महागठबंधन में टेंशन! RJD ने कहा- बिहार में वो सबसे बड़ी पार्टी, तेजस्वी होंगे CM, कांग्रेस के जवाब ने भी चौंकाया
Bihar Assembly Election 2025: विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में टेंशन जारी है. एक बार फिर आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने है. बुधवार (09 अप्रैल, 2025) को एबीपी न्यूज़ से आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में आरजेडी की राजनीतिक जमीन सबसे मजबूत है. आरजेडी सिर्फ चुनाव बिहार में लड़ती है. सहयोगी दल पूरे देश भर में चुनाव लड़ते हैं. यह सहयोगी दल को देखना होगा कि वह राष्ट्रीय पार्टी है. बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. तेजस्वी ड्राइविंग सीट पर हैं. आरजेडी बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है. आरजेडी नेता ने कहा कि पिछली बार बहुत कम सीट से हम लोग सरकार बनाने से चूक गए. जनमत घोटाला हुआ, नहीं तो महागठबंधन की सरकार तेजस्वी के नेतृत्व में बन जाती. इस बार महागठबंधन में सीटों का बंटवारा ठोक बजाकर होगा. तेजस्वी यादव चाहते हैं सहयोगी दलों को सम्मान मिले, लेकिन सबको अपना जमीनी हकीकत पता है. एनडीए को हराने और लोकतंत्र को बचाने के लिए हम लड़ रहे हैं. तेजस्वी के पोस्टर की तरफ अंगुली दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चेहरा हैं. तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे. 14 करोड़ जनता बिहार का मन बना चुकी है. इसमें किसी को कोई कन्फ्यूजन नहीं रहना चाहिए. कांग्रेस बोली- हम लोग 243 सीट पर कर रहे तैयारी आरजेडी की तरफ से बनाए जा रहे दबाव पर कांग्रेस ने भी दो टूक में जवाब दिया है. बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौर ने चौंकाने वाला जवाब देते हुए कहा कि हम लोग भी सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. संपूर्ण बिहार की तैयारी कर रहे हैं. हर घटक दल सभी सीटों पर तैयारी करता है, ताकि सहयोगी दल एक-दूसरे को हर सीट पर मदद करें. चुनिंदा सीटों पर तैयारी कोई घटक दल नहीं करता है. आगे कहा कि पिछली (2020) बार कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी. इस बार कौन से दल कितनी सीटों पर लड़ेंगे यह महागठबंधन की बैठक में तय होगा. सभी दल सम्मानजनक सीटों पर लड़ेंगे. क्या तेजस्वी को कांग्रेस महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा मानती है? इस पर सीधा जवाब नहीं दे पाए. कहा कि इस पर शुभ दिन में इंडिया गठबंधन की बैठक होगी. उसमें सीएम कैंडिडेट पर फैसला लेंगे. राठौर ने कहा कि बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु बोल चुके हैं कि इंडिया गठबंधन के दल बैठ कर तय करेंगे कि सीएम कैंडिडेट कौन होगा. 2020 का चुनाव महागठबंधन ने तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा और मात्र 12 हजार वोट से हम लोग हारे. इंडिया गठबंधन जितना मजबूत होगा आरजेडी को उतना लाभ होगा. महागठबंधन में रहकर कांग्रेस लड़ेगी. हम लोग अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं. इससे सहयोगी दलों को लाभ होगा. बता दें राहुल गांधी चुनावी साल में तीन बार बिहार आ गए हैं. दलित समाज से आने वाले राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. युवा चेहरा कन्हैया कुमार को आगे किया गया है. पलायन रोजगार को लेकर वे पदयात्रा कर रहे हैं. यह वैसे मुद्दे हैं जो तेजस्वी उठाते रहे हैं. पदयात्रा में राहुल गांधी खुद शामिल हुए. तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार कांग्रेस के नेता फिलहाल नहीं मान रहे हैं. हालांकि इसमें शक नहीं है कि तेजस्वी महागठबंधन की सीएम फेस नहीं होंगे. यह भी पढ़ें- 'RJD खुश रहे या न रहे इससे…', पप्पू यादव ने बढ़ाई लालू-तेजस्वी की टेंशन, बिहार में अकेले लड़ेगी कांग्रेस?

महागठबंधन में टेंशन! RJD ने कहा- बिहार में वो सबसे बड़ी पार्टी, तेजस्वी होंगे CM, कांग्रेस के जवाब ने भी चौंकाया
लेखिका: सुमित्रा शर्मा, टीम नेता नगरी
राजनीतिक हलचल के बीच बिहार का महागठबंधन एक बार फिर से चर्चा में है। हाल ही में, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने दावा किया है कि वे बिहार में सबसे बड़ी पार्टी हैं और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री (CM) के पद के लिए उनकी प्राथमिकता होंगे। दूसरी ओर, कांग्रेस ने इस पर जवाब दिया है जो राजनीतिक दृश्य को और भी रोमांचक बना रहा है। चलिए जानते हैं इस ताजा घटनाक्रम के बारे में।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
महागठबंधन, जिसमें RJD, कांग्रेस और अन्य छोटे दल शामिल हैं, बिहार में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। लेकिन, पिछले कुछ समय से महागठबंधन के भीतर उठते मतभेदों के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। RJD के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि उनकी सत्ता में सबसे बड़ी भूमिका रहेगी और तेजस्वी यादव ही CM बनेंगे।
RJD का दावा
RJD के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले चुनावों में जो प्रदर्शन किया है, वह इसे साबित करता है कि वे बिहार की सत्ता में सबसे प्रबल दावेदार हैं। "हमने राज्य की जनता के बीच एक मजबूत आधार बनाया है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनें," प्रवक्ता ने कहा। यह बयान उन सभी राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक संकेत है जो इस गठबंधन की असलियत को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस का चौंकाने वाला जवाब
कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया है कि RJD को यह समझना चाहिए कि महागठबंधन एक सहयोगात्मक प्रयास है और किसी पार्टी को अकेले निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि सभी दलों की भागीदारी महत्वपूर्ण है और किसी एक पार्टी का वर्चस्व स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस जवाब ने महागठबंधन के भीतर गहराई से उठते सवालों को और भी जटिल बना दिया है।
आगे की राह
राजनीतिक खेल में घटित हो रही इस तरह की घटनाएँ यह दिखाती हैं कि महागठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठ रहा है। तेजस्वी यादव के लिए यह एक अवसर हो सकता है लेकिन क्या वे अपने सहयोगियों के साथ इस तनाव को संभाल पाने में सक्षम होंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक भी अपनी राय सिर्फ उस समय के आसपास ही दे पाएंगे, जब चुनाव के समय निकट आएगा।
निष्कर्ष
महागठबंधन की स्थिति और तेजस्वी यादव की संभावित मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के पीछे का सच अब राजनीतिक अध्ययन का हिस्सा बन चुका है। कहीं न कहीं, इस विवाद ने बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है। यह समझना आवश्यक है कि मतदाता की राय ही अंतिम निर्णय लेगी। आने वाले समय में महागठबंधन के वोटबैंक को एकजुट रखना सबकी सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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