भारतीय सैन्य अकादमी का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन: 55वें नियमित और 39वें तकनीकी स्नातक कोर्स के पूर्व छात्रों की अनोखी भेंट

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून ने सेवा निवृत अधिकारियों के एक उल्लेखनीय समूह का एक हृदयस्पर्शी पुनर्मिलन में स्वागत किया, जिन्होंने पचास साल पहले युवा सैन्य अफसरों के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी। 55 नियमित और 39 तकनीकी स्नातक कोर्स के 153 पूर्व अधिकारी, जो 1975 में आईएमए से पास आउट हुए […] Source Link: भारतीय सैन्य अकादमी में 55वें नियमित और 39वें तकनीकी स्नातक कोर्स का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन

Jun 23, 2025 - 00:37
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भारतीय सैन्य अकादमी का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन: 55वें नियमित और 39वें तकनीकी स्नातक कोर्स के पूर्व छात्रों की अनोखी भेंट
भारतीय सैन्य अकादमी में 55वें नियमित और 39वें तकनीकी स्नातक कोर्स का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन

भारतीय सैन्य अकादमी का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन: 55वें नियमित और 39वें तकनीकी स्नातक कोर्स के पूर्व छात्रों की अनोखी भेंट

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देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) ने हाल ही में एक अनोखा पुनर्मिलन समारोह आयोजित किया, जिसमें 1975 में युवा सैन्य अधिकारियों के रूप में प्रशिक्षण लेने वाले 153 पूर्व अधिकारी एकत्रित हुए। यह पुनर्मिलन उन बहादुर अधिकारियों की यात्रा का जश्न मनाने के लिए था, जिन्होंने पचास साल पहले देश की रक्षा में कदम रखा था। 21 और 22 जून 2025 को आयोजित इस विशेष समारोह में कोर्स की सात वीर नारियां भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस सम्मानित समारोह को और भी खास बना दिया।

आईएमए: एक गौरवमयी विरासत

भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1932 में हुई थी, और यह भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र है। यहां प्रशिक्षित कैडिट्स को न सिर्फ सैन्य कौशल सिखाए जाते हैं, बल्कि उन्हें नेतृत्व, अनुशासन और आत्म-विश्वास जैसे मूल्य भी दिए जाते हैं। यह समारोह इन पूर्व कैडिट्स की उपलब्धियों को याद करता है, जिन्होंने दशकों तक भारत की सेवा की है।

पुनर्मिलन का विशेष महत्व

यह पुनर्मिलन एक तरह से स्वर्ण जयंती समारोह बन गया, जिसने पुनः उन यादों को ताजा कर दिया, जब ये युवा अधिकारी आईएमए में अपने प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे थे। यहां, पूर्व अधिकारियों ने न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि देश की सेवा में उनके द्वारा किए गए कार्यों की कहानियों को भी जीवंत किया। कई अधिकारी देश में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने उत्कृष्टता का परिचय दिया है।

शहीदों के प्रति सम्मान

इस भव्य समारोह के दौरान, पूर्व सैन्य अधिकारियों ने अपने शहीद साथियों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया। यह क्षण उनके लिए बेहद भावनात्मक था, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल नागेन्द्र सिंह ने इन पूर्व अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि आईएमए अपने शिक्षार्थियों को कभी नहीं भूलता।

समारोह के समापन पर आभार

समारोह के समापन के अवसर पर कर्नल सुखराम चौधरी ने आईएमए के कमांडेंट का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने सभी पूर्व अधिकारियों को एकत्रित होने के लिए धन्यवाद कहा और अनुभव साझा करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। यह पुनर्मिलन आईएमए और वहां उपस्थित सभी लोगों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा, जिसमें सभी ने अपनी यादों को ताजा किया और यादगार लम्हों को साझा किया।

कम शब्दों में कहें तो, यह पुनर्मिलन न केवल एक उत्सव था, बल्कि एक ऐसा अवसर भी था, जिसने पिछले पचास वर्षों की यादों को संजोया। ऐसे समारोह देश की सामूहिक यादों का हिस्सा बनते हैं, जो आने वाले पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहते हैं।

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इस लेख को तैयार किया है: सिमा शर्मा, टीम Netaa Nagari

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