मेरठ: ढाबों और होटलों की जांच का अधिकार केवल फूड सेफ्टी अधिकारियों को – मुख्य सचिव का नया आदेश
मेरठ। उत्तर प्रदेश सरकार ने ढाबों और होटलों की जांच को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक स्पष्टीकरण जारी किया है। राज्य के मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इन प्रतिष्ठानों की जांच का अधिकार केवल फूड सेफ्टी अफसरों को है। कोई भी अन्य व्यक्ति, समूह या संगठन बिना विधिक अधिकार के जांच नहीं … The post मेरठ : ढाबों और होटलों की जांच का अधिकार सिर्फ फूड सेफ्टी अफसरों को – चीफ सेक्रेटरी appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

मेरठ: ढाबों और होटलों की जांच का अधिकार केवल फूड सेफ्टी अधिकारियों को – मुख्य सचिव का नया आदेश
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि ढाबों और होटलों की जांच का अधिकार केवल फूड सेफ्टी अधिकारियों को ही है। यह निर्णय राज्य के मुख्य सचिव द्वारा जारी किया गया है, जिसमें अन्य किसी भी व्यक्ति या संगठन को बिना कानूनी प्राधिकृत जांच करने से मना किया गया है।
मेरठ में हाल ही में प्रशासनिक स्पष्टीकरण जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन वैध प्राधिकरण के बिना ढाबों और होटलों की जांच करने का प्रयास करता है, तो इसे कानूनी उल्लंघन माना जाएगा। यह कदम खासतौर पर खाद्य सुरक्षा की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें।
स्वामी यशवीर महाराज का प्रस्तावित एजेंडा खारिज
यह आदेश ऐसे समय पर आया है जब मेरठ में स्वामी यशवीर महाराज ने ढाबों और होटलों की स्वेच्छा से जांच कराने की मांग उठाई थी। उन्होंने भोजन की गुणवत्ता और उसके धार्मिक पहलुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज करके यह संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की निजी छानबीन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मुख्य सचिव का सख्त संदेश
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि केवल फूड सेफ्टी अधिकारियों को यह अधिकार है कि वे विभिन्न प्रतिष्ठानों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता की जांच कर सकें। यदि कोई भी व्यक्ति बिना उचित विधिक समर्थन के ऐसा कुछ करेगा, तो उसे गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का है और राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
प्रशासन की सख्ती का संकेत
सरकार का यह बयान यह भी संकेत देता है कि प्रशासन अब इस तरह के स्वैच्छिक अभियानों पर कड़ी नजर रखेगा और केवल अधिकृत अधिकारियों को कार्यवाही का अधिकार रहेगा। फूड सेफ्टी से संबंधित इस पहल से न केवल खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह उपभोक्ता स्वास्थ्य की भी रक्षा करेगा। ऐसे निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकते हैं।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी खाद्य मानकों का पालन किया जाए और किसी भी संकट का सामना करने से पूर्व तैयारी की जाए। सरकार यह दिखा रही है कि वह खाद्य पदार्थों की सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर कितनी संवेदनशील है।
फूड सेफ्टी के संदर्भ में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस कदम है। आम जनता का भी यह कर्तव्य है कि वह इस दिशा में जागरूक बने और फूड सेफ्टी अधिकारियों का सहयोग करे।
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टीम नेटानागरी
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