भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने किया गलोगी जल विद्युत परियोजना का भ्रमण
अभी भी उत्पादनरत है 118 वर्ष पुरानी यह परियोजना। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने आज यूजेवीएन लिमिटेड की ऐतिहासिक गलोगी लघु जल विद्युत परियोजना का दौरा… Source Link: भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने किया गलोगी जल विद्युत परियोजना का भ्रमण

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने किया गलोगी जल विद्युत परियोजना का भ्रमण
अभी भी उत्पादनरत है 118 वर्ष पुरानी यह परियोजना।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने आज यूजेवीएन लिमिटेड की ऐतिहासिक गलोगी लघु जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। यह परियोजना वर्ष 1907 में मसूरी के पास स्थापित की गई थी और यह 118 वर्षों से विद्युत उत्पादन द्वारा क्षेत्र के विकास में भागीदार बनी हुई है। जो न केवल अपने प्राचीनतम इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि आज भी विद्युत उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उल्लेखनीय है कि जब दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी बिजली की पहुँच नहीं थी, तब गलोगी परियोजना ने मसूरी शहर को विद्युत आपूर्ति कर जगमगाहट प्रदान की थी।
प्रस्तावना एवं दौरे का उद्देश्य
मनोज त्रिपाठी ने इस भ्रमण के दौरान यूजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों से परियोजना के तकनीकी और ऐतिहासिक पहलुओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इंग्लैंड और स्वीडन में निर्मित परियोजना की मशीनों के रख-रखाव और संचालन प्रणाली का अवलोकन किया, जिससे इस ऐतिहासिक परियोजना की निरंतरता और तकनीकी दक्षता का एहसास हुआ।
परियोजना का संपोषण और प्रभाव
इस वर्ष गलोगी परियोजना ने 8 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया, जो इस परियोजना के प्रभावी संचालन का प्रमाण है। मनोज त्रिपाठी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 118 वर्ष पुरानी यह परियोजना आज भी विद्युत उत्पादन में सक्रिय है। यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने भी परियोजना से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने इसे उत्तराखंड राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी दक्षता और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण का उत्तम उदाहरण बताया।
भविष्य की संभावनाएँ
गलोगी जल विद्युत परियोजना का दौरा करते हुए मनोज त्रिपाठी ने परियोजना के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। उनका मानना है कि इस परियोजना के उचित रख-रखाव और संचालन से उत्तराखंड की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायता मिल सकती है। उन्होंने निर्देश दिया कि तकनीकी नवाचार और सुधार के जरिए इस परियोजना का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष
गलोगी जल विद्युत परियोजना एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो न केवल तकनीकी दक्षता का उत्तम उदाहरण है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि प्रदेश की विद्युत आपूर्ति लगातार बनी रहे। इस परियोजना की सफलता के पीछे यूजेवीएन लिमिटेड के कर्मचारियों और अधिकारियों का समर्पण है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी के इस दौरे से यह स्पष्ट होता है कि वे इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने के प्रति गंभीर हैं।
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इस समाचार को अभिनेत्री और लेखिका प्रिया मित्तल और समृद्धा शर्मा द्वारा लिखा गया है, यहाँ प्रस्तुत है टीम नेटानागरी की ओर से।
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