हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि से निपटने के लिए यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल करेगा अध्ययन
उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों तथा इन हालातों से निपटने के लिए हिमाचल में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखने तथा उनका अध्ययन करने के लिए जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को […] The post UTTARAKHAND:-हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल,हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल appeared first on संवाद जान्हवी.

हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि से निपटने के लिए यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल करेगा अध्ययन
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थितियों का अध्ययन करने के लिए यात्रा करेगा। इसमें स्थानीय शासन और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों को देखना शामिल होगा।
विशेषज्ञ दल की यात्रा का उद्देश्य
यूएसडीएमए का यह विशेष दल मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा निर्देशित किया गया है। उन्होंने मंगलवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में हुई समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड न केवल भौगोलिक रूप से एक-दूसरे के निकट हैं, बल्कि इनके मौसमी हालात भी एक जैसे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में हुई अतिवृष्टि ने काफी नुकसान पहुँचाया है, इसलिए यहाँ की स्थितियों का अध्ययन करना उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण बनता है।
आपदा प्रबंधन हेतु उपयोगी उपाय
मुख्य सचिव ने संकेत दिया कि इस अध्ययन के माध्यम से उत्तराखंड में भी समान परिस्थितियों का सामना करने के लिए रणनीतियों को लागू करने में मदद मिल सकती है। विशेषज्ञ दल यह समझने का प्रयास करेगा कि हिमाचल प्रदेश के शासन-प्रशासन ने आपदा प्रबंधन में क्या कदम उठाए हैं और कैसे प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इससे उत्तराखंड में समुचित उपायों को लागू करने में सहायता मिलेगी।
भविष्य में संभावित खतरों का पूर्वानुमान
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मौसम विभाग ने प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और जल्द ही येलो अलर्ट भी जारी किया जाएगा। वर्ष 2023 ने जून में औसत से कम वर्षा दी थी, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा की आशंका है। ऐसे में, नागरिकों को सावधानी बरतने की जरुरत है और समय-समय पर जारी अलर्ट पर ध्यान देना चाहिए।
पुनर्वास की प्रक्रियाएँ
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 258 गांवों में 2853 परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है। इन परिवारों को त्वरित सहायता प्रदान करना आवश्यक है ताकि वे जल्द से जल्द अपने सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
सचेत ऐप का महत्व
मुख्य सचिव ने सचेत ऐप के महत्व को भी रेखांकित किया। यह ऐप आपदाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे मौसम संबंधी चेतावनियाँ और निवारक उपाय प्रदान करता है। राज्य के नागरिकों से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील की गई है।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में की गई उपायों का अध्ययन करके उत्तराखंड में भी आपदा प्रबंधन के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जा सकेगा। नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ दल की यात्रा न केवल हिमाचल प्रदेश के अनुभवों को समेटेगी, बल्कि यह उत्तराखंड के लिए एक संभावित कार्य योजना भी तैयार कर सकती है।
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लेखिका: अदिति वर्मा, टीम Netaa Nagari
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