शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के नेतृत्व में टास्क फोर्स ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दी

अब सूबे के स्कूलों में 240 दिन चलेगी कक्षाएं, परीक्षा के लिये 20 कार्यदिवस तय देहरादून: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत तैयार राज्य पाठ्यचार्य को राज्य स्तरीय टास्क… Source Link: शिक्षा मंत्री डॉ. रावत की अध्यक्षता में आयोजित टास्क फोर्स ने दी हरी झंडी

Sep 5, 2025 - 00:37
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शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के नेतृत्व में टास्क फोर्स ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दी
शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के नेतृत्व में टास्क फोर्स ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दी

शिक्षा मंत्री डॉ. रावत के नेतृत्व में टास्क फोर्स ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दी

कम शब्दों में कहें तो: अब उत्तराखंड के स्कूलों में 240 दिन कक्षाएं चलेंगी और परीक्षा के लिए 20 कार्य दिवसों का निर्धारण किया गया है।

देहरादून: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत तैयार राज्य पाठ्यचर्या को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इस निर्णय से अब प्रदेश भर के विद्यालयों में 240 दिन अनिवार्य रूप से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह 32 घंटे का शैक्षणिक दिवस आवंटित किया गया है, साथ ही परीक्षा और मूल्यांकन कार्य के लिए 20 दिन तथा सहशैक्षणिक गतिविधियों और बस्ता रहित दिवसों के लिए 10-10 दिन निर्धारित किए गए हैं।

शिक्षा मंत्री और राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। विभागीय अधिकारियों ने इस चर्चा में पावर प्वाइंट के माध्यम से पाठ्यचर्या की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसके बाद मुख्य सचिव और अन्य सदस्यों ने पाठ्यचर्या को हरी झंडी दी। डॉ. रावत के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्देशों के तहत कुल 297 टास्क निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से 202 टास्क राज्यों द्वारा लागू करने के लिए हैं।

राज्य पाठ्यचर्या की संरचना को पांच प्रमुख भागों में बांटा गया है। पहले भाग में विद्यालयी शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों और लक्ष्यों के प्राप्ति के लिए अपेक्षित मूल्य, स्वभाव, दक्षता, कौशल और ज्ञान का संकलन किया गया है। दूसरे भाग में मूल्य आधारित शिक्षा, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, समावेशिता, मार्गदर्शन और परामर्श, तथा विद्यालयों में शैक्षणिक प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्रॉस विषयों का समावेश किया गया है। तीसरे भाग में विषयों की विस्तृतता, शिक्षण मानक और शिक्षा शास्त्र के लिए दिशा निर्देश शामिल हैं। चौथे भाग में विद्यालयी संस्कृति और प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया गया है, जिनका उद्देश्य सामाजिक मूल्यों और स्वभावों का विकास करना है। अंत में, पांचवे भाग में विद्यालयी शिक्षा के पारिस्थितिकी तंत्र का समस्त विवरण शामिल किया गया है।

डॉ. रावत ने स्पष्ट किया कि नए पाठ्यचर्या के तहत कक्षाओं का 240 दिन तक संचालन दायित्व बनेगा। इसमें परीक्षा एवं आंकलन के लिए विशेष कार्य दिवसों का भी आवंटन किया गया है। विद्यालयों में विभिन्न सहशैक्षणिक गतिविधियों के लिए 10 दिन और बस्ता रहित श्रेणी में भी 10 दिन निर्दिष्ट किए गए हैं, जो कि शिक्षा के बेहतर वितरण में सहायक होंगे। प्रत्येक सप्ताह 32 घंटे का शैक्षणिक दिवस निर्धारित किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त हो सकेगा।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव संस्कृति युगल किशोर पंत, अपर सचिव उच्च शिक्षा मनुज गोयल, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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सादर, टीम नेटा नगरी - सुषमा तिवारी

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