हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर: भगदड़ में श्रद्धालु की मौत, मातम का माहौल
हादसे में तीन महिलाएं गंभीर रूप से घायल, गांव में पसरा सन्नाटा
हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर: भगदड़ में श्रद्धालु की मौत, मातम का माहौल
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कम शब्दों में कहें तो: हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के दौरान बाराबंकी के श्रद्धालु वकील सिंह की मृत्यु हो गई। इस हादसे में तीन महिलाएं भी गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिससे गांव में शोक का माहौल है।
हरिद्वार/बाराबंकी, अमृत विचार: रविवार को हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में दर्शन के दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें बाराबंकी जिले के निवासी वकील सिंह की दुखद मौत हो गई। इस घटना ने चारों ओर हलचल मचा दी, और घायलों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। जैसे ही गांव मौलाबाद में इस घटना की खबर पहुंची, शोक का वातावरण बन गया। ऐसा दृश्य एक आस्था स्थल पर अपार श्रद्धा के संग भ्रमण करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत दुखदायी था।
श्रद्धालुओं का जत्था मनसा देवी के दर्शन के लिए
जानकारी के अनुसार, 25 जुलाई को बाराबंकी के बड्डूपुर थाना क्षेत्र के मौलाबाद गांव से करीब 20 श्रद्धालुओं का एक दल मनसा देवी मंदिर में दर्शन हेतु रवाना हुआ था। इस दल में वकील सिंह अपनी पत्नी उर्मिला देवी के साथ शामिल थे। सभी श्रद्धालु अपनी गहरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पवित्र स्थल पर पहुंचे थे।
दर्शन के दौरान अचानक मची भगदड़
जब श्रद्धालु रविवार को मंदिर परिसर में दर्शन कर रहे थे, तभी अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई। बताया गया है कि संकरे मार्ग पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी, और इसी दौरान किसी ने धक्का दिया, जिससे भगदड़ मच गई। वकील सिंह गिर पड़े और भीड़ में दबकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे गांव को गहरी चोट पहुंचाई है।
घायलों का इलाज जारी
भगदड़ में तीन महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई हैं। इनमें राधिका (पत्नी कन्हैया लाल), दुर्गावती (पत्नी आशीष चौहान), और फूलमती (पत्नी राम नेवल) शामिल हैं। सभी का उपचार स्थानीय स्वास्थ्य टीम द्वारा किया जा रहा है। प्रशासन और सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और घायलों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
शोक में डूबा मौलाबाद गांव
जैसे ही वकील सिंह की मौत की खबर गांव पहुंची, मौलाबाद में शोक की लहर दौड़ गई। उनके घर में चीख-पुकार मच गई और परिजन सदमे में हैं। गांव के लोग मृतक के परिवार के साथ एकजुट होकर संवेदनाएं दे रहे हैं। यह दृश्य धार्मिक यात्रा के दौरान एक अनहोनी को दर्शाता है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा का सही प्रबंध किया जाए।
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यह घटना हमें याद दिलाती है कि भक्ति के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। श्रद्धालुओं को हरिद्वार के धार्मिक स्थलों पर जाने से पूर्व सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। यह सभी के लिए एक सीख है कि सभी यात्राएं सुरक्षित होनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
हम सभी से निवेदन करते हैं कि इस घटना से सबक लेकर अपने अगली यात्रा को और भी सुरक्षित बनाएं।
- Team Netaa Nagari (दीपिका)
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