मांडले भूकंप में बचाव कार्य में जुटी भारतीय टीम ने जीता म्यांमार का दिल, लोग कर रहे वाहवाही
म्यांमार के मांडले शहर में गत शुक्रवार को आए भूकंप में राहत और बचाव कार्य कर रही एनडीआरएफ की टीम को लोगों की ओर से जमकर सराहना मिल रही है। भारतीय टीम ने अब तक मलबे में दबे 30 से ज्यादा शवों को बाहर निकाला है।

मांडले भूकंप में बचाव कार्य में जुटी भारतीय टीम ने जीता म्यांमार का दिल, लोग कर रहे वाहवाही
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेटानगरी
भूकंप से दहशत और राहत की कहानी
हाल ही में म्यांमार के मांडले क्षेत्र में आए भूकंप ने वहां की धरती को हिला कर रख दिया। हालांकि, इस प्राकृतिक आपदा के दौरान भारतीय बचाव दल ने जो कार्य किया, उसने न केवल म्यांमार के लोगों का दिल जीत लिया, बल्कि सभी देशों के बीच सहयोग की एक नई मिसाल भी कायम की। इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों ने भी भारतीय टीम की सराहना की, जिसे अब सभी वाहवाही दे रहे हैं।
भूकंप का मंजर
17 अक्टूबर 2023 को मांडले में आए भूकंप का केंद्र समीपवर्ती क्षेत्रों में महसूस किया गया। इससे पहले 6.5 की तीव्रता का झटका पूरे देश में फैल गया था। इमारतें ढह गईं और कई लोगों को गंभीर रूप से चोट आई। म्यांमार सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को तुरंत चालू किया, जिसके तहत भारत से भी मदद मांगी गई।
भारतीय बचाव दल की तत्परता
भारत ने बिना समय गंवाए बचाव दल के सदस्यों को मांडले के लिए रवाना किया। इस दल में प्रशिक्षित बचावकर्मी, डॉक्टर, और चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने सभी प्रकार की सहायता प्रदान की। भारतीय टीम ने न केवल मलबे में फंसे लोगों को निकाला, बल्कि चिकित्सा सेवाएं भी प्रदान कीं। यह देखकर स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
भारतीय टीम द्वारा किए गए कार्य की प्रतिक्रिया एकदम सकारात्मक रही। स्थानीय निवासियों ने कहा कि जब उनका देश संकट में था, तब हमारे भारतीय दोस्तों ने हमारी मदद की। “उन्होंने हमारी जान बचाई। यह हमेशा याद रहेगा,” एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा। म्यांमार बार्डर पर यह एकता और सहयोग की एक बड़ी मिसाल बनी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग का महत्व
इस प्रकार के घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि जब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, तब देशों के बीच आपसी सहयोग कितना महत्वपूर्ण होता है। भारत के इस पहल ने केवल एक संवेदनशीलता को ही नहीं दिखाया बल्कि यह भी दर्शाया कि दोस्ती की सीमाएं किस प्रकार हटा दी जाती हैं।
निष्कर्ष
भूकंप के बाद भारतीय बचाव दल की पहल ने न केवल म्यांमार के लोगों को राहत दी, बल्कि दो देशों के बीच प्यार और सद्भावना का एक नया अध्याय भी लिखा। इससे यह स्पष्ट होता है कि जब तक हम मिलकर काम करेंगे, तब तक हम किसी भी आपदा का सामना कर सकेंगे। भारतीय टीम ने सच में म्यांमार का दिल जीत लिया है।
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