मुंबई के New India Cooperative Bank में 122 करोड़ का घोटाला, FIR दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने क्या कहा?

देवर्षि घोष कंपनी के एक्टिंग चीफ एकाउंटिंग ऑफिसर हैं। उन्होंने मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।

Feb 15, 2025 - 18:37
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मुंबई के New India Cooperative Bank में 122 करोड़ का घोटाला, FIR दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
मुंबई के New India Cooperative Bank में 122 करोड़ का घोटाला, FIR दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने क्या कहा?

मुंबई के New India Cooperative Bank में 122 करोड़ का घोटाला, FIR दर्ज कराते हुए शिकायतकर्ता ने क्या कहा?

Netaa Nagari – मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 122 करोड़ रुपये के घोटाले ने एक बार फिर बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को हिलाकर रख दिया है। इस घोटाले की जानकारी सामने आने पर बैंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिससे वित्तीय सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस समस्त घटनाक्रम के तहत शिकायतकर्ता ने क्या कहा, इस पर हम एक नजर डालते हैं।

घोटाले का खुलासा

जैसे ही जांच में यह बात सामने आई कि बैंक के कई अधिकारी कथित तौर पर घोटाले में संलिप्त हैं, शिकायतकर्ता ने तुरंत एफआईआर दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि बैंक के उच्च अधिकारियों ने गलत तरीके से राशि को अपने छोटे व्यापारिक हितों के लिए आवंटित किया है।

शिकायतकर्ता के बयान

एफआईआर दर्ज करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा, "मैंने किसी भी प्रकार का धोखा-धड़ी नहीं किया, बल्कि मैंने केवल अपने अधिकार की रक्षा के लिए कदम उठाया। यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाऊं। यह घोटाला सार्वजनिक धन का दुर्भाग्यपूर्ण दुरुपयोग है।" उनके साहस ने अन्य लोगों को भी इस मुद्दे पर बात करने के लिए प्रेरित किया है।

बैंक का आधिकारिक प्रतिक्रिया

जब उनसे इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के प्रवक्ता ने कहा, "हम इस दावे की गंभीरता को समझते हैं और जांच में पुलिस के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे। बैंक की इमेज को बनाए रखने के लिए हम उचित कदम उठाएंगे।" इस प्रकार की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि बैंक का प्रबंधन इस घोटाले को लेकर गंभीर है।

क्या होगा आगे?

अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस की जांच क्या दिशा लेगी और क्या आरोपी अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होगी। बैंकिंग प्रणाली में यह घटना एक अहम मोड़ हो सकती है, जिसमें शायद और भी लोग अपने अनुभव साझा कर सकें।

निष्कर्ष

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए इस बड़े घोटाले ने एक बार फिर एक सवाल खड़ा किया है कि क्या हमारे वित्तीय संस्थान वाकई सुरक्षित हैं? यह मामला न केवल शिकायतकर्ता के लिए बल्कि पूरे वित्तीय क्षेत्र के लिए एक अलार्म की तरह है। हमें उम्मीद है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा उचित कदम उठाए जाएंगे और न्याय जल्द ही मिलेगा।

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