पीलीभीत: गोमांस तस्करी का बढ़ता खतरा, कटना पुल घटनाक्रम ने पुलिस को किया सतर्क

बीसलपुर, अमृत विचार। बाढ़ का असर कम होते ही अब पशु तस्कर सक्रिय हो गए। कटना नदी पुल के पीछे की तरफ तस्करों ने गोवंश की हत्या कर दी। मांस को बिक्री के लिए साथ ले गए। अवशेष मिलने पर गोकशी का शोर मचा तो भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर तीन थानों की पुलिस के साथ सीओ मौके पर पहुंची। गड्ढा खोदवाकर अवशेष दफन कराकर पुलिस छानबीन में जुट गई है।  दियोरिया कला कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मानपुर के पास कटना नदी का पुल है। इसके पास ही सब्जी बाजार लगाई जाती है। उसके पीछे झाड़ियां है। इसी...

Sep 8, 2025 - 18:37
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पीलीभीत: गोमांस तस्करी का बढ़ता खतरा, कटना पुल घटनाक्रम ने पुलिस को किया सतर्क

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कम शब्दों में कहें तो, पीलीभीत में गोमांस तस्कर फिर सक्रिय हो गए हैं, जिससे स्थानीय पुलिस के हाथ-पांव फूल गए हैं। कटना नदी पुल के किनारे हुई गोकशी की घटना ने सुरक्षा बलों को जांच में जुटने पर मजबूर कर दिया है।

बीसलपुर, अमृत विचार। हाल ही में बाढ़ का प्रभाव कम होते ही, पशु तस्कर फिर से अपने पुराने तरीकों पर लौट आए हैं। कटना नदी पुल के पास स्थित एक वन्य क्षेत्र में तस्करों ने गोवंश की हत्या कर दी और मांस को बिक्री के लिए लेकर चले गए। घटनास्थल पर अवशेष मिलने के बाद स्थानीय निवासियों में हलचल मच गई और सूचना मिलते ही तीन थानों की पुलिस मौके पर पंहुच गई।

दियोरिया कला कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मानपुर के पास कटना नदी का पुल है। इस पुल के पास ही सब्जी बाजार लगाया जाता है, जहाँ लोग अक्सर आते-जाते रहते हैं। रविवार रात को तस्करों ने झाड़ियों में गोमांस तस्करी की कार्रवाई को अंजाम दिया। सोमवार दोपहर लोगों की नजर जब अवशेषों पर पड़ी, तो वे एकत्र होने लगे। झाड़ियों में कई हड्डियाँ पड़ी हुई थीं, जिससे स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँच गई।

सीओ प्रगति चौहान, बिलसंडा और कोतवाली बीसलपुर पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और डिप्टी सीवीओ डॉ. जगदेव सिंह भी वहां मौजूद रहे। प्रारंभिक परीक्षण में ये अवशेष व्यस्क गोवंश के निकले। इस सूचना के बाद दियोरियाकलां कोतवाल दिगंबर सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

गोकशी की इस घटना के बाद कुछ सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुँच गए। उन्होंने इस घटना पर रोष जाहिर किया और कार्रवाई की मांग उठाई। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

इस स्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या स्थानीय प्रशासन इन तस्करों पर रोक लगाने में सक्षम है? क्या स्थानीय लोगों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी? ऐसे कई सवाल हैं जो इस मामले को लेकर उठ रहे हैं। घटना ने निष्कर्षित किया है कि तस्करी का यह खतरा एक गंभीर समस्या है और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

गोकशी से संबंधित मामलों पर ध्यान देते हुए, स्थानीय प्रशासन को और अधिक सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है। पुलिस कमिश्नरेट को चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि भविष्य में इस तरह के मामले न हों।

आगामी समय में स्थानीय निकायों और सुरक्षा बलों को मिलकर काम करना होगा ताकि इस तरह की तस्करी की घटनाओं को रोका जा सके और समाज में सुरक्षा का माहौल स्थापित किया जा सके।

जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि फरार तस्करों को पकड़ने में सफलता मिलेगी और न्याय की प्रक्रिया को संपन्न किया जा सकेगा। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे जन जागरूकता कार्यक्रम चलाएं ताकि लोग इस तरह की घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दे सकें।

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समाप्ति
सादर,
टीम नेटां नागरी
आपका, समीरा

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