शिवपाल यादव का बड़ा खुलासा: बसपा की टूटन से बीजेपी को मिली थी संजीवनी, जानिए क्या कहा
सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में एक से बड़कर एक बड़े खुलासे किए। जिसमें उन्होंने बसपा के तूटने, मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सरकार के गठन को लेकर और साथ ही इसके पीछे बीजेपी का कौन सा वो बड़ा चेहरा था जिसकी सहमति से ये सब … The post इंटरव्यू में शिवपाल यादव का बड़ा खुलासा नहीं तोड़ते बसपा तो बीजेपी की चढ़ती बली ! appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

शिवपाल यादव का बड़ा खुलासा: बसपा की टूटन से बीजेपी को मिली थी संजीवनी, जानिए क्या कहा
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Netaa Nagari
कम शब्दों में कहें तो, सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में कुछ ऐसा कहा है जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा सकता है।
इस पॉडकास्ट में, शिवपाल ने बसपा के टूटने, मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सरकार गठन, और इसके पीछे बीजेपी का बड़ा चेहरा जो कि इस पूरे घटनाक्रम का हिस्सा था, के बारे में खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। यादव ने यूपी की राजनीति में 21 सालों की अपनी यात्रा के दौरान घटित घटनाओं को याद करते हुए कहा कि राजनीति में कभी कुछ भी हो सकता है।
बसपा नहीं टूटती तो बीजेपी का टूटना था तय
इस सीधे और स्पष्ट इंटरव्यू में, शिवपाल यादव ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से पूरी सहमति प्राप्त करने के बाद एक स्ट्रैटेजी बनाई। उन्होंने तीन नेताओं की एक टीम बनाई जिसमें वे स्वयं, अमर सिंह, और अरविंद गोप शामिल थे। इस टीम ने रातों-रात बसपा के 37 विधायकों को अपने पाले में लाने का कार्य किया। इस घटनाक्रम के बाद मुलायम सिंह यादव ने सीएम पद की शपथ ली थी। शिवपाल ने यह भी बताया कि उस समय बसपा के साथ-साथ बीजेपी में भी कई विधायक उनके संपर्क में थे। ऐसी स्थिति में अटल बिहारी वाजपेई के पास दो विकल्प थे: या तो बसपा को टूटने देना या फिर बीजेपी को बचाना। उन्होंने यह निर्णय लिया कि बसपा को तोड़ा जाए ताकि बीजेपी को बचाया जा सके।
वादे के मुताबिक सबको मिला इनाम- शिवपाल
बातचीत के दौरान, शिवपाल ने यह भी खुलासा किया कि सरकार बनते ही सभी निर्दलीय और बसपा छोड़कर आए विधायकों को मंत्री बनाने का वादा किया गया था। इस रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी ने न केवल सत्ता में वापसी की, बल्कि एक मजबूत सरकार भी बनाई। इस खुलासे ने उत्तर प्रदेश और केंद्र में राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है।
नैतिकता पर भी उठे सवाल
शिवपाल यादव के इस बयान के बाद नैतिकता की पुनर्परिभाषा पर भी बहस छिड़ गई है। उन्होंने 2003 में हुए इस घटनाक्रम को याद करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सत्ता में रहनें के लिए सिद्धांतों को किन तरह से नजरअंदाज किया गया था। हालांकि, आने वाले 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए, ये खुलासे बीजेपी और अन्य दलों के लिए चुनौती बन सकते हैं।
शिवपाल के इस इंटरव्यू ने राजनीति के कई पहलुओं को छू लिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इसके परिणाम क्या होते हैं।
इस प्रकार, शिवपाल यादव के इस खुलासे ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य में तहलका मचा दिया है। क्या इन खुलासों के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का रंग बदल जाएगा? यह समय ही बताएगा।
अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें.
संदेश के अंत में, हमें यह कहना चाहिए कि इस प्रकार के खुलासे न केवल राजनीतिक हलचलों को जन्म देते हैं बल्कि नई चुनौतियों का सामना भी कराने में महत्वपूर्ण साबित होते हैं।
सादर,
टीम नेता नगरी, सुमिती देवी
What's Your Reaction?






