लखनऊ में बिना एस्टीमेट बिजली कनेक्शन देने वाले जेई का निलंबन
लखनऊ, अमृत विचार। उपभोक्ता से बिना एस्टीमेट जमा कराए बिजली कनेक्शन देने पर नादरगंज डिवीजन के अंबेडकर विश्वविद्यालय उपकेंद्र के जेई अंगद कुमार को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। वहीं इस मामले में एसडीओ अजय यादव भी जांच के दायरे में हैं। अवर अभियंता को मलिहाबाद खंड के अधिशासी अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है। ग्रामीण मंडल के अधीक्षण अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना ने बताया कि अवर अभियंता की ओर से मानक दूरी 40 मीटर से अधिक दूरी पर सीधे सर्विस केबिल से बिजली कनेक्शन दिया गया था। 16 जून को बिना एस्टीमेट कनेक्शन देने के इस मामला...
लखनऊ: बिना एस्टीमेट बिजली कनेक्शन देने पर जेई निलंबित
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लखनऊ, अमृत विचार। उपभोक्ता से बिना एस्टीमेट जमा कराए बिजली कनेक्शन देने के मामले में नादरगंज डिवीजन के अंबेडकर विश्वविद्यालय उपकेंद्र के जूनियर इंजीनियर (जेई) अंगद कुमार को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। साथ ही इस मामले में एसडीओ अजय यादव भी जांच के दायरे में हैं। यह कार्रवाई बिजली विभाग के नियमों के उल्लंघन के कारण की गई है, जो सुनिश्चित करती है कि ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।
जांच की प्रक्रिया
ग्रामीण मंडल के अधीक्षण अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब अवर अभियंता ने मानक दूरी (40 मीटर) से अधिक दूरी पर सीधे सर्विस केबिल से बिजली कनेक्शन प्रदान किया। यह मामला 16 जून को उजागर हुआ था। इसके पश्चात मुख्य अभियंता रजत जुनेजा ने एक विशेष समिति का गठन किया, ताकि मामले की जांच की जा सके और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
जिम्मेदारियों का उल्लंघन
जांच के दौरान यह सामने आया कि जेई ने एकतानगर निवासी राम मिलन पांडेय को बिना एस्टीमेट 88,728 रुपये का बिजली कनेक्शन दिया। यह न केवल उपभोक्ता के हितों के खिलाफ है, बल्कि यह विभाग के दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन करता है। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि जेई दोषी पाया गया है और इसके लिए उसे निलंबित किया गया है।
भविष्य में कदम
बिजली विभाग की यह कार्रवाई अन्यों को एक गंभीर चेतावनी देती है कि नियमों का पालन कितना आवश्यक है। अभी अवर अभियंता को मलिहाबाद खंड के अधिशासी अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह स्पष्ट है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
यह मामला यह सिद्ध करता है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे उचित दंड का सामना करना होगा। यह न केवल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए आवश्यक है, बल्कि उपभोक्ताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। विभाग की नीति यह प्रदर्शित करती है कि नियमों की अनदेखी करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उम्मीद की जाती है कि ऐसे मामलों की समय पर जांच और उचित कार्रवाई से बिजली वितरण प्रणाली में और सुधार आएगा। इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रशासन की छवि पर प्रभाव डालती हैं, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी संरचना की समस्या खड़ी करती हैं।
हमारे पाठकों से निवेदन है कि इस प्रकार के मामलों की नियमित रूप से निगरानी की जानी चाहिए ताकि सभी के अधिकारों की रक्षा की जा सके। अधिक जानकारी के लिए, कृपया [नेटा नागरी](https://netaanagari.com) पर जाएँ।
टीम नेटा नागरी, साक्षी शर्मा
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