमल हाउस...

Jul 9, 2025 - 09:37
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BBAU को फार्मास्युटिकल रिसर्च हेतु राष्ट्रीय मान्यता, वैज्ञानिक प्रयोगों में होगा नवाचार
BBAU करेगा चूहों, खरगोश और अन्य जीवों पर वैज्ञानिक प्रयोग, फार्मास्युटिकल रिसर्च के लिए मिली राष्ट्रीय मान्यता

BBAU को फार्मास्युटिकल रिसर्च हेतु राष्ट्रीय मान्यता, वैज्ञानिक प्रयोगों में होगा नवाचार

लखनऊ, अमृत विचार: बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) ने फार्मास्युटिकल शोध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। अब विश्वविद्यालय को प्रयोगशाला पशुओं पर शोध और प्रयोग करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एनिमल हाउस की राष्ट्रीय मान्यता मिली है। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालय ने औपचारिक रूप से अपनी संस्थानिक पशु नैतिकता समिति का भी गठन कर लिया है। यह कदम फार्मास्युटिकल रिसर्च में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिससे नई दवाओं और चिकित्सा आविष्कारों की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा।

वैज्ञानिक प्रयोगों में नवीनता और नैतिकता

इस नई पहल के तहत, बीबीएयू को केंद्र सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा पशुओं पर प्रयोगों की निगरानी करने वाली समिति से अपने एनिमल हाउस के लिए स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि विशेष रूप से आईएईसी के अध्यक्ष प्रो. पीएस रजनीकांत, डॉ. विकास मिश्रा, सदस्य सचिव और अन्य सदस्यों जैसे प्रो. आभा मिश्रा और प्रो. वी. लांगोवन के समर्पित प्रयासों का परिणाम है।

पंजीकरण की विशेषताएँ और अनुसंधान की दिशा

इस पंजीकरण के माध्यम से, बीबीएयू अब नैतिक दिशानिर्देशों के अनुसार प्रयोगशाला पशुओं, विशेष रूप से चूहों, पर वैज्ञानिक प्रयोग करने की अनुमति प्राप्त कर चुका है। यह न केवल फार्मास्युटिकल साइंसेस में अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि जीवन विज्ञान के अन्य क्षेत्रों के लिए भी नए अवसर खोलेगा। शोधकर्ता प्रीक्लिनिकल स्टडीज, दवा विकास परीक्षण और अन्य जैव चिकित्सा प्रयोगों के माध्यम से नवाचार कर सकेंगे। इस तरह के प्रयोग दवाओं के विकास में सहायक होंगे और चिकित्सीय अनुसंधान में नए रास्ते खोलेंगे।

उद्योग सहयोग और नए अवसर

यह उपलब्धि प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स के क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को भी आकर्षित करने में सहायक साबित हो सकती है। बीबीएयू को विभिन्न फार्मास्युटिकल कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करने का अवसर मिलेगा, जिससे नए उपचारों और उत्पादों का विकास संभव हो सकेगा। यह क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने का आश्वासन देता है और नए रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकता है।

निष्कर्ष: अनुसंधान और नवाचार का नया युग

बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि न केवल शिक्षात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को भी प्रोत्साहन मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हमारे देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की संभावनाएँ बढ़ेंगी। इस फार्मास्युटिकल शोध की नई उपलब्धि का स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि यह अनुसंधान के सभी क्षेत्रों में ज्ञान और नवाचार के आदान-प्रदान की एक नई गाथा प्रस्तुत करती है।

बीबीएयू का यह कदम न केवल देश में शोध को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसरों की दरवाजे खोलने का भी कार्य करेगा।

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समाचार टीम द्वारा, साक्षी वर्मा, प्रिया कुमारी और दीक्षा चौधरी के सहयोग से, टीम Netaa Nagari।

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