उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में जियोथर्मल पॉलिसी को मिली हरी झंडी, कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हो गई है. कैबिनेट बैठक में तमाम महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है, जिसके तहत पीडब्ल्यूडी (लोक… Source Link: कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड की पहली जियोथर्मल पॉलिसी को मिली मंजूरी, इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में जियोथर्मल पॉलिसी को मिली हरी झंडी, कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
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देहरादून: उत्तराखंड की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इस बैठक का सबसे बड़ा आकर्षण था राज्य की पहली जियोथर्मल पॉलिसी का अनुमोदन। यह नीति, जो धरती के आंतरिक ताप से ऊर्जा उत्पन्न करने पर केंद्रित है, उत्तराखंड के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति की संभावना को प्रस्तुत करती है।
कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
इस मंत्रिमंडल की बैठक में कई प्रमुख प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई। इनमें शामिल हैं:
- प्रदेश के बी ग्रेड के पुलों को ए ग्रेड में अपग्रेड करने के लिए करोडों रुपये की परियोजना को स्वीकृति मिली है, जिससे सुरक्षा और यात्रा सुविधाओं में सुधार होगा।
- सतर्कता विभाग को सशक्त करने के लिए 20 नए पदों का सृजन किया जाएगा, जिससे विभाग में कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 152 हो जाएगी।
- इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सूचीबद्ध कंपनियों को राज्य में आईटी सेवाएं प्रदान करने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे।
- उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास और उत्तराखंड जिला खनिज फाउंडेशन न्यास को 2025 के लिए पुनर्गठित किया गया है।
- राज्य कर विभाग में डिजिटल फॉरेंसिंक प्रयोगशाला की स्थापना को मंजूरी मिलने से तकनीकी जांच के क्षेत्र में सुधार होगा।
- दिव्यांगजनों की पेंशन योजना में व्यापक बदलाव किया गया है, जिसमें अब दिव्यांग व्यक्तियों को उनके पुत्र या पौत्र के बालिग होने पर भी पेंशन मिलेगी।
जियोथर्मल पॉलिसी का महत्व
उत्तराखंड की पहली जियोथर्मल पॉलिसी राज्य के ऊर्जा परिदृश्य को विस्तार प्रदान करेगी और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के विकास को प्रोत्साहित करेगी। यह नीति न केवल स्थानीय संसाधनों के संग्रहण को बढ़ावा देगी, बल्कि ऊर्जा सुरक्षात्मक दृष्टिकोण को भी नया आयाम देगी।
स्थानीय विकास एवं रोजगार सृजन
जियोथर्मल ऊर्जा स्रोतों के कारण स्थानीय स्तर पर नौकरियों का सृजन होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को तकनीकी कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा। इस प्रकार, यह न केवल स्वावलंबन बढ़ाएगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी सहायक होगा।
भविष्य की दिशा
जैसे-जैसे उत्तराखंड जियोथर्मल ऊर्जा की दिशा में प्रगति कर रहा है, सरकार को इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए ठोस योजना बनानी होगी। यदि यह नीति योजनाबद्ध रूप से लागू की जाती है, तो यह प्रदेश के विकास का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
बैठक में पारित निर्णय एवं योजनाओं का कार्यान्वयन राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। संचालन और निगरानी आवश्यक होगी ताकि राज्य एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सके।
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की यह पहली जियोथर्मल पॉलिसी न केवल दैनिक जीवन में ऊर्जा के स्थायी स्रोतों की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
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यह खबर टीम Netaa Nagari द्वारा प्रस्तुत की गई है।
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