‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से ही देश को मिलेगी राजनीतिक स्थिरता और तेज़ विकासः मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अभियान के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं के राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की आवश्यकता को देश के राजनीतिक और आर्थिक भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव कराना न केवल जनता पर आर्थिक बोझ बनता है, बल्कि इससे विकास की गति बाधित होती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि चुनना जनता का अधिकार है, लेकिन बार-बार चुनाव राजनीतिक अस्थिरता को जन्म देते हैं. इससे केंद्र व राज्य सरकारों की विकास योजनाओं पर असर पड़ता है और देश की GDP भी प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विजन को साकार करना समय की मांग है, जिसकी नींव 2019 में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा अनावरण के समय रखी गई थी. सीएम योगी ने कहा कि 1952 से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन कांग्रेस की आंतरिक कलह और सत्ता लोभ के कारण यह परंपरा टूटी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने स्वार्थवश देश को राजनीतिक अस्थिरता की ओर धकेला, जिसकी कीमत आज भी चुकानी पड़ रही है. अब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों और जनजागरण के जरिए 2034 तक इसे लागू करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है. सीएम योगी ने 2017 से पहले की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि उस दौर में हर जिले में समानांतर सरकार चलती थी, माफिया और गुंडाराज हावी था. उन्होंने कहा कि यह अस्थिरता ही थी जिसने प्रदेश को पिछड़ने पर मजबूर कर दिया. वहीं, राजनीतिक स्थिरता की बदौलत आज उत्तर प्रदेश देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है. महाकुंभ 2025 की सफलता का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित इस आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, जो लोकतंत्र का सबसे बड़ा महोत्सव बन गया. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने दुष्प्रचार किया, लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह ने उनकी सारी आशंकाओं को नकार दिया. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से लाखों लोग त्रिवेणी संगम स्नान के लिए आए. मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के समर्थन में जनजागरण चलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से इस अभियान को घर-घर तक पहुंचाना होगा. उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव से होने वाले 3.5 से 4.5 लाख करोड़ रुपये के व्यय को विकास कार्यों में लगाया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, “देश हमारा है, विकास हमारा है और राजनीतिक स्थिरता हमारी सबसे बड़ी जरूरत है.”

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से ही देश को मिलेगी राजनीतिक स्थिरता और तेज़ विकासः मुख्यमंत्री योगी
Netaa Nagari - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि इस सिद्धांत के लागू होने से न केवल राजनीतिक स्थिरता का निर्माण होगा, बल्कि देश का तेज़ विकास भी संभव है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में बताया कि अगर देश में सभी चुनाव एक साथ होते हैं, तो इससे शासन व्यवस्था में सुधार होगा। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य चुनावी खर्च को कम करना और केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से राजनीतिक अस्थिरता कम होगी और विकास की गति तेज होगी।
राजनीतिक स्थिरता का महत्व
राजनीतिक स्थिरता किसी भी देश की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण पहलू है। जब तक चुनाव बार-बार होते रहेंगे, तब तक सरकारें स्थिर नहीं हो पाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर हम एक साथ चुनाव कराने का निर्णय लेते हैं, तो यह हमें नीतिगत स्थिरता के साथ-साथ विकास के लिए जरूरी समय देने का अवसर देगा।"
तेज़ विकास की राह
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के कार्यान्वयन से सरकारों को पिछले कार्यकाल के दौरान बनाने वाली नीतियों को लागू करने में सहयोग मिलेगा। विकास परियोजनाओं की गति बढ़ेगी और लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं को जल्दी से लागू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आगे की सोच
योगी आदित्यनाथ ने भारतीय राजनीति में सहयोग के लिए एक मंच की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी दलों को एक साथ मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। राजनीतिक स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सहमत होकर एक समान विचारधारा अपनाएं।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान इस बात का संकेत है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की अवधारणा देश के विकास में कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। इससे न केवल राजनीतिक स्थिरता मिलेगी, बल्कि विकास की गति भी तेज़ होगी। हमें उम्मीद है कि सभी राजनीतिक वर्ग इस दिशा में एकजुट होकर काम करेंगे।
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