कण्वाश्रम में चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति की स्थापना, पर्यटन को मिलेगी नई दिशा

विधानसभा अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज कण्वाश्रम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कण्वाश्रम स्थित पुरातात्विक महत्व की काष्ठ कला का निरीक्षण किया और मालिनी नदी तट पर बसे इस क्षेत्र की बसावट एवं ऐतिहासिक विरासत के बारे में अपने विचार साझा किए। पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि […] The post Kotdwar:-कण्वाश्रम में लगेगी चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति,कण्वाश्रम वैदिक कालीन योग,धर्म,आस्था,अध्यात्म एवं साहसिक पर्यटन से जोड़ा जाएगा appeared first on संवाद जान्हवी.

Sep 19, 2025 - 18:37
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कण्वाश्रम में चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति की स्थापना, पर्यटन को मिलेगी नई दिशा
कण्वाश्रम में चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति की स्थापना, पर्यटन को मिलेगी नई दिशा

कण्वाश्रम में चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति की स्थापना, पर्यटन को मिलेगी नई दिशा

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कम शब्दों में कहें तो कण्वाश्रम में चक्रवर्ती राजा भरत की मूर्ति की स्थापना की जाएगी, जो इस क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विधानसभा अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज कण्वाश्रम का दौरा किया, जहां उन्होंने पुरातात्विक महत्व की काष्ठ कला का निरीक्षण किया और जिले की ऐतिहासिक विरासत पर अपने विचार साझा किए।

इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान, उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कण्वाश्रम को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना उनका मुख्य उद्देश्य है। अगली प्रक्रिया में, अगले महीने कण्वाश्रम में राजा भरत की प्रतिमा को स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

कण्वाश्रम का ऐतिहासिक महत्व

कण्वाश्रम का स्थान अपने समय की वैदिक सभ्यता का प्रतीक है और इसे धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि मालिनी घाटी की वैदिक कालीन सभ्यता को पुनर्जीवित किया जाए।

कण्वाश्रम में योग, ध्यान और अध्यात्म की पारंपरिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सप्तऋषि मंडप के निर्माण की योजना है। यहाँ पर प्रतिदिन नदी आरती और वैदिक मंत्रोच्चारण की ध्वनि गूंजेगी। यह न केवल स्थानीय संस्कृति को पुनर्स्थापित करेगा, बल्कि यहाँ आने वाले पर्यटकों को भी एक नई अनुभव प्रदान करेगा।

संरक्षण और विकास की योजना

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र के विकास हेतु केंद्र सरकार, राज्य सरकार और लोकसभा सांसद अनिल बलूनी के सहयोग से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम काम कर रही है। प्रारंभिक अध्ययन के अनुसार, यहाँ की प्राचीन मूर्तियाँ आठवीं से ग्यारहवीं शताब्दी के बीच की मानी जा रही हैं।

इस विकास प्रक्रिया में, कण्वाश्रम को न केवल एक राष्ट्रीय पहचान बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाने का लक्ष्य है। यह क्षेत्र फिर से अपनी पुरानी गौरवमयी पहचान प्राप्त कर सकेगा।

पर्यटन के नए आयाम

इस दिशा में उठाए गए कदमों से कण्वाश्रम को पर्यटन के क्षेत्र में एक नया आयाम मिलने की उम्मीद है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास है कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से इस प्राचीन स्थल को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जाए।

इसके अलावा, स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करना और पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करना भी इस योजना का हिस्सा होगा। यह योजना पर्यटकों को कण्वाश्रम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराने में मदद करेगी।

कण्वाश्रम का दौरा विमर्श और विकास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां विधानसभा अध्यक्ष ने यहाँ की सांस्कृतिक धरोहरों और पौराणिक महत्व का जिक्र किया।

उम्मीदें और निष्कर्ष

विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी बातों में यह भी उल्लेख किया कि सामूहिक प्रयासों के फलस्वरूप कण्वाश्रम न केवल उत्तराखंड बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक गौरव का केंद्र बनेगा। आशा है कि आने वाला समय कण्वाश्रम के सभी लक्ष्यों को साकार करेगा।

वास्तव में, इस योजना की सफलता कण्वाश्रम के विकास के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आइए, हम सब मिलकर इस प्राचीन धरोहर के विकास में सहयोग करें और कण्वाश्रम को उसके सही स्थान पर स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील रहें।

अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें Netaa Nagari.

सादर, श्रीलेखा सागर, Team Netaa Nagari

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