पीलीभीत: PTR के हाथियों का नया ठिकाना मुस्तफाबाद में बनेगा स्थायी एलीफेंट कैंप
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व हथिनी निसर्गा समेत चारों हाथियों का नया ठिकाना मुस्तफाबाद होगा। मुस्तफाबाद रेंज में चारों हाथियों के नया स्थाई कैंप बनाया जाएगा। यहां हाथियों के सुरक्षित रहने के लिए शेड समेत अन्य कार्य कराए जाएंगें। बता दें कि चारों हाथी अभी तक टाइगर रिजर्व की माला रेंज स्थित कैंप में रखे गए थे। टाइगर रिजर्व प्रशासन ने यह निर्णय पांचों रेंज कवर करने के उद्देश्य से लिया है, ताकि हाथियों की जरुरत पड़ने पर उन्हें तत्काल कम समय में संबंधित रेंज में भेजा जा सके। जनपद के जंगलों को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के...

पीलीभीत: PTR के हाथियों का नया ठिकाना मुस्तफाबाद में बनेगा स्थायी एलीफेंट कैंप
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
कम शब्दों में कहें तो, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में चार हाथियों का नया ठिकाना मुस्तफाबाद रेंज होगा, जहां एक स्थायी एलीफेंट कैंप बनाया जाएगा। यहां हाथियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे।
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हथिनी निसर्गा सहित चार हाथियों का नया ठिकाना मुस्तफाबाद बनाया जाएगा। जहां मुस्तफाबाद रेंज में चारों हाथियों के लिए नया स्थायी कैंप स्थापित किया जाएगा। इस कैंप में हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शेड और अन्य आवश्यक मूलभूत कार्य कराए जाएंगे। पहले चारों हाथी टाइगर रिजर्व की माला रेंज स्थित कैम्प में रखे गए थे। अब टाइगर रिजर्व प्रशासन का यह कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें त्वरित गति से संबंधित रेंज में भेजा जा सके।
जंगल में बढ़ती वन्यजीवों की गतिविधियाँ
जनपद के जंगलों को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद यहां बाघ और अन्य वन्यजीवों की संख्या में हुई बेहद बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, वन्यजीवों ने शहरी क्षेत्रों में आने का प्रयास भी किया है। जिसके कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएँ बढ़ने लगी है। इसका समाधान करने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशनों का सहारा लेना पड़ा है। इसी दौरान, आक्रामक बाघों से निपटने के लिए हाथियों की कमी महसूस की गई, जिससे उनकी आवश्यकता की महत्वपूर्णता और भी बढ़ गई।
हाथियों की कमी को पूरा करने की कवायद
रेस्क्यू ऑपरेशनों में अक्सर दुधवा टाइगर रिजर्व से हाथियों को लाने की प्रक्रिया चलती रही है। इसके मद्देनजर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अन्य राज्यों से हाथियों को लाने की योजना बनाई गई, जोकि थोड़ी लंबी थी। अंततः, नवंबर 2022 में लाखों रुपये खर्च कर कर्नाटक से चार हाथियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व लाया गया।
हाथियों का संरक्षण और देखभाल
इन चार हाथियों में एक मादा और तीन नर शामिल हैं। माला रेंज में एक कैंप स्थापित किया गया था, जिसमें हाथिनी निसर्गा के साथ सूर्या, मणिकांत और भीम को रखा गया। शुरूआती समय में भाषाई समस्याएं होने के कारण कर्नाटक से महावतों को भी बुलाया गया था, लेकिन समय के साथ हाथियों ने स्थानीय भाषा भी सीख ली। अब सभी चार हाथे टाइगर रिजर्व के महावतों की देखरेख में रह रहे हैं।
प्रोजेक्ट टाइगर के फंड से होगा नया कैंप
प्रोजेक्ट टाइगर के फंड से स्थायी कैंप का निर्माण
टाइगर रिजर्व प्रशासन के अनुसार, सभी चार हाथियों को माला रेंज में ही रखा गया है। कुछ रेंजों की दूरी माला रेंज से काफी ज्यादा है। यदि किसी आपात स्थिति में अन्य रेंजों में इन हाथियों की आवश्यकता पड़ती है, तो उन्हें ले जाने में कठिनाई होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने मुस्तफाबाद रेंज में एक स्थायी एलीफेंट कैंप स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इस नए कैंप में विभिन्न कार्य कराए जाएंगे, जिनमें शेड और अन्य आवश्यक सुविधाएँ शामिल होंगी। यह कदम न केवल हाथियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय जंगली जीवन को भी एक सुरक्षित स्थान मिलेगा।
हाथियों के नए स्थायी कैंप का निर्माण यहाँ के वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को और मजबूत करेगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि ज़रूरत पड़ने पर हाथियों को उचित समय पर संबंधित रेंज में पहुँचाया जा सके। इस प्रकार, यह निर्णय हाथियों की सुरक्षा और उनके भरण-पोषण में योगदान देगा।
अधिक अपडेट के लिए, यहाँ क्लिक करें.
सादर,
टीम नेटaa नगरी
स्मिता शर्मा
What's Your Reaction?






